शिक्षक दिवस पर राज्यपाल देंगे रूद्रप्रयाग के शिक्षक हेमंत चौकियाल को शैलेश मटियानी शिक्षक सम्मान
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03/09/202211:34 am
माधव सिंह नेगी / दस्तक पहाड़ न्यूज विशेष
विरले शिक्षक ही ऐसे होते हैं, जो चुपचाप अपने शिक्षण कार्य के साथ, देश की भावी पीढ़ी का सृजन वैज्ञानिक तरीके से करने के कार्य में संलग्न रहते हैं। ऐसे ही उत्तराखंड के पहाड़ी जिले रूद्रप्रयाग के एक शिक्षक हैं हेमंत चौकियाल। जो विगत तीन दशकों से बच्चों और समाज के बीच विज्ञान को जानने /समझने और उसके प्रचार-प्रसार में लगे हैं।वर्ष 1991 में ऊखीमठ ब्लॉक के आधारिक विद्यालय स्याँसू से अपने शिक्षक जीवन की शुरुआत करने वाले श्री चौकियाल ने कई शैक्षिक व सामाजिक सुधारों का श्री गणेश किया। नब्बे और दो हजार के दशक में उन्होंने बालिका शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए बालिका शिक्षा के लिए स्तुत्य प्रयास प्रारंभ किये।खेल के क्षेत्र में भी इन्होने स्याँसू और आधारिक विद्यालय जाल मल्ला में रहते हुए कई नवीन आयाम स्थापित किये। इनकी गिनती न केवल राज्य के सुयोग्य शिक्षकों में होती है अपितु अपने विद्यार्थियों के बीच वे वैज्ञानिक गुरूजी और साथियों के बीच नवाचारी शिक्षक के नाम से जाने जाते हैं। विज्ञान के प्रति इनके जूनून को इसी बात से समझा जा सकता है कि वे लगातार विज्ञान के प्रचार-प्रसार के साथ विज्ञान को सरलतम रूप से बच्चों के सामने रखने के लिए बच्चों व समाज के साथ पिछले तीन दशकों से बच्चों व समाज के साथ मिलकर कई विज्ञान बाल मेलों, लघु शोधों , एक्शन रिसर्च के कार्यों में लगे हैं। विज्ञान के प्रति इसी जुनून के कारण जनपद, राज्य ही नहीं अपितु देश के विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक,साहित्यिक सांस्कृतिक, सरकारी व गैरसरकारी संगठनों ने अब तक श्री चौकियाल को आठ दर्जन से अधिक प्रशस्ति और सम्मान अलंकरणों से नवाजा है। इन अलंकरणों में ग्राम स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक के छोटे – बड़े सम्मान सम्मिलित हैं। श्री अरविंदो सोसाइटी भी श्री चौकियाल के शून्य निवेश नवाचारों का सम्मान प्रशस्ति पत्र भेंट करके कर चुकी है। अब तक श्री चौकियाल कई बच्चों को विज्ञान महोत्सव, इन्सपायर अवार्ड, उड़ान, आविष्कार जैसी प्रतियोगिताओं में, उनका मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर चुके हैं।
श्री चौकियाल अब तक कई नन्हे बाल वैज्ञानिकों के मार्गदर्शक शिक्षक के रूप में, विज्ञान की कई प्रतियोगिताओं में सफलता अर्जित कर चुके हैं। वर्ष 2016-17 में उनके छात्र रोहित रौतेला ने नदी घाटों पर पानी के ऊपर तैरते कूड़े-करकट को नदी के जल से पृथक करने के लिए उत्प्लावन के सिद्धांत पर आधारित एक संयन्त्र को इजाद किया, जिसे विज्ञान महोत्सव की राष्ट्रीय प्रतियोगिता अहमदाबाद में खूब सराहा गया। 2017-18 में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलियासौड़ नामक स्थान पर होने वाले भूस्खलन के लिए उनकी छात्रा आस्था भट्ट और शालिनी ने एक संयन्त्र का विकास किया जिसे रूद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (अब पी एम ओ में संयुक्त सचिव) द्वारा बहुत सराहा गया था। 2018-19 में उनकी छात्रा कु० आस्था भट्ट ने सड़क सुरक्षा में चुम्बकों का अनुप्रयोग का भी एक कार्यकारी मॉडल पेश करते हुए राज्य इन्सपायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। छात्रा शालिनी ने प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग में ध्यान में रखी जाने वाली नौ सावधानियां प्रस्तुत कर रेलवे मार्ग निर्माण में लगे इंजीनियरों को भी प्रभावित किया। उनकी छात्रा कु० आँचल ने गर्ल/ओमन चाइल्ड फैन्ड्रली ट्वाइलेट का कार्यकारी मॉडल प्रस्तुत किया। इस मॉडल में आँचल ने महिलाओं और बालिकाओं की सैनेटरी प्राब्लम और सैनेटरी अपशिष्ट के निस्तारण की विधि प्रस्तुत की है जिसे 47वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में वर्चुअली प्रदर्शित किया गया। श्री चौकियाल के कई छात्रों के प्रोजेक्ट को राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं में स्थान मिल चुका है। स्वयं श्री चौकियाल भी साहित्यकार, कवि के साथ विज्ञान लेखक भी हैं। वे कई साहित्यिक व विज्ञान की पत्रिकाओं के सम्पादन मण्डल के सदस्य भी रह