दीपक बेंजवाल  / दस्तक पहाड़ न्यूज पोर्टल ब्यूरो- प्राचीन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं। इस दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति, सुख-शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है। इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व आज 13 जुलाई को मनाया जाएगा। रुचक, भद्र, हंस, मालव्य और शश नाम के पाँच विशेष योग के साथ नौ संयोग इस बार गुरु पूर्णिमा को खास बना रहे हैं।

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गुरु पूर्णिमा पर बनने वाले संयोग पंचमहारपुरुष योग का महासंयोग - इस बार गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पंचमहापुरुष योग भी मौजूद रहेगा। जब रुचक योग, भद्र योग, मालव्य योग, हंस योग और शश योग ये पांचो योग एक साथ होते हैं तो इसे पंचमहापुरुष योग कहते हैं। इस दिन सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक जिन बच्चों का जन्म होगा उनकी कुंडली में महायोग होगा। इस दिन गुरु पूजन के साथ-साथ व्यास मुनि और लक्ष्मी पूजन करना भी लाभकारी होगा। गुरु पूर्णिमा पर दुर्लभ शुभ संयोग - इस बार गुरु पूर्णिमा पर ग्रहों का संयोग बेहद दुर्लभ होने वाला है। इस दिन एक साथ कई सारे शुभ योग बन रहे हैं। जिसका सीधा असर लोगों की राशियों पर भी पड़ेगा। गुरु पूर्णिमा पर ज्ञान, धन, सुख और ऐश्वर्य के योग का असर कई राशियों पर पड़ने वाला है। गुरु की पूजा करने से परेशानियों का हल मिलेगा। लक्ष्मी नारायण योग - इस दिन शुक्र मिथुन राशि में 10 बडकर 50 मिनट पर प्रवेश करेंगे। ये समय बेहद ही शुभ है। मिथुन राशि वालों के लिए काफी फलदायी होगा। इस दिन लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। ऐसे में आप किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं, ये दिन काफी शुभ है। बुधादित्य योग का भी रहेगा प्रभाव - इस बार सूर्य और बुध मिथुन राशि में एक साथ प्रवेश करेंगे। ऐसे योग को बुधादित्य योग कहा जाता है। गुरु पूर्णिमा के खौस मौके पर ये योग मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ होने वाला है। इस गुरु पूजा करने वालों के लिए यह खास दिन कल्याणकारी रहेगा। गजकेसरी और रवियोग का योग - इस दिन गजकेसरी और रवियोग एक साथ मौजूद रहेंगे। गुरु और चंद्रमा मिलकर गजकेसरी योग बनाते हैं। इस दिन चंद्रमा और गुरु एक दूसरे से केंद्र स्थान में होंगे। गजकेसरी योग पर गुरु की पूजा करने वालों के लिए ये दिन शुभ साबित होगा।