मां आदिशक्ति पारम्बा भगवती का पवित्र पूजा पर्व वासंतिक नवरात्र कल यानि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रारंभ होने जा रहे है। इसी दिन भारतीय नव वर्ष भी शुरू होता है। आदि शक्ति मां दुर्गा के आगमन के साथ इस बार नवरात्र 2 अप्रैल से प्रारंभ होगा। नौ दिन के नवरात्र का समापन 10 अप्रैल को होगा। इस बार एक भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है और 11 बार विशेष योग भी बन रहे हैं। सबसे अधिक सर्वार्थ सिद्धि योग 6 बार, रवि योग तीन बार, अमृत सिद्धि योग और रवि पुष्य योग एक-एक बार बन रहा है। नवरात्र कलश स्थापना मुहूर्त

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नौ दिन का व्रत रखने वाले भक्तों को घर में घटस्थापना कर विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे विशेष लाभ मिलता है। कलश की स्थापना के लिए मिट्टी का बेदी बनाना चाहिए, फिर उसमें जौ बोएं। इसके बाद विधि-विधान से पूजन कर कलश की स्थापना करें। घटस्थापना प्रतिपदा तिथि में की जाती है। शुक्रवार को सुबह 11.53 बजे से प्रतिपदा तिथि शुरू होगी, जो अगले दिन यानी शनिवार 2 अप्रैल को दोपहर 12.17 बजे तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार, सूर्योदय के बाद की तिथि में घटस्थापना होना चाहिए। शनिवार को सुबह 6.32 बजे से 8.31 बजे तक का समय घटस्थापना के लिए श्रेष्ठ समय है। इसके बाद दोपहर 12.17 बजे से लेकर 1.07 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है। इन राशि वालों के लिए बेहद शुभ हैं नवरात्रि  चैत्र नवरात्रि के दौरान 2 बेहद अहम ग्रह राशि बदलने जा रहे हैं. ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार इन 9 दिनों में शनि और मंगल का मकर राशि में गोचर हो रहा है. यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के शत्रु हैं, लिहाजा एक ही राशि में इनका मिलना कई मुश्किलें पैदा करेगा, यह परिवर्तन कर्क, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ नहीं रहेगा और उन्‍हें इस दौरान सतर्क रहना चाहिए. वहीं मेष, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह बहुत शुभ रहेगा. उन्‍हें यह समय जमकर लाभ कराएगा. अच्‍छी खबरें सुनने को मिलेंगी. करियर-कारोबार में तरक्‍की मिल सकती है।