ठेके पर टीचर रख प्रिंसिपल खुद फरमा रही थी आराम, यूं फंस गई
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25/05/20226:10 am
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से अनोखा मामला सामने आया है, जहां एकेश्वर ब्लॉक में सरकारी प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने अपनी जगह प्रॉक्सी टीचर यानी अपने खर्चे पर दूसरी युवती को स्कूल में रख लिया था. यह प्रॉक्सी टीचर प्रिंसिपल की जगह स्कूल में पढ़ा रही थी. पढ़ाने के मेहनताने के रूप में प्रधानाध्यापिका उसे 10 हजार रुपए हर महीने देती थी।
दरअसल, पूरा मामला एकेश्वर ब्लॉक बुसरा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का है. जहां बार-बार ग्रामीणों की शिकायत पर विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान स्कूल बंद पाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाध्यापिका द्रौपदी मधवाल बिना बताए स्कूल से गायब रहती हैं. जांच में पता चला कि प्रधानाध्यापिका द्रौपदी स्कूल में पढ़ाने के लिए अपनी जगह पर गांव की ही एक युवती को हर महीने 10 हजार रुपये दे रही थी. वह स्कूल में प्रधानाध्यापिका की जगह पढ़ाती थी. जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने प्रधानाध्यापिका को सस्पेंड करते हुए बीईओ कार्यालय एकेश्वर अटैच कर दिया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस स्कूल की प्रधानाध्यापिका द्रौपदी मधवाल कई बार बिना कारण ही स्कूल बंद कर देती थी. प्रधानाध्यापिका ने स्कूल में पढ़ाने के लिए अपनी जगह पर गांव की ही एक युवती को हायर कर रखा था. कई बार औचक निरीक्षण में विद्यालय बंद भी पाया गया. मामले की गंभीरता के देखते हुए सीईओ और डीईओ बेसिक ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया।
ठेके पर टीचर रख प्रिंसिपल खुद फरमा रही थी आराम, यूं फंस गई
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उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से अनोखा मामला सामने आया है, जहां एकेश्वर ब्लॉक में सरकारी प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने अपनी जगह प्रॉक्सी टीचर यानी
अपने खर्चे पर दूसरी युवती को स्कूल में रख लिया था. यह प्रॉक्सी टीचर प्रिंसिपल की जगह स्कूल में पढ़ा रही थी. पढ़ाने के मेहनताने के रूप में प्रधानाध्यापिका
उसे 10 हजार रुपए हर महीने देती थी।
दरअसल, पूरा मामला एकेश्वर ब्लॉक बुसरा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का है. जहां बार-बार ग्रामीणों की शिकायत पर विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान
स्कूल बंद पाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाध्यापिका द्रौपदी मधवाल बिना बताए स्कूल से गायब रहती हैं. जांच में पता चला कि प्रधानाध्यापिका द्रौपदी
स्कूल में पढ़ाने के लिए अपनी जगह पर गांव की ही एक युवती को हर महीने 10 हजार रुपये दे रही थी. वह स्कूल में प्रधानाध्यापिका की जगह पढ़ाती थी. जांच के बाद जिला
शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने प्रधानाध्यापिका को सस्पेंड करते हुए बीईओ कार्यालय एकेश्वर अटैच कर दिया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस स्कूल की प्रधानाध्यापिका द्रौपदी मधवाल कई बार बिना कारण ही स्कूल बंद कर देती थी.
प्रधानाध्यापिका ने स्कूल में पढ़ाने के लिए अपनी जगह पर गांव की ही एक युवती को हायर कर रखा था. कई बार औचक निरीक्षण में विद्यालय बंद भी पाया गया. मामले की
गंभीरता के देखते हुए सीईओ और डीईओ बेसिक ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया।