निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत ने मदमहेश्वर व कालीमठ घाटियों के पाली सरूणा, फापज, मनसूना, गिरीया, बुरूवा, राऊलैंक, रासी, उनियाणा, बेडूला सहित विभिन्न गांवों का भ्रमण कर जनता का आशीर्वाद मांगा! उनके मदमहेश्वर घाटी आगमन पर ग्रामीणों ने फूल – मालाओं से भव्य स्वागत किया ! निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत ने दर्जनों गांवों का भ्रमण कर कहा कि मदमहेश्वर व कालीमठ घाटी में तीर्थाटन व पर्यटन की अपार सम्भावनाये है, यदि मदमहेश्वर व कालीमठ घाटी में तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा देने की सामूहिक पहल की जाती है तो स्थानीय वेरोजगारो को स्वरोजगार से जुड़ने के साथ स्थानीय उत्पादों को भी बढा़वा मिल सकता है! उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि यदि उन्हें जनता का आशीर्वाद मिला तो रासी – मनणामाई, मदमहेश्वर – पाण्डव सेरा – नन्दीकुण्ड व गडगू – बुरूवा – विसुणीताल, चौमासी खाम – केदारनाथ, गडगू – ताली – रौणी, देवरिया ताल – विसुणीताल, तुंगनाथ – चोपता – विसुणीताल पैदल ट्रेको को विकसित करने के लिए सघर्ष किया जायेगा! उन्होंने कहा कि मदमहेश्वर घाटी के बुरुवा व गडगू गांवों के ऊपरी हिस्से व सोन पर्वत के तलहटी में बसे विसुणीताल को प्रकृति ने अपने वैभवो का भरपूर दुलार दिया है तथा बरसात ऋतु में विसुणीताल के भूभाग में अनेक प्रजाति के पुष्पों के खिलने से यहाँ स्वर्ग के समान परम आनन्द की अनुभूति होती है मगर दोनों गांवों के पैदल ट्रेको के विकसित न होने से प्रकृति का अनमोल खजाना दुनिया की नजरों से ओझिल है! उन्होंने कहा कि पाण्डव सेरा में आज भी पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्र पूजित है तथा नन्दीकुण्ड के प्राकृतिक छटा से रूबरू होने के मानव जीवन के दु:ख दर्दों को भूल जाता है मगर इन तीर्थ व पर्यटक स्थलों के समुचित विकास में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम बाधक बना हुआ है इसलिए भविष्य में क्षेत्र के सभी तीर्थ व पर्यटक स्थलों के चहुंमुखी विकास के लिए सामूहिक पहल की जायेगी जिससे युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके! उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 22 वर्षों बाद भी क्षेत्र में लघु उद्योगों का बढावा नहीं मिल सका है जबकि क्षेत्र में आलू चिप्स, चूस प्लाट लगाकर दर्जनों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना जा सकता है! इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य संगीता नेगी, लवीश राणा सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे!
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निर्दलीय कुलदीप रावत के समर्थन में उमड़ा मद्महेश्वर घाटी जन सैलाब
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लक्ष्मण नेगी / ऊखीमठ
निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत ने मदमहेश्वर व कालीमठ घाटियों के पाली सरूणा, फापज, मनसूना, गिरीया, बुरूवा, राऊलैंक, रासी, उनियाणा, बेडूला सहित विभिन्न
गांवों का भ्रमण कर जनता का आशीर्वाद मांगा! उनके मदमहेश्वर घाटी आगमन पर ग्रामीणों ने फूल - मालाओं से भव्य स्वागत किया ! निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत ने
दर्जनों गांवों का भ्रमण कर कहा कि मदमहेश्वर व कालीमठ घाटी में तीर्थाटन व पर्यटन की अपार सम्भावनाये है, यदि मदमहेश्वर व कालीमठ घाटी में तीर्थाटन व पर्यटन
को बढ़ावा देने की सामूहिक पहल की जाती है तो स्थानीय वेरोजगारो को स्वरोजगार से जुड़ने के साथ स्थानीय उत्पादों को भी बढा़वा मिल सकता है! उन्होंने
ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि यदि उन्हें जनता का आशीर्वाद मिला तो रासी - मनणामाई, मदमहेश्वर - पाण्डव सेरा - नन्दीकुण्ड व गडगू - बुरूवा - विसुणीताल,
चौमासी खाम - केदारनाथ, गडगू - ताली - रौणी, देवरिया ताल - विसुणीताल, तुंगनाथ - चोपता - विसुणीताल पैदल ट्रेको को विकसित करने के लिए सघर्ष किया जायेगा! उन्होंने
कहा कि मदमहेश्वर घाटी के बुरुवा व गडगू गांवों के ऊपरी हिस्से व सोन पर्वत के तलहटी में बसे विसुणीताल को प्रकृति ने अपने वैभवो का भरपूर दुलार दिया है तथा
बरसात ऋतु में विसुणीताल के भूभाग में अनेक प्रजाति के पुष्पों के खिलने से यहाँ स्वर्ग के समान परम आनन्द की अनुभूति होती है मगर दोनों गांवों के पैदल
ट्रेको के विकसित न होने से प्रकृति का अनमोल खजाना दुनिया की नजरों से ओझिल है! उन्होंने कहा कि पाण्डव सेरा में आज भी पाण्डवों के अस्त्र - शस्त्र पूजित है
तथा नन्दीकुण्ड के प्राकृतिक छटा से रूबरू होने के मानव जीवन के दु:ख दर्दों को भूल जाता है मगर इन तीर्थ व पर्यटक स्थलों के समुचित विकास में केदारनाथ
वन्यजीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम बाधक बना हुआ है इसलिए भविष्य में क्षेत्र के सभी तीर्थ व पर्यटक स्थलों के चहुंमुखी विकास के लिए सामूहिक पहल की
जायेगी जिससे युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके! उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 22 वर्षों बाद भी क्षेत्र में लघु उद्योगों का बढावा नहीं मिल सका है
जबकि क्षेत्र में आलू चिप्स, चूस प्लाट लगाकर दर्जनों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना जा सकता है! इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य संगीता नेगी, लवीश राणा सहित
दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे!