रूद्रप्रयाग सीट पर अन्य पार्टीयों के बनिस्पत इस बार भी विधायक भरत चौधरी का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। मोदी लहर का फायदा इस बार भी उन्हें जीत का सेहरा दिला सकता है बशर्ते पार्टी के अंदर पनप रहे भीतरीघात से उनके वोटबैंक पर जरूर असर न पड़े। रूद्रप्रयाग विधानसभा में भरत चौधरी खिलाएंगे जीत कमल

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रुद्रप्रयाग विधानसभा से 29333 रिकार्डतोड़ वोटो से जीत दर्ज करने वाले भरत सिंह चौधरी पर एक बार फिर भाजपा ने अपना दाँव खेला है। तमाम अटकलों और पार्टी में अंतर्कलह के बावजूद भी चौधरी को टिकट देकर पार्टी ने पिछले जनमत का सम्मान किया। वर्ष 2017 में रूद्रप्रयाग विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी भरत चौधरी को कुल 29,333 मत प्राप्त हुए, जबकि दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा को कुल 14,701 मत पर ही संतोष करना पड़ा और 14632 वोटो के बड़े अंतर से भरत चौधरी चुनाव जीत गए। जबकि इससे पहले चौधरी पांच विधानसभा चुनाव हार चुके थे। इन चुनावों में तीसरे स्थान पर रहे स्वतंत्र प्रत्याशी और पूर्व में कांग्रेस से जुड़े प्रदीप थपलियाल को 5818 मत, अगस्त्यमुनि ब्लाक प्रमुख जगमोहन सिंह रौथाण को 3342 मत, बसपा से सुरजीत लाल को 1266 मत, माक्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के ललिता प्रसाद भट्ट को 801 मत, उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के देवेन्द्र चमोली को 359 मतों से संतोष करना पड़ा। चार अन्य निर्दलीय जिनमें भगवती प्रसाद को 746, जयओम प्रकाश को 711, जगदीश सिंह को 642 और अनिल रावत को 237 मत प्राप्त हुए, जबकि 220 मतों पर नोटा प्राप्त हुआ। रूद्रप्रयाग सीट पर अन्य पार्टीयों के बनिस्पत इस बार भी विधायक भरत चौधरी का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। मोदी लहर का फायदा इस बार भी उन्हें जीत का सेहरा दिला सकता है बशर्ते पार्टी के अंदर पनप रहे भीतरीघात से उनके वोटबैंक पर जरूर असर पड़ेगा। सूत्रों की माने तो उनके अपने गृह क्षेत्र में भी उनके लिए विरोध के स्वर उठ रहे है। हालांकि सीटिंग विधायक होने के नाते कुछ जगहों पर उनके लिए विरोध अवश्य है लेकिन अधिकांश गांवों, क्षेत्रों में उनके द्वारा किए गए विकास कार्य और समय-समय पर भ्रमण को उनकी जीत के लिए रामबाण माना जा सकता है। उन्होंने अपनी विधायक निधि का 51 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के आधुनिकीकरण पर खर्च किया है, जिसका लाभ आज क्षेत्र के अनेको अनेक विद्यार्थियों को मिला है। सड़क, स्वास्थ्य के लिए भी उनके द्वारा उल्लेखनीय कार्य हुए है, कोरोनाकाल में शंकराचार्य माधवाश्रम अस्पताल में आक्सीजन प्लांट को भी बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। इसके साथ ही विधानसभा के लगभग प्रत्येक गांव को उन्होंने अपनी विधायक निधि से लाभान्वित करने का कार्य किया ही है साथ ही क्षेत्र के प्रत्येक महिला मंगल दल को भी प्रोत्साहन राशि देकर हौसला दिया है। आम जन द्वारा मदद के लिए किए गए फोनों पर तत्काल कार्यवाही के लिए उनकी तारीफे भी होती रही है। कुल मिलाकर जनता के बीच उनकी विकासवादी छवि है, जिसका लाभ उन्हें इस बार भी जीत के रूप में मिल सकता है। हालांकि इस बार भी उनकी टक्कर कांग्रेस, यूकेडी, आम आदमी पार्टी समेत आधे दर्जन से अधिक निर्दलीय प्रत्याशीयों से होगी। [caption id="attachment_23857" align="alignleft" width="150"] दीपक बेंजवाल, सम्पादक[/caption] दीपक बेंजवाल