स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, देश दुनिया में छाई शोक की लहर, उत्तराखंड से था गहरा नाता
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06/02/202211:02 am
आज सुबह हिंदी सिनेमा जगत के लिए बेहद दुखद खबर आई है। महान गायिका लता मंगेशकर का निधन हो गया है। खराब स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहीं महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार की सुबह 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी बहन उषा मंगेशकर ने यह जानकारी दी। वह पिछले करीब एक महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। जानकारी के अनुसार सुबह 8.12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। आठ जनवरी को वह कोरोना संक्रमित हुई थीं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘देश की शान और संगीत जगत की सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के किए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थीं।’
अपने लगभग 78 साल के करियर में करीब 25 हजार गीतों को अपनी आवाज देने वाली लता मंगेशकर को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया था। तीन बार उन्होंने राष्ट्रीय अवार्ड अपने नाम किया था। अपनी मधुर आवाज से लोगों को मोह लेने वाली लता मंगेशकर को प्रतिष्ठित भारत रत्न और दादा साहेब फालके अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
लता मंगेशकर ने हिंदी के साथ कई क्षेत्रीय भाषा के गीतों को भी स्वर दिया था। गढ़वाली भाषा में उनके द्वारा गाया गया ” मन भरमैगै ” गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था।ये गीत मूल रूप से रैबार फ़िल्म के लिए बनाया गया था जिसके निर्माता किशन पटेल व निर्देशक सोनू पंवार थे।
सुर जगत की सबसे लोकप्रिय गायिका आदरणीय लता जी को दस्तक पत्रिका परिवार हृदय चक्षुओं से श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
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मंगेशकर का रविवार की सुबह 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी बहन उषा मंगेशकर ने यह जानकारी दी। वह पिछले करीब एक महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में
भर्ती थीं। जानकारी के अनुसार सुबह 8.12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। आठ जनवरी को वह कोरोना संक्रमित हुई थीं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लता मंगेशकर के
निधन पर शोक व्यक्त किया है। नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘देश की शान और संगीत जगत की सिरमौर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का निधन बहुत ही दुखद है।
पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के किए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थीं।’
अपने लगभग 78 साल के करियर में करीब 25 हजार गीतों को अपनी आवाज देने वाली लता मंगेशकर को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया था। तीन बार उन्होंने राष्ट्रीय
अवार्ड अपने नाम किया था। अपनी मधुर आवाज से लोगों को मोह लेने वाली लता मंगेशकर को प्रतिष्ठित भारत रत्न और दादा साहेब फालके अवार्ड से भी सम्मानित किया गया
था।
लता मंगेशकर ने हिंदी के साथ कई क्षेत्रीय भाषा के गीतों को भी स्वर दिया था। गढ़वाली भाषा में उनके द्वारा गाया गया ” मन भरमैगै ” गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था।ये
गीत मूल रूप से रैबार फ़िल्म के लिए बनाया गया था जिसके निर्माता किशन पटेल व निर्देशक सोनू पंवार थे।
सुर जगत की सबसे लोकप्रिय गायिका आदरणीय लता जी को दस्तक पत्रिका परिवार हृदय चक्षुओं से श्रद्धांजलि अर्पित करता है।