दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड़ न्यूज ।। जय श्री रूद्रेश, समस्त सनातन धर्मावलम्बी जनता को अवगत कराना है कि 9अप्रैल 2022 को वन विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि सम्पूर्ण विश्व में एकमात्र स्थान श्री

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रूद्रनाथ धाम में एकानन रूप में दर्शन देने वाले हम सभी के आराध्य भगवान शिव श्री रूद्रेश के मंदिर व गर्भगृह में भारी तोड़फोड़ की गई है। यह घटना यहां पहली बार नहीं बल्कि चौथी बार है। बार बार असामाजिक तत्वों द्वारा यहां हमला करना व आज तक दोषियों पर कार्रवाई न होना हम सभी सनातनी हिन्दू आस्थावान जनता पर कुठाराघात है। इस संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा के उचित प्रबंध न करना प्रशासन व संबंधित विभागों की भारी लापरवाही है। ऐसी घटनाएं हमें आगे की स्थितियों व धर्म रक्षा हेतु खुलकर सामने आने व प्रभावी रणनीति बनाने पर मजबूर कर रही है। श्री रूद्रनाथ मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट, वेदप्रकाश भट्ट, नरेश भट्ट, सुनील तिवारी, महेंद्र तिवारी, जनार्दन तिवारी ने बताया कि इस विषय पर कठोर निर्णय के लिए पुजारी गण, श्रद्धालु, हक-हकूकधारी श्री रूद्रनाथ 11 अप्रैल 2022 को प्रातः 10 बजे श्री गोपीनाथ मंदिर प्रांगण में महापंचायत की जा रही है। जिसमें सभी भक्तों को शामिल होने की अपील की गई है। क्या है मामला चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। जिससे स्‍थानीय लोगों में आक्रोश है। वहीं मंदिर में चोरी का भी संदेह जताया जा रहा है। रुद्रनाथ के पुजारी हरीश भट्ट ने बताया है कि शीतकाल के दौरान चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद रहते हैं। गोपेश्वर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है। कपाट बंद रहने के दौरान यहां पर लोगों की आवाजाही नहीं होती है, लेकिन कपाट खुलने की तैयारी को लेकर गश्ती दल रुद्रनाथ गया था।इस दौरान पता चला कि मंदिर के मुख्य द्वार तथा धर्मशाला के दरवाजों को तोड़ा गया है। ऐसे में उन्होंने वन विभाग और पुलिस प्रशासन से शिकायत की है। शीतकाल में इस क्षेत्र में लोगों का आना जाना बंद है तो फिर इस तरह की घटना कैसे हुई। उन्‍होंने भगवान रुद्रनाथ मंदिर में चोरी का भी संदेह जताया है घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब शीतकाल में आवाजाही बंद है तो कोई वहां कैसे पहुंच सकता है। शीतकाल के दौरान मंदिर तक पहुंचने और ताले टूटने से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।।