हमारी प्राचीन परंपराओं का विशेष महत्व -डॉ० दलीप सिंह बिष्ट
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31/03/202210:36 am
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर (दिन-रात) के षष्ठम दिवस में प्रातः कालीन प्रार्थना, राष्ट्रगान, लक्ष्य गीत, व्यायाम इत्यादि गतिविधियों के पश्चात स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय परिसर की सफाई की गई। अपराहन के बौद्धिक सत्र में डॉ० दलीप सिंह बिष्ट, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग ने आस्था, परंपरा एवं विज्ञान विषय पर अपना व्याख्यान दिया।उन्होंने पुरानी परम्पराओं एवं भारतीय संस्कृति का वैज्ञानिक संबंध बताते हुए कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में हमारी प्राचीन परंपराओं का विशेष महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी प्राचीन आस्थाएं एवं परम्पराएं आज भी वैज्ञानिक रुप से प्रासंगिक है। जैव विविधता संरक्षण में हमारी आस्थाओं एवं परंपराओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसी क्रम में डॉ० सीताराम नैथानी, विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए स्वयंसेवियों को एकाग्रचित्त एवं अनुशासित रहकर किसी भी कार्य को समर्पित भाव से पूर्ण करने की प्रेरणा दी। डॉ मनीषा सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर संस्कृत ने ‘भारतीय संस्कृति ‘ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें अंकिता ने प्रथम स्थान, अनामिका ने द्वितीय स्थान, कृष्ण कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डॉ० मनीषा सिंह एवं डॉ० कनिका बड़वाल ने निर्णायक मंडल की भूमिका का निर्वहन किया।
बौद्धिक सत्र के दूसरे चरण में श्री राजीव चौहान, थानाध्यक्ष अगस्त्यमुनि ने *साइबर सुरक्षा* विषय पर विस्तार से समझाते हुए कहा इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें। किसी भी अनधिकृत लिंक को ओपन ना करें। किसी से ऑनलाइन चैट करते समय अपनी निजी जानकारी साझा ना करें। कभी भी अपना मोबाइल फोन किसी अन्य को बेचने से बचें, क्योंकि इससे हैकिंग और कोडिंग के माध्यम से जालसाजी की संभावना बढ़ जाती है।
इसी के साथ उन्होंने स्वयंसेवियों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना समाज सेवा से जुड़ने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। इसके द्वारा विभिन्न संस्कृतियों को जानने एवं समझने का अवसर मिलता है।
इसके पश्चात श्री सूरज कंडारी, उप निरीक्षक थाना अगस्त्यमुनि ने उत्तराखंड की महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए ऐप *गौरा शक्ति एप* के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही सड़क सुरक्षा हेतु *उत्तराखंड ट्रैफिक आईज* नामक ऐप के बारे में भी बताया।कार्यक्रम का संचालन डॉ जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा किया गया
इस अवसर पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ० निधि छाबड़ा , कार्यक्रम अधिकारी डॉ० अंजना फर्स्वाण सहित श्रीमती विनीता रौतेला, श्री ताहिर अहमद, श्री संदीप सिंह राणा एवं स्वयंसेवी उपस्थित रहे।
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हमारी प्राचीन परंपराओं का विशेष महत्व -डॉ० दलीप सिंह बिष्ट
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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर (दिन-रात) के षष्ठम दिवस में प्रातः कालीन प्रार्थना,
राष्ट्रगान, लक्ष्य गीत, व्यायाम इत्यादि गतिविधियों के पश्चात स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय परिसर की सफाई की गई। अपराहन के बौद्धिक सत्र में डॉ० दलीप
सिंह बिष्ट, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग ने आस्था, परंपरा एवं विज्ञान विषय पर अपना व्याख्यान दिया।उन्होंने पुरानी परम्पराओं एवं भारतीय
संस्कृति का वैज्ञानिक संबंध बताते हुए कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में हमारी प्राचीन परंपराओं का विशेष महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी
प्राचीन आस्थाएं एवं परम्पराएं आज भी वैज्ञानिक रुप से प्रासंगिक है। जैव विविधता संरक्षण में हमारी आस्थाओं एवं परंपराओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसी क्रम में डॉ० सीताराम नैथानी, विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग ने राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए स्वयंसेवियों को
एकाग्रचित्त एवं अनुशासित रहकर किसी भी कार्य को समर्पित भाव से पूर्ण करने की प्रेरणा दी। डॉ मनीषा सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर संस्कृत ने 'भारतीय संस्कृति '
विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें अंकिता ने प्रथम स्थान, अनामिका ने द्वितीय स्थान, कृष्ण कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डॉ०
मनीषा सिंह एवं डॉ० कनिका बड़वाल ने निर्णायक मंडल की भूमिका का निर्वहन किया।
बौद्धिक सत्र के दूसरे चरण में श्री राजीव चौहान, थानाध्यक्ष अगस्त्यमुनि ने *साइबर सुरक्षा* विषय पर विस्तार से समझाते हुए कहा इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय
सावधानी बरतें। किसी भी अनधिकृत लिंक को ओपन ना करें। किसी से ऑनलाइन चैट करते समय अपनी निजी जानकारी साझा ना करें। कभी भी अपना मोबाइल फोन किसी अन्य को बेचने
से बचें, क्योंकि इससे हैकिंग और कोडिंग के माध्यम से जालसाजी की संभावना बढ़ जाती है।
इसी के साथ उन्होंने स्वयंसेवियों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना समाज
सेवा से जुड़ने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। इसके द्वारा विभिन्न संस्कृतियों को जानने एवं समझने का अवसर मिलता है।
इसके पश्चात श्री सूरज कंडारी, उप निरीक्षक थाना अगस्त्यमुनि ने उत्तराखंड की महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए ऐप *गौरा शक्ति एप* के बारे में विस्तृत
जानकारी दी। साथ ही सड़क सुरक्षा हेतु *उत्तराखंड ट्रैफिक आईज* नामक ऐप के बारे में भी बताया।कार्यक्रम का संचालन डॉ जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना
कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा किया गया
इस अवसर पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ० निधि छाबड़ा , कार्यक्रम अधिकारी डॉ० अंजना फर्स्वाण सहित श्रीमती विनीता रौतेला, श्री ताहिर अहमद, श्री संदीप सिंह
राणा एवं स्वयंसेवी उपस्थित रहे।