टिकट न मिलने से आशा भुली की नारजगी को अब दीदी शैलारानी रावत ने गले मिलकर काफी हद तक कम कर दिया है। अब दीदी-भुली की यह जोड़ी केदारनाथ विधानसभा में भाजपा के नाम पर घर-घर जाकर वोट मांगेगी।

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मशहूर फिल्म शोले का गाना ये दोस्ती हम नहीं तोड़ंगे इन दिनों केदारघाटी के बदलते माहौल पर फिट बैठ रहा है। टिकट दावेदारी को लेकर मची घमासान के बाद अब गले शिकवे दूर करते हुए गलाभेंट कर दोस्ती की मिसाले दी जा रही है। ऐसी ही कुछ मिसाल भाजपा की प्रत्याशी शैलारानी रावत और दूसरी मजबूत दावेदार आशा नौटियाल के गले मिलने से दिखाई दे रही है। मतलब कहे तो पूरी फीलिंग.... टिकट न मिलने से आशा भुली की नारजगी को अब दीदी शैलारानी रावत ने गले मिलकर काफी हद तक कम कर दिया है। अब दीदी-भुली की यह जोड़ी केदारनाथ विधानसभा में भाजपा के नाम पर घर-घर जाकर वोट मांगेगी। भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत पहले ही सार्वजनिक बयान देकर सभी दावेदारी को साथ आने का आहावन कर चुकी है। उनका कहना है कि केदारघाटी में कमल खिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है। सभी दावेदार योग्य है, पार्टी के लिए समर्पित भाव से जुटे रहते है लेकिन बारह दावेदारों में किसी एक को ही टिकट मिलना था। मैं सबकी आशाओं पर खरा उतरने का प्रयास करूंगी। केदारनाथ प्रधानमंत्री के सपनों का क्षेत्र है, हम सभी को मिलकर मोदी जी के लिए यहां से कमल खिलाना है। शैलारानी राजनीति की धुर खिलाड़ी मानी जाती है, उनकी बेबाकी और नेतृत्व क्षमता से भी क्षेत्रवासी बखूबी परिचित है ऐसे में उनकी दावेदारी से विपक्षी दलों में भी खबराहट शुरू हो गई है। भाजपा के टिकट आवंटन से पूर्व और अब में केदारघाटी मंे राजनीतिक समीकरण बदल चुके है। यह बदलाव भाजपा के पक्ष में माहौल बना सकता है। हालांकि कयास लगाए जा रहे थे कि शैलारानी को टिकट मिलने के बाद भाजपा में बगावत हो सकती है, लेकिन इन सबसे उलट धीरे-धीरे अब पुराने सभी दावेदार भाजपा के चुनाव प्रचार में जुट गए है। हालांकि भीतरीघात होगा यह भी तय है लेकिन कितना होगा यह चुनावों के बाद ही पता लगेगा। दीपक बेंजवाल/अगस्त्यमुनि