रुद्रप्रयाग में वोटिंग से दो दिन पहले यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी पर हुए जानलेवा हमले में आज नया मोड़ आया है,  रुद्रप्रयाग पुलिस ने पूरे मामले की जांच के बाद मामले का खुलासा करते हुए यूकेडी प्रत्याशी पर चुनाव में सहानुभूति पाने के लिए फर्जी हमले की साजिश रचने की बात कही है। वहीं दूसरी और मोहित पुलिस कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुवे पुलिस प्रशासन को सत्ता के दवाब में आकार कार्यवाही बताकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं   पुलिस द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान समय में उत्तराखण्ड राज्य में प्रचलित विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 से सम्बन्धित आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। इस बीच सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य सहित जनपद रुद्रप्रयाग में दिनांक 14.02.2022 को मतदान सकुशल सम्पन्न हो गये हैं। मतदान से ठीक 02 दिवस पूर्व

Featured Image

दिनांक 12.02.2022 की रात्रि को जनपद रुद्रप्रयाग में हुए एक घटनाक्रम ने हर किसी को सोचने में मजबूर कर दिया गया था, कि क्या वास्तव में पहाड़ भी सुरक्षित नहीं रहे? क्या ऐसा वातावरण पहाड़ मे भी रच बस गया है? चूंकि माहौल चुनावी था तो कुछ भी सम्भव नहीं! इसी को हर कोई सच समझ रहा था। इसी घटनाक्रम के सन्दर्भ में अवगत कराना है कि दिनांक 12.02.2022 की रात्रि तकरीबन 11ः00 बजे के आसपास जनपद पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि, जनपद रुद्रप्रयाग की 08 विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग से उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के प्रत्याशी श्री मोहित डिमरी पर 02 अज्ञात बाइक सवारों अर्थात कुल 04 लोगों द्वारा उन पर हमला तथा उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। घटनाक्रम की गम्भीरता को देखते हुए इस सूचना पर तत्काल पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग और प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग घटनास्थल पर गये थे, परन्तु घटनास्थल पर कोई भी पीड़ित एवं उनके साथी मौजूद नहीं मिले थे। अपितु वहां पर अन्य कुछ लोग जो कि, इस घटना का पता चलने के बाद वहां आ गये थे, उनसे जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि, इस घटना के पीड़ितों द्वारा घटनास्थल से नजदीकी निजी चिकित्सालय में जाकर स्वयं का उपचार कराया जा रहा था। पुलिस द्वारा निजी चिकित्सालय पहुंचकर वहां से इनको सरकारी अस्पताल जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग ले जाकर मेडिकल कराया गया तथा इनसे तहरीर लेकर रात्रि में ही कोतवाली रुद्रप्रयाग पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया था, तथा विवेचना प्रचलित की गयी थी। उक्त अभियोग में पुलिस के स्तर से विवेचना पूर्ण कर ली गयी है, विवेचनात्मक कार्यवाही में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आयी है कि, उस दिन पुलिस को जो भी सूचना दी गयी थी, भ्रामक दी गयी थी, वास्तव में ऐसी कोई घटना घटित ही नहीं हुई थी। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल डिटेल्स इत्यादि का गहरायी से विश्लेषण किया गया, जो लोग उस समय वहां पर मौजूद थे या जो भी इनके साथ कार में थे, तथा जो इनको लेकर निजी चिकित्सालय ले गये थे, सभी के बयानों के आधार पर यह बात सामने आयी है कि, इनके द्वारा चुनाव में फायदा लेने व सहानुभूति प्राप्त करने के इरादे से झूठी सूचना पुलिस को दी गयी थी, और एक ऐसा अपराध का घटनास्थल एवं वातावरण तैयार किया गया था, जिसमें इनके द्वारा खुद ही अपने वाहन के शीशे पत्थर से तोड़े गये तथा अपने पर कुछ हल्की चोटें लगवाईं गयी। और उस दिन इस घटनाक्रम को काफी बढ़ा-चढ़ा कर विभिन्न सोशल मीडिया एवं मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत कराया गया था। तमाम विवेचना के बाद जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि, दिनांक 12 फरवरी 2022 की रात्रि को बनाई गयी उपरोक्तानुसार पूरी तरह से भ्रामक एवं झूठी है। मतदान से ठीक पहले इस प्रकार की घटना कारित करना पूरी तरह से निन्दनीय है, इनके द्वारा मतदान से 02 दिवस पूर्व ऐसे घटनाक्रम से जनपद में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सम्बन्धी माहौल को खराब करने की साजिश की गयी थी, हालांकि जनपद पुलिस की सतर्कता एवं तत्परता से ये अपने इस कुत्सित इरादे में कामयाब नहीं हो पाये परन्तु इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता था कि, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अन्य प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों द्वारा भी इस मुद्दे को तूल दिया जा सकता था। इस सम्बन्ध में पुलिस के स्तर से रिपोर्ट मा0 न्यायालय में प्रेषित की जा रही है तथा मा0 न्यायालय के आदेश से इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में संलिप्त लोगों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। क्या कहा मोहित डिमरी ने  पुलिस द्वारा खुलासा करने के बाद मोहित डिमरी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव आकर कहा कि पुलिस द्वारा सत्ता पक्ष के दवाब में आकर कार्यवाही जा रही है l भाजपा के एक बड़े नेता द्वारा हमले की घटना को तथाकथित बताये जाने के बाद पुलिस ने दवाब में आकर कार्यवाही की है, जबकि हमारे अभी तक मजिस्ट्रेट के सामने बयान तक नहीं करवाए गए है l चुनाव के दौरान भी पुलिस को बार बार जानकारी देने के बाबजूद भी कोई कार्यवाही न होना, पहले ही पुलिस की सत्यनिष्ठ पर सवाल खड़े करता हैl अपने बयान में मोहित ने मामले की सीबीआई जाँच करवाने की मांग की है l