भानुप्रकाश भट्ट / बसुकेदार दुनिया के सबसे ऊँचे ट्रैक रूट में शामिल गंगोत्री-कालिन्दीखाल-बद्रीनाथ ट्रैक पर इस सीजन के पहले दल ने कालिन्दी खाल पास को सफलतापूर्वक पार किया है। ट्रैकिंग दल में पेशे से शिक्षक रुद्रप्रयाग जनपद के बसुकेदार निवासी नवीन जोंटी सजवाण शामिल हैं। दल ने दस दिनों के अंतराल में यह ट्रैक पार किया है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कई ट्रैक कर चुके नवीन जोंटी सजवाण ने बताया कि सीज़न का पहला दल होने के कारण इस दल को रास्ते में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा,

Featured Image

भूस्खलन क्षेत्रों में रास्ता बनाते हुए दल सफलतापूर्वक आगे बढ़ता गया। गंगोत्री धाम से बद्रीनाथ को जोड़ने वाला कालिन्दी खाल ट्रैक दुनिया के सबसे ऊँचे (5980 मीटर) ट्रैकों में शुमार है। हिमालय की कंदराओं और ग्लेशियर के ऊपर से गुजरने वाले 109 किमी लंबे इस ट्रैक पर साहसिक व रोमांच के शौक़ीन ट्रैकर भोज वासा,गोमुख, तपोवन, नंदनवन,वासुकी ताल,खड़ा पत्थर होते हुए भागीरथी समूहों की चोटियों के साथ केदार डोम, चंद्रा पर्वत, मेरु पर्वत,शिवलिंग,सतोपंथ आदि चोटियों के दर्शन करते हैं। आगे श्वेता ग्लेशियर, कालिन्दी बेस कैम्प,कालिन्दी खाल दर्रे के दुर्गम व बर्फ़ीले रास्तों से होते हुए राजा पड़ाव, अरवा ताल,घसतोली होकर माणा- बद्रीनाथ पहुंचते हैं। 50 फीसद बर्फ से ढके इस ट्रैक को पूरा करने में लगभग 15 दिन लगते हैं। उत्तरकाशी की माउंटेनियरिग व ट्रैकिंग कंपनी ग्रोथ ऐडवेंचर के नेतृत्व में 27 मई को सीजन का पहला दल गंगोत्री से रवाना हुआ था, जो गत रविवार को सकुशल माणा- बद्रीनाथ पहुंचा गया। दल में गाइड के रूप में किशन पंवार ने टीम का मनोबल बढ़ाया। इस दल में उच्च हिमालयी क्षेत्र में ट्रैकिंग के शौक़ीन रुद्रप्रयाग जनपद के बसुकेदार निवासी नवीन जोंटी सजवाण सहित दिल्ली के राजीव कुमार, कोलकाता के कुणाल चक्रबर्ती,अंग्शुमान बोस,शंकर देबनाथ, सोमेंद्र सिकदर शामिल हैं।