अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर बिष्ट ने समस्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर लोकपर्व बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

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गढ़वाल मंडल के समस्त विद्यालयों में पहली बार 14 मार्च को लोकपर्व फूलदेई पर्व मनाया जाएगा।  उन्होंने कहा कि फूलदेई उत्तराखंड का पौराणिक व पारंपरिक लोकपर्व है। वर्तमान समय में यह पर्व विलुप्ति की कगार पर आ गया है। बिष्ट ने कहा कि पारंपरिक विरासत से नई पीढ़ी को जोड़कर इसे संरक्षित करने में सभी की सहभागिता आवश्यक है। शैलनट गढ़वाल हिमालय नाट्य संस्था व फूलदेई संक्रांति श्रीनगर की पहल पर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट ने एक नई पहल शुरू की है। संस्था के अध्यक्ष अभिषेक बहुगुणा, कोषाध्यक्ष महेश गिरी और फूलदेई संक्रांति श्रीनगर के संयोजक अनूप बहुगुणा ने अपर निदेशक को पत्र भेजकर उत्तराखंड के बाल लोकपर्व फूलदेई के आयोजन व विलुप्ति के कगार से बचाने के लिए योगदान देने की अपील की थी। इस पर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने मंडल के सभी विद्यालयों में लोकपर्व फूलदेई मनाने के निर्देश प्रधानाचार्यों को जारी किए हैं। अपर निदेशक महावीर बिष्ट ने कहा कि फूलदई पर्व वसंत ऋतु व नववर्ष के आगमन पर मनाया जाता है। यह पूर्णत: बच्चों को समर्पित पर्व है। इसलिए इसे बालपर्व भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि 14 मार्च को गढ़वाल मंडल के समस्त विद्यालयों में बच्चे घोघा माता की डोली के साथ प्रभात फेरी निकालेंगे। लोकपर्व आधारित चित्रकला व निबंध प्रतियोगिता होगी। विद्यालयों में छह सदस्यीय टीमों के साथ चैती गायन का आयोजन भी किया जाएगा। प्रतियोगिताओं के अव्वल बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं शैलनट के कोषाध्यक्ष महेश गिरी ने कहा कि विलुप्त होने की कगार पर खड़े लोकपर्व को बचाने में अपर निदेशक का प्रयास सार्थक साबित होगा।