संदीप भट्टकोटी / रूद्रप्रयाग ।। रेलवे प्रभावित बेरोजगारों की जगह बाहरी लोगों को नियुक्ति पर भडके ग्रामीण कहा हर तरह से हमें चोट पहुंची है और फायदा कोई और उठाए बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगामी रविवार को नरकोटा के प्रभावितों की बैठक, उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी

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रूद्रप्रयाग। रेल परियोजना काम कर रही कम्पनियों की गलतियों के चलते अब परियोजना प्रभावित गांवों में जनाक्रोश पैदा होने लगा है। जिन प्रभावित परिवारों ने अपना जमीन, होटल, दुकाने रेल परियोजना के लिए सरकार दे दिया, आज उन्हीं को रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड रहा है। जिला मुख्यालय के नजदीकी गा्रम सभा नरकोटा में आज गांव का अस्सी फीसदी परिवार रेलवे से बेरोजगार हुए हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि कम्पनी के अधिकारी बाहरी लोगों को नौकरी लगा रहे है। इसके लिए लेकर नरकोटा के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उन्होंने कम्पनियों के खिलाफ आंदोलन चेतावनी दे डाली है। वहीं ग्रामीणों ने केन्द्रीय रेल मंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर ठोस कार्यवाही की मांग की है। ग्राम पंचायत समिति ने अपने ज्ञापन में कहा कि हमारे में गांव में रेल परियोजना से लगभग अस्सी परिवार ऐसे है जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए है। गांव की आजीविका और आर्थिका का साधन नरकोटा बाजार था, लेकिन आज रेल परियोजना निर्माण से तब तबह-नहस हो गया है। ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन ने कहा मौजूदा समय में आरबीएनएल के अंतर्गत कार्य कर रही मेघा कम्पनी द्वारा हमारे गांव तीस के सापेक्ष मात्र तेरह से चौदह युवको ंको रोजगार दिया है और अधिकांश हेल्पर में तैनाती की गई है। हम कई कम्पनी से अस्सी फीसदी बेरोजगारों के रोजगार की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब कम्पनी के अधिकारी बिहार या फिर अन्य क्षेत्रों के युवको ंको रेाजगार दे रही है। जो कि सरकार हमारे साथ अन्याय है और नियमविरूद्व भी है। कहा कि कम्पनियों द्वारा हमारे रास्ते तोड दिए गए, मकानों पर दरारें पड गई है ढहने की कगार पर है, सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त कर दी गई है, प्रदूषण इतना है कि बीमारियों का खतना पैदा हो गई है। कहा कि हर तरफ हमें नुकसान पहुंचाया जा रहा है, लेकिन रोजगार बाहरी लोगों को दिया जा रहा है। ग्राम पंचायत समिति के सदस्य संदीप प्रसाद, युवक मंगल दल अध्यक्ष सुनील जोशी, विनोद भटट, रेखा देवी, मुन्नी देवी, परशुराम जोशी, चन्द्रमोहन, गुडडी देवी व दिनेश भटट सहित सभी प्रभावित ग्रामीणों ने कहा कि आगामी रविवार को गांव की बैठक आयोजित होगी और उसमें आंदोलन के लिए बडे निर्णय लिए जाएगे। अगर कम्पनी हमें पूर्ण सहयोग नहीं करती तो, गांव की हर सम्पति, जिनका फायदा कम्पनियों को मिल रहा उन्हें बंद कर दिया जाएगा। कहा कि ग्रामीणों ने अपनी तरह से कई बार कम्पनियों के लिखित व मौखिक रूप से निवदेन कर दिया है, लेकिन अब अगर उग्र आंदोलन होता है, उसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे।