महंगाई की मार: गेहूं और आटे के दाम में इजाफा, राहत देने में नाकाम सरकार
1 min read06/07/2022 11:06 pm
दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड़ न्यूज पोर्टल ब्यूरो / – पहाड़ के आम आदमी पर महंगाई की चौतरफ़ा मार पर सरकार फिलहाल राहत देने में नाकाम है। दरअसल सरकार के लिए आम आदमी की जिंदगी से कोई सरोकार है ही नहीं। सरकारी गोदामों में भले ही हर साल अनाज सड़ जाए लेकिन नियमों की लंबी चौड़ी फेरहिस्त में उसे आम आदमी का निवाला न बनने देने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सरकारी राशन बंद हुआ तो भी बाजार में राशन के दाम नहीं घटे। ऐसे में छोटी सी कमाई और पगार में आमजन क्या क्या खरीदे समझ नहीं आता। शायद इसीलिए पहाड़ के सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी जी के गीत ‘ आटौ चौळ महंगौ वेगी, महंगी दाळ तेल / चा चीनी महंगी कनक्वे बचलू सरील
न भे हमरा बसे नी या महंगी जिदंगी / कनक्वे खीचण अब भारी गरी वेगी जिदंगी ‘ में महंगाई की व्यथा बखूबी दिखती है।
पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में गेहूं और आटे के दाम में 10 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। चक्की पर मिलने वाले खुले आटे से लेकर बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड आटे के प्रति दस किलो के पैक की कीमत 20 से 25 रुपये तक बढ़ गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट खर्च जुड़ने से गेहूं और आटे के मूल्य में बढ़ोत्तरी थोड़ी और ज्यादा है। इस बढ़ोतरी के पीछे इस साल सरकारी केंद्रों के बजाए खुले बाजार में गेहूं की अधिक बिक्री को भी वजह माना जा रहा है। साथ ही पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में गेहूं की मात्रा घटने और सामान्य रियायती अनाज योजना से गेहूं की सप्लाई को पूरी तरह से बंद करने के कारण गेहूं की मांग में इजाफा हुआ है।सरकार ने इस साल 22 लाख कुंतल गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था। प्रति कुंतल 2015 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ सरकार ने किसानों को हर कुंतल पर 20 रुपये बोनस भी दिया। लेकिन इस बार किसानों ने केवल 21 हजार 260 कुंतल गेहूं की सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचा। खुले बाजार में बेहतर मूल्य मिलने के कारण किसानों ने अपनी अधिकांश उपज को कारोबारियों और बड़ी फर्मों को ही बेचा है। ऐसे में फर्मों से बाजारों में उतरने वाला गेहूँ आम आदमी की जेब पर डाका डाल रहा है। रुद्रप्रयाग में गेहूं का मूल्य 2200 से बढ़कर 2500 तक आ गया है। ब्रांडेड आटे के दस किलो के बैग का मूल्य यहां भी 20 रुपये तक बढ़ा है। टिहरी में आटे के बैग में 30 रुपये तक की वृद्धि है। पौड़ी में भी यही स्थिति है। यहां चक्की का आटा प्रति किलो 26 से बढ़कर 30 रुपये तक हो गया है। रुड़की समेत बाकी स्थानों पर कमोवेश यही स्थिति है।
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