देश में आजकल बुलडोजर सुर्खियों में छाया है, लेकिन ये सुर्खियां नए निर्माण को लेकर नहीं है बल्कि अवैध अतिक्रमण पर ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। उप्र के सीएम योगी की बुल्डोजर कार्रवाई जग प्रसिद्ध है। अपराधी इसके डर से थाने में आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यही हाल मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान का है। वहां भी अपराधियों की अचल संपत्ति पर बुल्डोजर चल रहे हैं। अब उत्तराखंड के सीएम धामी का बुल्डोजर अतिक्रमण पर चलने वाला है। इससे पूर्व में छोटी-मोटी कार्रवाई हुई हैं। पर इस बार बड़े पैमाने पर करीब साढ़े चार हजार

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मकान इसकी जद में हैं। नई सरकार बनने के बाद उत्तराखंड में पहली बार अतिक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरु हो गई है। हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर 4356 भवन कार्रवाई की जद में हैं। अप्रैल माह में कभी भी सीएम पुष्कर सिंह धामी का बुलडोजर चल सकता है। 40 साल पहले रेलवे की भूमि खाली थी। अतिक्रमण के मकडज़ाल ने जमीन को घेर लिया। इसके लिए जितना दोषी लोग हैं उतनी ही पूर्व की सरकारें भी। वोट बैंक के लिए लोगों का इस्तेमाल किया गया। आधार-राशन कार्ड भी बनवा लिए रेलवे की जमीन पर बैठे लोगों के स्थाई प्रमाणपत्र के साथ ही आधार कार्ड व राशन कार्ड बनाए गए। गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट रविशंकर जोशी ने अतिक्रमण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने गफूर बस्ती रेलवे की 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन व रेलवे बोर्ड को निर्णय लेने के निर्देश दिए। साथ ही पूछा था कि पूर्व में रेलवे द्वारा दिए गए पत्र पर जिला प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई की गई? हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन हरकत में है। डीएम धीराज गब्र्याल ने रेलवे अधिकारियों से 11 मार्च को अतिक्रमण हटाने का मास्टर प्लान मांगा है। रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में रेलवे ने 4365 लोगों को बिजली व पानी के कनेक्शन के आधार पर पूर्व में नोटिस जारी किए थे। रविशंकर जोशी की आरटीआइ के जवाब में रेलवे ने बताया गया है कि 4356 वादों की आपत्ति निस्तारित कर ली गई है।अतिक्रमणकारियों के पक्ष में कोई वाद नहीं सुनाया गया है। सभी वाद अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध हैं। नौ वादों में लोगों ने हाई कोर्ट से स्टे लिया है। अतिक्रमणकारियों को बेदखली का नोटिस भी दिया जा चुका है।