हरीश गुसाईं  /  अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड़ न्यूज पोर्टल ब्यूरो । विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस पर हेल्पेज इण्डिया संस्था ने गिंवाला स्थित केदार वृद्ध ग्राम में एक गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों एवं बुजुर्गों ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी में बुजुर्गों के प्रति शालीन व्यवहार करने के लिए सभी को जागरूक किया गया। ब्रिज द गेप थीम के साथ जागरूकता अभियान का प्रारम्भ करते हुए संस्था के रूद्रप्रयाग जिला परियोजना अधिकारी प्रवीण राय ने कहा कि आज के समय में बुजुर्गाे के साथ हो रहा यह दुर्व्यवहार एक आम घटना हो गयी है। घर परिवार के अतिरिक्त सर्वजनिक स्थलों पार्क, हॉस्पिटल आदि सभी जगह उन्हें उपेक्षा व

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तिरस्कार सहन करना पड़ रहा है। बढ़ती हुई जनसँख्या तथा चिकित्सीय सुबिधाओ के परिणामस्वरूप बुजुर्गाे की संख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है जो स्वाभाविक ही है ,परन्तु समस्या की बात ये है की इन बुजुर्गाे के साथ दुर्व्यवार की घटनाएँ भी बढ़ रही है जो विचारणीय है। इसके लिए ब्रिज द गेप नाम से एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य नई पीढ़ी एवं पुरानी पीढ़ी के बीच आये गेप को पाटना है। सीनियर परियोजना अधिकारी पंकज राठौर ने कहा कि बच्चे उन्ही माँ-बाप को आज के समय में बोझ समझ रहे है जिनकी ऊँगली पकड़ कर चलना सीखा था आज उसी ऊँगली को पकड़कर घर से बाहर भी निकाल देते है और कदम-कदम पे उन्हंे लाचार होने का एहसास दिलाते है। हेल्पेज इण्डिया के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ रंगलाल आदव ने कहा कि घर में बुजुर्ग सबसे बड़ा सहारा है, यह कहावत भैतिकवादी युग में कहीं न कहीं अपनी पहचान खोती जा रही है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सस्था के डॉ० अभिजीत राठी, नीतू, रागनी, दीपिका, निशा, हरीश, पवन तिवारी, रंजन, आयशा आदि का सहयोग रहा।