अंतराष्ट्रीय जल दिवस के अवसर पर राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में मुख्यमंत्री नवाचार योजना के अन्तर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि वनक्षेत्राधिकारी यशवन्त चैहान एवं प्राचार्या प्रो0 पुष्पा नेगी एवं के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया। शुभारम्भ सत्र में बोलते हुए मुख्य अतिथि वनक्षेत्राधिकारी ने कहा कि आज हमें सघन वृक्षारोपण करके अपने जलश्रोतों को रिचार्ज करने का कार्य प्राथमिकता से करना होगा, इससे भविष्य में काफी मात्रा में जल संकट को दूर किया जा सकेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से इस महत्वपूर्ण कार्य में योगदान देने के लिए भी कहा। वही अगस्त्यमुनि महाविद्यालय प्राचार्या प्रो0 पुष्पा नेगी ने छात्र-छात्राओं को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने का आह्नान करते हुए जल संरक्षण पर जनजागरूकता फैलाने पर जोर दिया।

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कार्यक्रम संयोजक एवं परियोजना नोडल अधिकारी डा0 हरिओम बहुगुणा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत चर्चा करते हुए धरातलीय जल की घटती मात्रा के प्रति भविष्य के निए चिन्तन करने हेतु आगाह किया। प्राध्यापिका डा0तनुजा मौर्य ने प्राकृतिक जल के संरक्षण हेतु पारम्परिक एवं सांस्कृतिक मापदण्डों को उपयोग में लाने के लिए अति महत्वपूर्ण बताया। डा0 प्रकाश फोन्दाणी ने स्लाइड शो के माध्यम से जल संरक्षण एवं वर्षा जल एकत्रण को बढ़ावा देकर सरल ग्रामीण तकनीकियों का उपयोग कर इसे स्वरोजगार से जोड़ने पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डा0 नवीन खण्डूड़ी ने किया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय में जल संरक्षण हेतु वर्षा के पानी का एकत्रण हेतु टैंक एवं चाल-खाल बनायी जायेगी, जिसके माॅडल को छात्र-छात्राएं अनुसरण करेंगे। साथ ही हैन्ड बुक मैनुअल की जानकारी हेतु तैयार किया जायेगा। कार्यक्रम में नवाचार समिति के डा0 ममता सेमवाल, डा0दीप्ति राणा, डा0 चन्द्रकला, डा0 कनिका, डा0तनुजा, डा0 दीपाली, डा0 सुधीर पेटवाल, डा0 अनुज, डा0 दलीप बिष्ट, डा0के0पी चमोली, डा0 जीतेन्द्र, डा0 अखिलेश्वर द्विवेदी, डा0ममता शर्मा, डा0 मनीषा, डा0 विष्णु शर्मा, डा0सीताराम नैथानी, डा0अंजना आदि ने विशेष सहयोग प्रदान किया।