दीपक बेंजवाल/ दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो :-  जहां पहुंचते ही वैराग्य उत्पन्न हो, जहां पहुंचते ही मन निर्मल हो जाए, जहां बाबा भोलेनाथ स्वयं समाधिस्थ हो ऐसे दिव्य धाम में चोरी का कल्पना भी झूठी लगती है, लेकिन वहां महाआपदा के बचे खुचे भवनों, धर्मशाला और लाॅजों में हर साल दरवाजे खिड़कियां तोड़ कर हो रही चोरियां बड़े अधर्म का संकेत देती दिख रही है। और ऐसा एक दो नहीं हर साल कई  घरों में हो रहा है। जनता शिकायत करते-करते तक गयी लेकिन मजाल प्रशासन और पुलिस कुछ कदम उठाए, आखिर थक-हारकर लोग बाबा केदार की ओर ही टकटकी लगाए अपने कामों में जुट जाते है। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल बताते है कि जून 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ जी में कपाट बंद होने के बाद जब से पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ तब से लगातार कपाट बंद होने के बाद जब सभी स्थानीय लोग अपने घरों को सील कर केदारनाथ

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से नीचे आते हैं तब से हर वर्ष लगातार घरों में चोरी की घटनाएं सामने आ रही है। जबकि शीतकाल में कपाट बंद होने पर पुननिर्माण में लगी कम्पनी का स्टाफ, मजदूर के अलावा सुरक्षा की दृष्टिगत प्रशासन के कुछ लोग, पुलिस इत्यादि भी केदारनाथ में हर समय मौजूद रहते हैं। ऐसे में प्रशासन की मौजूदगी में हर साल दरवाजे , खिड़की तोड़कर घरों में रखा सामान चुराना , तोड़फोड़ करना कहीं ना कहीं प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा करता है। कपाट खुलने पर लोग कई बार प्रशासन, पुलिस से शिकायत कर चुके हैं, बावजूद इसके आज तक ना कोई चोर पकड़ा गया और ना ही प्रशासन ने चोरी की घटनाओं पर कोई रुचि दिखाई। इस बार मेरे घर की खिड़की तोड़कर डीजल , कंबल,राशन चुराकर कमरे को तहस नहस किया है।सोनप्रयाग थाने में प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करने की कोशिश की वहां बहुत अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला, ऐसे में क्या किया जाए, कुछ समझ नहीं आता। केदारनाथ तीर्थ पुरोहित की ये आपबीती कोई नयी नहीं है लेकिन प्रशासन को इनकी कोई परवाह नहीं है। आम जन का कहना है पीएम जिस केदारनाथ धाम पर इतने मेहरबान है वहां पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में ऐसे जघन्य कृत्य होना शर्मनाक है। प्रशासन द्वारा तीर्थ पुरोहित समाज की लगातार अनदेखी और उनके आवासों में हो रही हर साल चोरियों पर एक्शन न लेना बड़ा सवाल खड़ा करता है। कल इन्हीं चोरों के हौसले बुलंद होंगे और वो मंदिर परिसर में भी सेंधमारी करने से नहीं चूकेंगे। इधर मित्र पुलिस ने रातोंरात इस घटना की जांच कराकर उक्त मामले में एक भालू को चोर घोषित कर। दिया है। शोसल मीडिया पर पुलिस की इस हास्यास्पद कार्यवाही  खिल्ली उड़ रही है। पुलिस की कार्यवाही पर पीड़ितों ने तीखे सवाल पूछे है की ये चोर भालू बहुत ही दुर्लभ और विचित्र प्रतीत होता है - 1.खोज का विषय है आपदा के बाद श्री केदारनाथ धाम में इस चोर भालू का आवागमन ज्यादा क्यों हुआ है? 2. आपदा के बाद ऐसा क्या हुआ कि भालू पक्के मकानों के दरवाज़े और खिड़कियों को तोड़ने लगा, जबकि आपदा पूर्व भी वो ही दरवाजे और खिड़कियां थी? 3. ये भालू उन्ही कमरों को क्यों तोड़ता है जहां राशन , तेल या अन्य उपयोगी सामान आदि रखा होता है ? 4. ये भालू कच्चे सरकारी काटेज में चोरी क्यों नही करता है? 5.ये भालू डीजल/ मिट्टी तेल क्यों चुराता होगा ?