केदारनाथ विधानसभा के आनलाइन सर्वे में दिग्गजो को पछाड़कर जनता की पहली पंसद बने भाजपा के युवा नेता जयवर्धन शोषित, वंचित व पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ-साथ अब समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने के लिए जी जान से समाज सेवा में जुटे जयवर्धन काण्डपाल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। ना केवल सामाजिक सेवा बल्कि वर्षों से नैनीताल हाईकोर्ट में बतौर अधिवक्ता न जाने कितने लोगों को न्याय देकर समाज में इज्जत से जीने की राह दिखाई है। मूलतः बैंजी काण्डई ;दशज्यूलाद्ध रुद्रप्रयाग निवासी जयवर्धन काण्डपाल की उच्च शिक्षा गोपेश्वर से पूर्ण हुई।

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उन्होंने भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर शिक्षा हासिल की, साथ ही बी.एड. पूर्ण करके एल एल.बी. की शिक्षा ग्रहण की। वर्ष 1999 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आने के उपरांत से लगातार संघ से जुड़कर हिंदुत्व का बोध कराने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जुड़ने के बाद वर्ष 2000 में प्रचार मंत्री, वर्ष 2001 में काॅलेज संयोजक, वर्ष 2003 में सह जिला संयोजक, 2005 में विभाग संयोजक, वर्ष 2007 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप निकल कर उधम सिंह नगर में जिला संगठन मंत्री रहे, आपने एक कुशल वक्ता व संगठन कर्ता के रूप में अपनी अलग छाप छोड़ी, 2008 में आपको नैनीताल विभाग में विभाग संगठन मंत्री की जिम्मेदारी दी गई, वर्ष 2009 पूर्णकालिक जीवन से वापस आने के उपरांत प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। आपकी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में होने वाले सृजनात्मक व आंदोलनात्मक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वो चाहे देहरादून से लेकर दिल्ली में शिक्षा बचाओ आंदोलन हो, बंग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ चिकन नैक में छात्र गर्जना हो हर आन्दोलन में भाग लिया। विवेकानंद सन्देश यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड के कोने-कोने में सम्पर्क किया व देशप्रेम की अलख जागने में अपना योगदान दिया। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में छात्र छात्राओं की समस्याओं से जुड़े रहने के बाद उनके निराकरण की दिशा में अपनी भूमिका निभाने के बाद वर्ष 2004 में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीतने के उपरांत कई छात्र आंदोलनों का नेतृत्व किया। केम्पस में बेहतर शैक्षिक वातावरण निर्माण के लिए दिए गए योगदान के लिए काण्डपाल याद किये जाते हैं। एक अनुशासित छात्र के साथ-साथ शिष्ट, स्पष्ट वक्ता व तेज तर्रार छात्र नेता के रूप में विशिष्ट पहचान बनाई। छात्र संघ अध्यक्ष बनने के बाद से लगातार क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर मुखर रूप से लड़ाई लड़ते रहे। पूर्णकालिक जीवन से वापसी व एल.एल.बी. पढ़ाई पूर्ण करने के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की। जयवर्धन ने कम समय में अलग स्थान बनाया व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में महासचिव का चुनाव लड़कर जीत हासिल की। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव रहने के बाद से फिलहाल केदारनाथ विधानसभा से एम.एल.ए. की तैयारी कर रहे हैं । काण्डपाल केदारनाथ घाटी के प्रत्येक गांव के साथ-साथ तल्ला नागपुर में जनता के बीच सीधे संवाद कर अपनी गहरी पैठ बना चुके हैं। संघ के पूर्णकालिक कार्यकत्र्ता रह चुके काण्डपाल केदारनाथ विधानसभा के सभी भाजपा प्रत्याशियों में सबसे युवा प्रत्याशी है। हाल ही किए गए एक आनलाईन सर्वे में उन्हें भाजपा दावेदारो में सबसे चेहता दावेदार माना गया है। सामाजिक कार्यो में निरन्तर सक्रिय रहने वाले काण्डपाल ने गुप्तकाशी की सामाजिक संस्था उपहार समिति के साथ जुड़कर 36 से अधिक निर्धन बेटियों की शादी में भी आर्थिक मदद पहुंचाई है।। कुशल वक्ता, सहृदयी कवि के साथ है चित्रकार दिल ओजस्वी वाणी से मंत्रमुग्ध करने वाले युवा नेता जयवर्धन कई खूबियों के धनी भी है। पूर्णकालिक संघी रह चुके काण्डपाल की प्रखर संवाद शैली उन्हें नेतृत्वकारी शख्शियत बनाती है। समाजहित में निरन्तर संघर्षशील रहते हुए ‘सबका साथ,सबका विकास’ महामंत्र के साथ सेवा संकल्प का उनका अभियान उन्हें वैचारिक प्रतिनिधि के रूप में स्थापित कर चुका है। जयवर्धन काण्डपाल कुशल वक्ता होने के साथ लोकप्रिय कवि और चित्रकार भी है। कवि सम्मेलनों और आकाशवाणी से भी उनकी कविताए प्रसारित हो चुकी है। उनके द्वारा रचित गढ़वाली भाषा की नागपुरिया बोली में ‘नौ-नाज’ गढ़वाली गज़ल विधा की पहली पुस्तक लोकसाहित्य की अनुपम कृति है। इससे पूर्व उनकी दो अन्य काव्य कृतियाँ भी प्रकाशित हो चुकी है। जयवर्धन रेखाचित्रों के सि(हस्त चित्रकार है। उनके बनाये रेखाचित्र कई पुस्तकों के मुखपृष्ठों की शोभा बड़ा चुके है। संतोष बेंजवाल / वरिष्ठ पत्रकार उत्तराखण्ड