यूक्रेन में M.B.B.S.की पढ़ाई कर रहे उत्कर्ष शुक्ला बृहस्पतिवार देर सायं ऊखीमठ पहुंच चुके हैं। उत्कर्ष के पिता डॉ प्रमोद शुक्ला ने बेटे की सकुशल घर वापसी पर भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। [caption id="attachment_25665" align="alignleft" width="960"] उत्कर्ष की घर वापसी पर स्वागत[/caption]

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जानकारी के मुताबिक़ उत्तराखंड समेत युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों में करीब 17 हजार लोगों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया गया है। पोलैंड, रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया से उन्हें भारत लाया जा रहा है।(3352 nationals including, 37 uttarakhandi reached india from ukraine) ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 3352 नागरिक वतन लौट चुके हैं। उत्तराखंड के भी 38 लोग भारत लौट चुके हैं। अगले 24 घन्टे में भारतीयों को लेकर 15 फ्लाइट भारत आने वाली हैं। [caption id="attachment_25666" align="alignleft" width="1248"] Photo of Indian evacuees posted by External Affairs Minister S Jaishankar on Twitter on Monday.[/caption] विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यूक्रेन में युध्द छिड़ने के बाद लगातार वहां से भारतीयों को निकालने के प्रयास जारी है। सबसे पहली प्राथमिकता लोगों को यूक्रेन से निकालकर रोमानिया, पोलैंड, हंगरी आदि पड़ोसी देशों में पहुंचाना है। अब तक यूक्रेन से 17 हजार भारतीयों को बाहर निकाला गया है। ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 15 फ्लाइट के जरिये 3352 लोग वतन लौट चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 6 फ्लाइट भारतीयों को स्वदेश लेकर आई हैं।अगले 24 घंटों में पोलैण्ड, रोमानिया, हंगरी, से एयर इंडिया, स्पाइस जेट और एयरफोर्स के विमानों की 15 फ्लाइट शेड्यूल हैं जिनसे बड़ी मात्रा में लोगों की वापसी होगी। इसमें एयरफोर्स के 4 जंबो जेट C17 ग्लोबमास्टर भी शामिल हैं। उधर अब तक यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के 37 नागरिक भी भारत लौट चुके हैं। इनमें से अधिकतर छात्र हैं। दिल्ली में अपर स्थानिक आयुक्त दफ्तर द्वारा स्वदेश पहुंचने वाले उत्तराखंडिओं का स्वागत किया जा रहा है। क्या हैं आपरेशन गंगा ऑपरेशन गंगा एक मिशन का नाम है जिसके तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट के माध्यम से भारत लेकर आया जा रहा है. इस मिशन में अब तक कई लोगों को सुरक्षित देश में लाया जा चुका है जबकि अब भी यह मिशन चल रहा है और फंसे हुए बाकी भारतियों को भी लाने का प्रयास चल रहा है। इस मिशन के अंतर्गत भारतियों को लाने पर जो भी खर्च होगा उस वहन भारत सरकार के द्वारा किया जा रहा है. युद्ध के चलते यूक्रेन का एयरस्‍पेस भी बंद कर दिया गया है. इसलिए अन्य देशों जैसे पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया से उड़ानें भरी जा रही हैं. विदेश मंत्रालय ने अपनी 24×7 हेल्‍पलाइन भी शुरू की है। यही नहीं भारतीय स्टूडेंट्स के लिए एयरपोर्ट से निकलने के लिए “स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर” बनाया गया है. दिल्ली और मुंबई में ऐसी भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा इमिग्रेशन और कस्टम के लिए भी अलग से सिस्टम का निर्माण किया गया है. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि स्टूडेंट्स के पीछे कहीं कोई गलत व्यक्ति निकलने में कामयाब ना हो जाए।यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एक ट्विटर हैंडल “ओपगंगा हेल्पलाइन” (OpGanga Helpline) की घोषणा भी सरकार ने की है।