प्रतिष्ठित ‘साराभाई राष्ट्रीय वैज्ञानिक शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित हुए उत्तराखंड के पहले शिक्षक हेमन्त चौकियाल

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✍️ दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि

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विरले शिक्षक ही ऐसे होते है, जो चुपचाप अपने शिक्षण कार्य में संलग्न रहते हुए, देश की भावी पीढ़ी का सृजन वैज्ञानिक तरीके से करने के कार्य में संलग्न रहते है। ऐसे ही शिक्षक है रूद्रप्रयाग जिले के हेमंत चैकियाल। जो विगत तीन दशकों से बच्चों और समाज के बीच विज्ञान को जानने व समझने और उसके प्रचार-प्रसार में लगे है। इनकी गिनती न केवल राज्य के योग्य शिक्षकों में होती है अपितु अपने विद्यार्थियों के बीच वे वैज्ञानिक गुरूजी और साथियों के बीच नवाचारी शिक्षक के नाम से जाने जाते है। विज्ञान के प्रति उनके जुनूनू को इसी बात से समझा जा सकता है कि वे लगतार विज्ञान के प्रचार-प्रसार के साथ विज्ञान को सरलतम रूप से बच्चों के सामने रखने के लिए निरन्तर रचनात्मक क्रियाकलापों के सृजन में रत है। अब तक वे कई बच्चों को विज्ञान महोत्सव, इंसपायर अवार्ड, उड़ान, अविष्कार जैसे प्रतियोगिताओं में बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर चुके है। उनके कई छात्रों के प्रोजक्टों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता प्राप्त हो चुकी है। उनके छात्र रोहित रौतेला ने नदी घाटों पर पानी के ऊपर तैरते कूड़े-करक को नदी के जल से पृथक करने के लिए उत्पलावन के सिद्धांत पर आधारित एक संयत्र को इजाद किया, जिसे विज्ञान महोत्सव की राष्ट्रीय प्रतियोगिता अहमदाबाद में खूब सराहा गया। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलियासौड़ नामक स्थान पर होने वाले भूस्खलन के लिए उनकी छात्रा आस्था भट्ट और शालिनी ने एक संयत्र का विकास किया जिसे रूद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल द्वारा बहुत सराहा गया था। आस्था भट्ट ने ही सड़क सुरक्षा में चुम्बकों का अनुप्रयोग का भी एक कार्यकारी माडल पेश किया था। छात्रा शालिनी ने प्रस्तावित ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग में ध्यान में रखी जाने वाली नौ सावधानियां प्रस्तुत कर रेलवे मार्ग निर्माण में लगे इंजीनियरों को भी प्रभावित किया। छात्रा आंचल ने गर्ल/ओमन चाइल्ड फैन्ड्रली ट्वाइलेट का कार्यकारी माॅडल बनाया जिसे 11 फरवरी 2020 को 47 वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदशर्नी में प्रस्तुत किया गया, इसमें आंचल द्वारा महिलाओं और बालिकाओं को सेनेटरी प्राब्लम और सेनेटरी अपशिष्ट के निस्तारण की विधि को बेहद सराहा गया।

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शिक्षक हेमन्त चैकियाल लेखन प्रतिभा के धनी भी है। अनेक विज्ञान पत्र-पत्रिकाओं में लेखन, सम्पादन करने के साथ पहाड़ में रचनाधर्मी व्यक्तित्वों पर भी उनकी लेखनी खासी लोकप्रिय है। वर्ष 2021 के प्रतिष्ठित साराभाई राष्ट्रीय वैज्ञानिक शिक्षक पुरस्कार में तीसरा स्थान हासिल कर रमन सांइस एंड टेक्नोलाॅजी फाउडेशन ने भी विज्ञान के प्रचार प्रसार में उनके योगदान को सराहा है। देश के विज्ञान शिक्षकों को दिए जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में हेमंत चैकियाल ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल करते हुए जनपद और राज्य को गौरवान्वित किया है। इस पुरस्कार में गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र के साथ नेशनल काउन्सिलिंग आफ टीचर साइंटिस्ट की फैलोशिप भी प्रदान की गई है। इस सम्मान से नवाजे जाने वाले वे उत्तर भारत के अकेले शिक्षक है। आठ माह से अधिक के समयान्तराल में तीन चरणों में सम्पन्न इस प्रतिष्ठित परीक्षा के पहले चरण में 63 वां स्थान हासिल किया, दूसरे चरण में 8 वां और अन्तिम चरण में तीसरे स्थान पर जगह बनाकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। एन सी टी एस के चेयरमैन डाॅ चन्द्रमौली जोशी और एनसीआरटी के राष्ट्रीय सचिव सन्दीप डी पाटिल ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया है। वर्तमान में हेमंत चैकियाल अगस्त्यमुनि विकासखण्ड के रा0उ0प्रा0वि0 डांगी गुनाऊँ में कार्यरत है।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल द्वारा सम्मानित

 

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