सीएम धामी के लिए सीट छोडऩे को तैयार विधायक कैलाश गहतोड़ी, बोले धामी में है जनता की आस
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11/03/20229:09 am
सीएम धामी के लिए सीट छोडऩे को गहतोड़ी तैयार
प्रहलाद जोशी ने सत्ता में वापसी का श्रेय धामी को दिया
जोशी के इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे
विधायक का बयान रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा
नीलकंठ भट्ट/ देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी भले ही खुद अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन भाजपा की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने पार्टी की सत्ता में वापसी का पूरा श्रेय सीएम धामी को ही दिया है। धामी की इस तरह की सार्वजनिक तारीफ से साफ लग रहा है कि पार्टी की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। जोशी के इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दो-चार दिनों में इस तारीफ का मकसद सामने आ जाएगा। एक विधायक कैलाश गहतौड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोडऩे का एलान भी कर दिया है। इधर, चंपावत से चुनाव जीतने वाले विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि चुनाव में जीत धामी की वजह से ही हुई है। उनके विधायक बनने के लिए वे अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि विधायक का यह बयान भी भाजपा की रणनीति का ही एक हिस्सा है।
खटीमा सीट पर अपना चुनाव कुछ हद तक फंसे होने की जानकारी के बाद सीएम धामी ने पूरे प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार और जनसभाएं कीं। सीएम धामी प्रदेश भाजपा के अकेले ऐसे नेता रहे जिन्होंने पूरे उत्तराखंड का दौरा किया और भाजपा को वोट देने की अपील की। बाकी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और अन्य मंत्रीगण तो अपनी सीट से बाहर झांक भी नहीं सके। मतदान के बाद भी धामी भाजपा की बहुमत से सरकार बनाने का लगातार दावा करते रहे। गुरुवार को नतीजा सामने आया तो साफ हुआ कि भाजपा ही सरकार बनाने जा रही है।
अपनी हार की सूचना के बाद भी धामी सक्रिय रहे। भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में भी उन्होंने शिरकत की। इस मौके पर प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने धामी के हार के घाव पर अपने लफ्जों से मरहम लगाई। उन्होंने कहा कि धामी की मेहनत और उनके छह माह के अल्प कार्यकाल की बदौलत ही भाजपा एक मिथक को तोड़ते हुए फिर से सरकार बनाने जा रही है।
सीएम धामी की इस तारीफ के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या इस ताऱीफ में कोई संदेश छुपा है। भाजपा अपनी दम पर सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में उसे बसपा या किसी निर्दलीय विधायक की जरूरत नहीं है। ऐसे में भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निर्णय आसानी से ले सकता है। अब यह आने वाले चंद रोज में ही साफ होगा कि भाजपा ने सीएम धामी के लिए क्या सोचा है।
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सीएम धामी के लिए सीट छोडऩे को गहतोड़ी तैयार
प्रहलाद जोशी ने सत्ता में वापसी का श्रेय धामी को दिया
जोशी के इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे
विधायक का बयान रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा
नीलकंठ भट्ट/ देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी भले ही खुद अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन भाजपा की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। भाजपा के प्रदेश चुनाव
प्रभारी प्रहलाद जोशी ने पार्टी की सत्ता में वापसी का पूरा श्रेय सीएम धामी को ही दिया है। धामी की इस तरह की सार्वजनिक तारीफ से साफ लग रहा है कि पार्टी की
नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। जोशी के इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दो-चार दिनों में इस तारीफ का मकसद सामने आ
जाएगा। एक विधायक कैलाश गहतौड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोडऩे का एलान भी कर दिया है। इधर, चंपावत से चुनाव जीतने वाले विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि चुनाव
में जीत धामी की वजह से ही हुई है। उनके विधायक बनने के लिए वे अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि विधायक का यह बयान भी भाजपा की रणनीति का
ही एक हिस्सा है।
खटीमा सीट पर अपना चुनाव कुछ हद तक फंसे होने की जानकारी के बाद सीएम धामी ने पूरे प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार और जनसभाएं कीं। सीएम
धामी प्रदेश भाजपा के अकेले ऐसे नेता रहे जिन्होंने पूरे उत्तराखंड का दौरा किया और भाजपा को वोट देने की अपील की। बाकी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और अन्य
मंत्रीगण तो अपनी सीट से बाहर झांक भी नहीं सके। मतदान के बाद भी धामी भाजपा की बहुमत से सरकार बनाने का लगातार दावा करते रहे। गुरुवार को नतीजा सामने आया तो
साफ हुआ कि भाजपा ही सरकार बनाने जा रही है।
अपनी हार की सूचना के बाद भी धामी सक्रिय रहे। भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में भी उन्होंने शिरकत की। इस मौके पर प्रदेश चुनाव प्रभारी और
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने धामी के हार के घाव पर अपने लफ्जों से मरहम लगाई। उन्होंने कहा कि धामी की मेहनत और उनके छह माह के अल्प कार्यकाल की बदौलत ही
भाजपा एक मिथक को तोड़ते हुए फिर से सरकार बनाने जा रही है।
सीएम धामी की इस तारीफ के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या इस ताऱीफ में कोई संदेश छुपा है। भाजपा अपनी दम पर सरकार बनाने
जा रही है। ऐसे में उसे बसपा या किसी निर्दलीय विधायक की जरूरत नहीं है। ऐसे में भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निर्णय आसानी से ले सकता है। अब
यह आने वाले चंद रोज में ही साफ होगा कि भाजपा ने सीएम धामी के लिए क्या सोचा है।