दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि शिक्षक समाज का दर्पण होता है, लेकिन आए दिन आए सुनाई दे रही शराबी शिक्षकों की अनैतिक घटनाओं ने शिक्षक समाज की इस छवि को धूमिल कर दिया है। स्कूलों में शराब

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पीकर आने की घटनाएं आज तक सुर्खियां नहीं बनती थी लेकिन नये मोबाइल युग ने इन हरकतों को बेनकाब कर दिया है, हाल ही में चमोली जिले के नारायड़बगड़ में हुई हरकत इतनी वायरल हुई कि कई किलोमीटर दूर बैठे निदेशक माध्यमिक शिक्षा को उन पर कठोर कार्रवाई करनी पड़ी, हालांकि इन गुरूजी की कई बार शिकायत की जाती रही थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, पर इस बार शराबी गुरूजी इंटरनेट पर क्या वायरल हुऐ कि उन्हें उच्च अधिकारियों का कोपभजन होना पड़ा। इधर ऐसी हरकतों से परेशान शिक्षा विभाग ने अब नया फरमान जारी कर शराबी शिक्षकों को सख्त कार्यवाही होने का आदेश जारी कर दिया है। देखिए आदेश इस आदेश के जारी होने के बाद शिक्षक समाज की बड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। देखिए क्या कह रहे है शिक्षक -  इस आदेश का पालन जरूरी,एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है,जिसकी वजह से कर्तव्य निष्ट शिक्षकों को भी तने सुन ने पड़ते है। - रामरतन कंडारी मैं भी शिक्षक हूॅं । आजतक मैंने बीड़ी , सिगरेट , शराब कभी नहीं पिया । पान , तम्बाकू , गुटखा , पानपराग का सेवन कभी नहीं किया । आज भी बच्चों को मद्यपान और नशापान से होने वाले नुक़सान के बारे में बताकर उन्हें नशे से दूर रहने के लिए कहता हूॅं । -अवनीश चंद्र  एकदम सही आदेश, ऐसे लोगों को निलम्बित नहीं तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिये- राघवेन्द्र पाठक जो भी शिक्षक ऐसे कृत्य करें उन पर त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए, इस प्रकार का आदेश जारी होने से तो समस्त शिक्षक समुदाय को लज्जित होना पड़ रहा है कि उन्हें ऐसे आदेश भी सुनने पड़ रहे हैं । -विक्रम सिंह नेगी कुछ ने गंद मचा रखी है, उनके खिलाफ दण्डात्मक कारवाही होना जरूरी है,कुछ तो बच्चों से ही बीडी मंगाने से भी नहीं चूकते, ऐसों को इन आदेशों से भी फर्क नहीं पडने वाला, खैर 95% अध्यापकों को इन आदेशों की आवश्यकता ही नहीं है। - सुभाष बुड़ाकोटी यह फरमान नहीं हमारी कम्युनिटी के कार्य और व्यवहार के द्वारा लगाए गए वे दाग हैं जिनको धोना मुश्किल है।- प्रियदर्शन बेलवाल विभाग को लिखित आदेश करना पड़े यही दुर्भाग्य है ! इसका मतलब कुछ लोगों ने अति कर दी - लक्ष्मण सिंह भंडारी शिक्षक समाज को आईना दिखाते हैं । उनका सार्वजनिक जीवन बेदाग होना ही चाहिए । हाँ! मैं हर भारतीय को ऐसा देखना चाहता हूँ - मनोहर चमोली मनु मदिरा ही नहीं धूम्रपान को लेकर भी आदेश होने चाहिए। परिसर के अंदर ये सब प्रतिबन्ध होने ही चाहिए। -नरेश जमलोकी   मैं भी शिक्षक हूॅं । आजतक मैंने बीड़ी , सिगरेट , शराब कभी नहीं पिया । पान , तम्बाकू , गुटखा , पानपराग का सेवन कभी नहीं किया । आज भी बच्चों को मद्यपान और नशापान से होने वाले नुक़सान के बारे में बताकर उन्हें नशे से दूर रहने के लिए कहता हूॅं ।लेकिन अगर कहीं भी कुछ कमी है और उसको दूर करने का प्रयास किया जाता है तो हमें भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए - आजाद सिंह पंवार