विधानसभा चुनावों की आचार संहिता को देखते हुए उत्तराखण्ड के लिए सीधे तौर पर घोषणा नहीं की गई है लेकिन पर्वतमाला प्रोजक्ट के रूप में पहाड़ों में सुगम सफर का रास्ता जरूर खोला गया है। इससे जहाँ उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय स्तर पर पर्यटन रोजगार के रूप में अवसर पैदा होंगे।

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चुनावी माहौल में केन्द्र सरकार ने पहाड़ को लुभाने की भरसक कोशिश की है। पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ और हेमकुंड को रोप वे से जोड़ने की राह आसान हो गई है वही पहाड़ में सड़के से सुरक्षित यातायात के लिए उत्तराखण्ड में नई टनलों की मंजरी ने भी उम्मीदों को जगा दिया है। विधानसभा चुनावों की आचार संहिता को देखते हुए उत्तराखण्ड के लिए सीधे तौर पर घोषणा नहीं की गई है लेकिन पर्वतमाला प्रोजक्ट के रूप में पहाड़ों में सुगम सफर का रास्ता जरूर खोला गया है। इससे जहाँ उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय स्तर पर पर्यटन रोजगार के रूप में अवसर पैदा होंगे। हाल ही में उत्तराखण्ड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविन्दघाट से होमकुंड साहिब तक रोप वे बनाने की घोषणा कर चुके है। केंद्रीय वित्त मंत्री सीता रमण ने पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के सुरक्षित विकल्प तलाशने पर जोर दिया है। इससे पहाड़ों में नई टनलों की मंजूरी मिलने की उम्मीद जगी है। विदित है कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन में पहले से ही 17 टनल प्रस्तावित है, इनमें से कुछ बनकर तैयार भी हो चुकी है। बजट में 25 हजार किमी के नए हाईवे बनाने का भी ऐलान हुआ है। सामरिक दृष्टि को देखते हुए कुछ हाईवे उत्तराखण्ड को भी मिल सकते है। बजट में सीमांत क्षेत्र के गांवों में पर्यटन सुविधा बढ़ाने पर भी जोर दिया है। चीन-नेपाल सीमा से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड के चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी जिले के अनेक गांव सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है। इन गांवों में पलायन रोकने के साथ जरूरी सुविधाए मुहैया कराने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। #चित्र साभारित