चुनावी जुमलों से दूर आम आदमी की जिंदगी को महंगाई ने दुर्भर कर दिया है, सत्ता सुख में डुबी सरकारें और मदमस्त नौकरशाही को आम आदमी की फ़िक्र नहीं है। इसलिए आज महंगाई की भट्ठी में इंसान जलने लगा है।

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चुनावी दौर समाप्त होने के बाद रसोई गैस, पेट्रोल डीजल के दामों में आग लग गई है। वहीं खाद्य तेलों और दालों के साथ ही आटे के बढ़े भाव ने आम आदमी की रसोई का बजट फिर बिगाड़ दिया है। रूद्रप्रयाग जिले में जहां घरेलू गैस सिलेंडर 1000₹ के पार पहुंच गया है वहीं व्यवसायिक सिलेंडर 2280₹ में मिल रहा है। अगस्त्यमुनि के होटल व्यवसायी दिनेश रावत बताते है कोविड महामारी के बाद हम जैसे तैसे जिंदगी को ट्रैक पर ला रहे है लेकिन दिनों दिन बढ़ रही महंगाई हमारी सारी आस तोड़ देती है, सरकार अब हमारे मुंह का निवाला छीनने पर आमादा हो गई है। ऊपर से नेताओं की फसक से अब आदमी परेशान हो गया है। पिछले एक महीने में ही खाद्य तेलों के दाम 20 फीसदी तो दालों की कीमतें करीब 10 फीसदी बढ़ गईं हैं। फुटकर बाजारों में दालों की कीमतें ऊंचाइयों पर हैं। मलका चने के अलावा अन्य दाल 100 रुपये प्रति किलो से ऊपर बिक रही हैं।   पिछले साल जून में सरसों के तेल के दाम 90 से 100 रुपये रुपये के बीच थे, लेकिन अब यही तेल 180 से 200 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों के बीच खाद्य तेलों और दालों की कीमतों में भी भारी उछाल आया है। पिछले छह महीनों में रेट दोगुने तक पहुंच गए हैं। इससे रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। 14 लीटर वाले टिन में भी तेल करीब 190 रुपये प्रति लीटर तक पड़ रहा है। फुटकर बाजार में फार्च्यून का 14 लीटर टिन 2750 से 2460 रुपये तक बिक रहा है। वहीं, पतंजलि, पी मार्क का तेल भी करीब इसी कीमत पर बिक रहा है। रिफाइंड 2650 प्रति टिन, लोकल वाला 2460 से 2360 रुपये प्रति टिन बिक रहा है। वहीं, फॉरच्यून का एक लीटर रिफाइंड 165 से 170 रुपये, लाल किला सरसों का एक लीटर का पैकेट 160 से 165 रुपये किलो बिक रहा है। थोक और फुटकर की कीमतों में अंतर थोक और फुटकर कीमतों में 15 से 25 रुपये प्रति लीटर तक का अंतर है। दून के हनुमान चौक, धर्मपुर बाजार, जाखन, बल्लूपुर, सीमाद्वार, रायपुर बाजार में कीमतों में दो-तीन रुपये प्रति लीटर का ही अंतर है। वहीं, दालों की बात करें तो फुटकर में अरहर 110 रुपये किलो, मलका 95 रुपये किलो, चना 80 रुपये किलो, काला चना 75 रुपये किलो, मसूर 100 रुपये किलो, उड़द 120 रुपये किलो, छोले 110 रुपये और राजमा 130 रुपये किलो बिक रहा है। चावल, आटा, गेहूं हुआ महंगा आम हो या खास। सबकी मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल आटा, चावल और गेहूं के भाव भी रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ गए हैं। यहां तक कि नमक भी 1.21 फीसद महंगा हो गया है। इस एक महीने में चावल के रेट में जहां औसतन 2.04 फीसद का इजाफा हुआ है, वहीं गेहूं का आटा 2.17 फीसद महंगा हुआ है। दालों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। प्याज-टमाटर पोछ रहे आंसू एलपीजी सिलेंडर से लेकर सब्जी लेने निकले स्कूटर में तेल भरवाने तक में भले ही आपका तेल निकल रहा हो, लेकिन इस बार टमाटर और प्याज ही आपके आंसू पोछ रहे हैं। एक महीने में प्याज जहां 16.07 फीसद सस्ता हुआ है तो वहीं टमाटर 8.22 फीसद। आलू के भाव में केवल 1.30 फीसद की वृद्धि हुई है। कच्चा तेल लगातार महंगा हो रहा है जिससे अब भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छूने वाले हैं दुनिया की आंखें फिर से कच्चे तेल पर जमी हैं. काफी लंबे समय तक 40-55 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक रुकने के बाद जनवरी के अंत में कच्चे तेल की कीमत 66 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गई। पिछले कुछ वर्षों में भारत को अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ मिला है. लेकिन कुछ समय के लिए कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और ब्रेंट क्रूड पहले से ही 75 डॉलर प्रति डॉलर (5,000 रुपये) प्रति बैरल के 41 महीने के उच्चतम स्तर को छुआ है. हालांकि, रुपये में गिरावट कच्चे तेल की बढ़ती लागत में भी बढ़ रही है. पिछले साल डॉलर के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में 45% की बढ़ोतरी हुई, जबकि रुपये के मुकाबले रुपये में 49% की वृद्धि हुई।