दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो।।  केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में 9 साल बाद एक बार फिर स्कूल खुलने की खुशी बच्चों के चेहरों पर साफ देखी जा सकती है। हंसते खेलते नन्हें मुन्ने

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बच्चों को आपदा के नौ साल बाद आखिरकार अपनी प्राईमरी स्कूल मिल चुकी है। बता दें यह विद्यालय आपदा में ध्वस्त हो गया था। जिसके चलते पिछले नौ वर्षों से बंद था और गौरीकुंड के बच्चे पांच किमी दूर सोनप्रयाग शिक्षा ग्रहण करने के लिये पहुंच रहे थे। लेकिन अब मरम्मत होने के बाद विद्यालय में कक्षाएं चलनी शुरू हो गई हैं। 15 छात्रों ने विद्यालय में प्रवेश भी ले लिया है। आपको बता दे कि 16-17 जून 2013 की केदारनाथ में आई विनाशकारी आपदा को शायद ही कभी भुलाया जा सकता है। इस आपदा में जहां हजारों लोगों की जान चली गई थी, वहीं कई लोगों के आशियाने एवं रोजगार के साधन तबाह हो गये थे। गौरीकुंड कभी केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव हुआ करता था। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा शुरू होती है, लेकिन आपदा में गौरीकुंड बाजार पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। प्राथमिक विद्यालय गौरीकुंड भी आपदा की भेंट चढ़ गया था और यहां के बच्चों के पढ़ाई बाधित हो गई थी। यह विडंबना ही है की आपदा में जहां करोड़ों रुपयों का वारा न्यारा हुआ, वहीं बच्चों की टूटी स्कूल के लिए बच्चों को 9 साल का इंतजार करना पड़ा। सरकारी स्तर पर कई बार गुहार लगाने के बाद थक-हार कर ग्रामीणों ने खुद पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया। गौरीकुंड के बच्चे पिछले नौ सालों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिये गौरीकुंड से पांच किमी दूर सोनप्रयाग आ रहे थे। आपदा में ध्वस्त हुए प्राथमिक विद्यालय गौरीकुंड का नौ वर्षों बाद पुननिर्माण हो गया है। विद्यालय के पुर्निर्माण में ग्रामीणों के साथ-साथ यहां शिक्षा विभाग ने भी सहयोग दिया है। ग्रामीण भी विद्यालय खुलने से बेहद खुश हैं। ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय खुलने से अब बच्चों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। गौरीकुंड में ही उन्होंने शिक्षा प्राप्त हो पायेगी।