नीलकंठ भट्ट / अगस्त्यमुनि- उधर शिवसेना के बागी गोहाटी से दनादन फोटोशूट भेज रहे हैं। इधर अपनी रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ बागी हुए 14 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव देते हुए फोटो खिंचवाने के बाद गायब हो गए। कोई कहता अन्य जिलों में शरणागत हो गए, कोई कहता ग्रीष्मकालीन पर्यटन पर चले गए। कोई कहता किसी का फोन ही नहीं लग रहा। अब सीधे वोटिंग के दिन ही अवतरित होंगे। अरे महानुभावो इतना डर किस बात का है। जब आपकी अंतरात्मा बिकी ही नहीं तो भला आपका नश्वर शरीर कौन खरीद सकता। सामने आओ, अगर नहीं आ सकते हो तो हम जैसो के मन को तसल्ली देने के लिए एक आध ग्रुप फोटो ही जारी कर दो। वैसे भी ढाई तहसील वाला रुद्रप्रयाग जिला पहले से दल और विचार, सिद्धान्त बदलुओ के लिए रजिस्टर्ड मान्यता प्राप्त है। क्या जनता क्या कार्यकर्ता सब दल बदलुओ को समय समय पर मान्यता देकर अनुग्रहित

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होते और करते रहे हैं। क्या पता वैचारिक सोच को हर साल दो साल बदलते रहने का तुम्हारा ये हुनर अगले चुनाव में तुममे से किसी को विधायक बना दे।  वैसे भी हमको बागी और दागी चुनने में अपूर्व आनन्द मिलता है, भिकास जाए भाड़ में।