यूक्रेन में फंसे मेडिकल के छात्र अगस्त्यमुनि निवासी अंकित चन्द्रा के अपने घर अगस्त्यमुनि पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र के प्रवेशद्वार पर एकत्रित लोगों ने अकिंत का स्वागत फूल मालाओं, बैण्ड के साथ किया। इस दौरान अपने बेटे को अपनों के बीच पाकर माँ सुलोचना देवी भावुक हो उठी। अकिंत भी अपनों का प्यार पाकर खुद की आखें नम होने से नहीं रोक पाया, तो पिता डी एल मिंगवाल दोनों हाथ जोड़कर सरकार सहित सभी शुभचिन्तको का आभार व्यक्त करते

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रहे । अंकित चंद्रा यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था और MBBS द्वितीय वर्ष का छात्र था, रूस यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध कद कारण वहां की स्थिति काफी बिगड़ गई थी, ऐसे में वहां रह रहे भारतीयों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी। विशेष कर मेडिकल के छात्र, जो कि वहां 20 हजार के करीब थे। भारत सरकार के सामने उन्हें सकुशल भारत लाने की चुनोती थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने आपरेशन गंगा चलाकर भारतीयों की सकुशल स्वदेश वापसी सुनिश्चित की। आपरेशन गंगा के तहत ही आज अंकित चंद्रा युद्ध के दसवें दिन सकुशल अपने घर पहुंचा है। शनिवार को अकिंत की देहरादून वापसी के बाद आज सुबह अकिंत अपने परिजनों के साथ अगस्त्यमुनि पहुंचा, तो पूर्व विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। संसद प्रतिनिधि श्रीनंद जमलोकी, विक्रम नेगी, रमेश बेंजवाल, महेंद्र राणा, माधुरी नेगी, दिनेश बेंजवाल, राजेश नेगी सहित भारी संख्या में मौजूद लोगों ने अकिंत का स्वागत कर हौसला अफ़ज़ाई की। दस्तक से बात करते हुए अकिंत ने केन्द्र सरकार सहित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया, तो अपने बेटे को अपने बीच पाकर और अपनों का साथ देखकर भावुक हुए माँ सुलोचना देवी ने भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक शैलारानी रावत सहित जनप्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप सभी की शुभकामनाओं और अगस्त ऋषि के आशीर्वाद से ही बेटा मौत के मुहं से बचकर वापस आया है। पिता डी एल मिंगवाल ने उपस्थित लोगों के साथ साथ मीडिया का आभार व्यक्त किया, कहा कि आप्रेशन गंगा की सफलता के पीछे मीडिया का विशेष योगदान रहा हैं। पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति, मैत्री सम्बन्ध और का परिणाम है कि आज सभी छात्र सकुशल अपने घरों में पहुँच चुके हैं। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि अब इन बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए सरकार ठोस नीति बनाकर निर्णय ले।