पहाड़ी जनाग्रह के संस्थापक महावीर जगवाण लड़ेगे रूद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव जनमुद्दों पर लगातार प्रखर रहे जगवाण पहाड़ के उन बांशिदों में एक है जिन्होंने पहाड़ के सुखमय भविष्य के लिए अपना तन-मन-धन समर्पित किया है। आज जहाँ चुनावों में भ्रष्ट, चोर, माफियाओं और दल-बदलुओं का बोलबाला है वही जगवाण जैसे समर्पित जननेता का चुनाव लड़ना जनता के लिए एक बेहतर विचारवान विकल्प को सामने रखता है।

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पहाड़ के जनसरोकारों और स्थानीय स्तर पर रोजगार को लेकर रचनात्मक प्रयासों के लिए जाने वाले तिलवाड़ा निवासी समाजसेवी महावीर सिंह जगवाण ने रूद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। चुनाव लड़ने की मंशा के पीछे समाजसेवी जगवाण बताते है कि उत्तराखण्ड बने हुए दो दशक से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन राज्य की तमाम सरकारे खेती, किसानी, स्वरोजगार और जल, जंगल, जमीन, जवानी के संरक्षण के रूप में कोई ठोस क्रान्ति नहीं ला सकी है। पहाड़ के गांव, मौहल्ले, छानी, खेतों में कही ऐसा नहीं दिखता जो सरकार के बड़े-बड़े दावों की पुष्टि करता हो। निश्चित रूप से पहाड़ के भीतर जमीन में और सरकार की नीतियों में बहुत बड़ा अंतर है। यह अंतर समय पर पाटा नहीं गया तो इसका बड़ा नुकसान होगा। मेरा निर्दलीय चुनाव लड़ने के पीछे यही उद्देश्य है कि सरकार की नीतियों में जमीनी विषय आए। सरकार की जो येाजनाएं है उनकी धरातलीय जवाबदेही और उत्पादकता बड़े, ताकि आने वाले समय में एक बेहतर विधानसभा के रूप में रूद्रप्रयाग विधानसभा उभरे। महावीर सिंह जगवाण खेती किसानी और स्वरोजगार की बेहतरी को लेकर हमेशा से रचानात्मक कार्य करते रहे है। इसके लिए वो ‘पहाड़ी जनाग्रह’ नाम से एक मुहिम भी चला रहे है। उनके द्वारा गांवों की बंजर जमीनों पर फल पट्टी विकसित करने का अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को प्रेरणा मिली है। उनके द्वारा पहाड़ के स्थानीय उत्पादों को बजार दिलाने के लिए सराहनीय प्रयास किए गए है। जनमुद्दों पर लगातार प्रखर रहे जगवाण पहाड़ के उन बांशिदों में एक है जिन्होंने पहाड़ के सुखमय भविष्य के लिए अपना तन-मन-धन समर्पित किया है। आज जहाँ चुनावों में भ्रष्ट, चोर, माफियाओं और दल-बदलुओं का बोलबाला है वही जगवाण जैसे समर्पित जननेता का चुनाव लड़ना जनता के लिए एक बेहतर विचारवान विकल्प को सामने रखता है। [caption id="attachment_23857" align="alignleft" width="150"] दीपक बेंजवाल, सम्पादक[/caption] दीपक बेंजवाल