डियर कांग्रेस जनों, मैंने पहले ही कहा था कि उत्तराखंड में तो आपकी सोशल मीडिया टीम बहुत कमजोर है, प्रदेश के मुद्दों की समझ, उनके लिए कंटेंट और उसे प्रोजेक्ट करने का तो अंदाजा ही नहीं कि कब कहाँ कैसे और क्या प्रोजेक्ट करना है ...? भरपूर मुद्दों के होते हुए भी इतनी वीरानगी अफसोसजनक है। टु बी वेरी क्लियर विद ड्यू रिस्पेक्ट कि दिल्ली के दलालों के भरोसे सोशल मीडिया पर जारी हो रहे पोस्टरों से कुछ नही होने वाला इसे लिख कर ले लीजिए इनसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

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सबसे महत्त्वपूर्ण बात कि चुनाव के अंतिम दिनों तक प्रतिद्वंदी दल द्वारा सोशल मीडिया पर जम कर बखिया उधेड़ी जाएगी इसका जीता जागता उदाहरण जुम्मे की छुट्टी वाला वायरल आदेश है कि सफाई न दोगे तो भी फँसोगे और दोगे तो भी फँसोगे , स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की जगह दूसरी यूनिवर्सिटी कैसे प्रोजेक्ट कर दी जाती है आने वाले दो दिनों में ही इसे भी देख लीजिएगा तो समझ आ जायेगा कि क्या होने वाला है हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। तीसरी बात कि अगर दिल्ली वालों के पोस्टरों के भरोसे न बैठे होते तो अब तक जनता के बीच मुद्दों को घर कर चुके होते ताकि मतदाता मुद्दों पर बहस करते न कि वायरल किये जा रहे पत्रों पर , लेकिन मुद्दों को जनता के बीच ले जाने के लिए दिल्ली के तुर्रीकट लौंडों को लैपटॉप पकड़ाने की जो भूल कर चुके हो उसे अभी भी वक्त है सुधार लीजिये वरना अंत में घिर जाने का ही विकल्प होगा।अभिमन्यु नहीं अर्जुन बनो वरना बाजी हाथ से निकल जायेगी हमारा क्या है हम तो जिसकी सरकार बने यकीनन उसके तय विपक्ष हैं। [caption id="attachment_24585" align="aligncenter" width="960"] अखिलेश डिमरी, देहरादून[/caption]