चुन्नी गाँव और यूजेवीएनएल के बीच बनी सहमति, वादा पूरा करने के लिए 6 महीने का अल्टीमेटम
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12/04/20228:16 pm
लक्ष्मण नेगी / ऊखीमठ/ दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो ।।
चुन्नी ग्रामवासियों और उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड के बीच खड़ा हुआ विवाद अब उच्चाधिकारियों के साथ हुई वार्ता के बाद थम गया है। मंगलवार देर सांय तक आन्दोलनरत चुन्नी गांव के ग्रामीणों के साथ यूजेवीएनएल के उपमहाप्रबन्धक, अधिशासी अभियंता और प्रशासन की मध्यस्थता में हुई बैठक के बाद सहमति बन गई है। यूजेवीएनएल द्वारा मडखोमा तोक प्राकृतिक श्रोत से ग्राम चुन्नी में जलआपूर्ति हेतु दो वाटर टैंको का निर्माण करने का आश्वासन दिया गया है। यूजेवीएनएल द्वारा इस व्यवस्था के लिए श्रोत से टैंक तक पानी ले जाने के लिए अपने बोर्ड में प्रस्ताव रखेंगे। ग्रामीणों ने इस कार्य को पूरा करने के लिए यूजेवीएनएल को 6 महीने का समय दिया है। बैठक में यूजेवीएनएल की तरफ से ई.ई. सिविल जी.एस., ए.ई. एस.एस. फस्र्वाण, डी.जी.एम. कृष्ण कुमार सिंह बिष्ट, सांसद प्रतिनिधि वीरेन्द्र सिंह राणा, अनुसूया प्रसाद तिवारी, रामेश्वर प्रसाद, विनोद सिंह रावत, सभासद ओकारेश्वर वार्ड प्रदीप सिंह, पूर्व प्रधान चुन्नी मंगोली अंजना रावत समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
आपको बताते चले की आज दोपहर तक मदमहेश्वर घाटी में 15 मेगावाट मधु गंगा जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रहे उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के खिलाफ चुन्नी गाँव के ग्रामीणो ने एक सूत्रीय मांग को लेकर चल रहा क्रमिक अनशन आमरण अनशन में तब्दील हो गया था । आमरण अनशन पर बैठे नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने कहा कि जब तक एक सूत्रीय मांग पर अमल नही हुआ तब तक आन्दोलन जारी रहेगा तथा यदि समय रहते ग्रामीणों ने हक में फैसला नहीं हुआ तो आन्दोलन और अधिक उग्र किया जायेगा! पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड जल विधुत निगम चुन्नी गाँव के ग्रामीणों के साथ वादाखिलाफी करने के कारण ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा! पूर्व प्रधान अंजना रावत ने कहा कि ग्रामीण किसी भी विकास कार्य में बाधक तो नहीं है मगर उत्तराखण्ड जल विधुत निगम की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए वाध्य होना पड़ा! राजकुमार तिवारी ने कहा कि फोरवे टैंक से दो इंच सिचाई लाइन निर्माण के बाद ही आन्दोलन समाप्त किया जायेगा तथा यदि ग्रामीणों के हक में फैसला नहीं होता है तो ग्रामीण आत्मदाह करने के लिए भी बाध्य हो जायेंगे! इस मौके पर सभासद प्रदीप धर्म्वाण, बीरेंद्र रावत, अनसोया प्रसाद तिवारी, पार्वती देवी, नारायण देई देवी, अनसोया देवी, ललिता देवी, शशि देवी, रेखा देवी, कल्पेश्वरी देवी, उर्मिला देवी, गुड्डी देवी, योगिता देवी, विजया देवी, पिंकी देवी, सुरेशी देवी, बिछना देवी सहित कई दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे। लेकिन देर सायं तक चली वार्ता और सहमति के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया है
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चुन्नी गाँव और यूजेवीएनएल के बीच बनी सहमति, वादा पूरा करने के लिए 6 महीने का अल्टीमेटम
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लक्ष्मण नेगी / ऊखीमठ/ दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो ।।
चुन्नी ग्रामवासियों और उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड के बीच खड़ा हुआ विवाद अब उच्चाधिकारियों के साथ हुई वार्ता के बाद थम गया है। मंगलवार देर सांय
तक आन्दोलनरत चुन्नी गांव के ग्रामीणों के साथ यूजेवीएनएल के उपमहाप्रबन्धक, अधिशासी अभियंता और प्रशासन की मध्यस्थता में हुई बैठक के बाद सहमति बन गई है।
यूजेवीएनएल द्वारा मडखोमा तोक प्राकृतिक श्रोत से ग्राम चुन्नी में जलआपूर्ति हेतु दो वाटर टैंको का निर्माण करने का आश्वासन दिया गया है। यूजेवीएनएल
द्वारा इस व्यवस्था के लिए श्रोत से टैंक तक पानी ले जाने के लिए अपने बोर्ड में प्रस्ताव रखेंगे। ग्रामीणों ने इस कार्य को पूरा करने के लिए यूजेवीएनएल को 6
महीने का समय दिया है। बैठक में यूजेवीएनएल की तरफ से ई.ई. सिविल जी.एस., ए.ई. एस.एस. फस्र्वाण, डी.जी.एम. कृष्ण कुमार सिंह बिष्ट, सांसद प्रतिनिधि वीरेन्द्र सिंह
राणा, अनुसूया प्रसाद तिवारी, रामेश्वर प्रसाद, विनोद सिंह रावत, सभासद ओकारेश्वर वार्ड प्रदीप सिंह, पूर्व प्रधान चुन्नी मंगोली अंजना रावत समेत बड़ी संख्या
में ग्रामीण उपस्थित थे।
आपको बताते चले की आज दोपहर तक मदमहेश्वर घाटी में 15 मेगावाट मधु गंगा जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रहे उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के खिलाफ
चुन्नी गाँव के ग्रामीणो ने एक सूत्रीय मांग को लेकर चल रहा क्रमिक अनशन आमरण अनशन में तब्दील हो गया था । आमरण अनशन पर बैठे नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने
कहा कि जब तक एक सूत्रीय मांग पर अमल नही हुआ तब तक आन्दोलन जारी रहेगा तथा यदि समय रहते ग्रामीणों ने हक में फैसला नहीं हुआ तो आन्दोलन और अधिक उग्र किया
जायेगा! पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड जल विधुत निगम चुन्नी गाँव के ग्रामीणों के साथ वादाखिलाफी करने के कारण ग्रामीणों को
आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा! पूर्व प्रधान अंजना रावत ने कहा कि ग्रामीण किसी भी विकास कार्य में बाधक तो नहीं है मगर उत्तराखण्ड जल विधुत निगम की अनदेखी
के कारण ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए वाध्य होना पड़ा! राजकुमार तिवारी ने कहा कि फोरवे टैंक से दो इंच सिचाई लाइन निर्माण के बाद ही आन्दोलन समाप्त किया
जायेगा तथा यदि ग्रामीणों के हक में फैसला नहीं होता है तो ग्रामीण आत्मदाह करने के लिए भी बाध्य हो जायेंगे! इस मौके पर सभासद प्रदीप धर्म्वाण, बीरेंद्र रावत,
अनसोया प्रसाद तिवारी, पार्वती देवी, नारायण देई देवी, अनसोया देवी, ललिता देवी, शशि देवी, रेखा देवी, कल्पेश्वरी देवी, उर्मिला देवी, गुड्डी देवी, योगिता देवी,
विजया देवी, पिंकी देवी, सुरेशी देवी, बिछना देवी सहित कई दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे। लेकिन देर सायं तक चली वार्ता और सहमति के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया
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