चुके हैं। वर्ष 2021 के प्रतिष्ठित साराभाई राष्ट्रीय वैज्ञानिक शिक्षक पुरस्कार(STSNA-2021) में देश में तीसरा स्थान हासिल कर,रमन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन ने भी विज्ञान के प्रचार – प्रसार में उनके योगदान को सराहा है। देश के विज्ञान शिक्षकों को दिए जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में हेमंत चौकियाल ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल करते हुए जनपद और राज्य को गौरवान्वित किया है। इस पुरस्कार में उन्हें गोल्ड मेडल के साथ प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार के साथ नेशनल काउन्सिंलिग ऑफ टीचर साइन्टिस्ट की फैलोशिप भी प्रदान की गई है। इस सम्मान से नवाजे जाने वाले वे उत्तर भारत के अकेले शिक्षक हैं।
जिले के तीनों विकास खण्डों में कार्य कर चुके हेमंत चौकियाल वर्तमान में अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के रा०उ०प्रा०वि० डाँगी गुनाऊँ में कार्यरत हैं।श्री चौकियाल मूल रूप से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ग्राम पंचायत धारकोट के मूल निवासी हैं। वर्ष 2021 के प्रतिष्ठित शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक सम्मान से उन्हें राजभवन देहरादून में इस शिक्षक दिवस पर महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जा रहा है।
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माधव सिंह नेगी / दस्तक पहाड़ न्यूज विशेष
विरले शिक्षक ही ऐसे होते हैं, जो चुपचाप अपने शिक्षण कार्य के साथ, देश की भावी पीढ़ी का सृजन वैज्ञानिक तरीके से करने के कार्य में संलग्न रहते हैं। ऐसे ही
उत्तराखंड के पहाड़ी जिले रूद्रप्रयाग के एक शिक्षक हैं हेमंत चौकियाल। जो विगत तीन दशकों से बच्चों और समाज के बीच विज्ञान को जानने /समझने और उसके
प्रचार-प्रसार में लगे हैं।वर्ष 1991 में ऊखीमठ ब्लॉक के आधारिक विद्यालय स्याँसू से अपने शिक्षक जीवन की शुरुआत करने वाले श्री चौकियाल ने कई शैक्षिक व
सामाजिक सुधारों का श्री गणेश किया। नब्बे और दो हजार के दशक में उन्होंने बालिका शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए बालिका शिक्षा के लिए स्तुत्य प्रयास प्रारंभ
किये।खेल के क्षेत्र में भी इन्होने स्याँसू और आधारिक विद्यालय जाल मल्ला में रहते हुए कई नवीन आयाम स्थापित किये। इनकी गिनती न केवल राज्य के सुयोग्य
शिक्षकों में होती है अपितु अपने विद्यार्थियों के बीच वे वैज्ञानिक गुरूजी और साथियों के बीच नवाचारी शिक्षक के नाम से जाने जाते हैं। विज्ञान के प्रति
इनके जूनून को इसी बात से समझा जा सकता है कि वे लगातार विज्ञान के प्रचार-प्रसार के साथ विज्ञान को सरलतम रूप से बच्चों के सामने रखने के लिए बच्चों व समाज के
साथ पिछले तीन दशकों से बच्चों व समाज के साथ मिलकर कई विज्ञान बाल मेलों, लघु शोधों , एक्शन रिसर्च के कार्यों में लगे हैं। विज्ञान के प्रति इसी जुनून के
कारण जनपद, राज्य ही नहीं अपितु देश के विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक,साहित्यिक सांस्कृतिक, सरकारी व गैरसरकारी संगठनों ने अब तक श्री चौकियाल को आठ दर्जन से
अधिक प्रशस्ति और सम्मान अलंकरणों से नवाजा है। इन अलंकरणों में ग्राम स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक के छोटे - बड़े सम्मान सम्मिलित हैं। श्री अरविंदो सोसाइटी
भी श्री चौकियाल के शून्य निवेश नवाचारों का सम्मान प्रशस्ति पत्र भेंट करके कर चुकी है। अब तक श्री चौकियाल कई बच्चों को विज्ञान महोत्सव, इन्सपायर अवार्ड,
उड़ान, आविष्कार जैसी प्रतियोगिताओं में, उनका मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर चुके हैं।
श्री चौकियाल अब तक कई नन्हे बाल वैज्ञानिकों के मार्गदर्शक शिक्षक के रूप में, विज्ञान की कई प्रतियोगिताओं में सफलता अर्जित कर चुके हैं। वर्ष 2016-17 में उनके
छात्र रोहित रौतेला ने नदी घाटों पर पानी के ऊपर तैरते कूड़े-करकट को नदी के जल से पृथक करने के लिए उत्प्लावन के सिद्धांत पर आधारित एक संयन्त्र को इजाद किया,
जिसे विज्ञान महोत्सव की राष्ट्रीय प्रतियोगिता अहमदाबाद में खूब सराहा गया। 2017-18 में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलियासौड़ नामक स्थान पर होने वाले
भूस्खलन के लिए उनकी छात्रा आस्था भट्ट और शालिनी ने एक संयन्त्र का विकास किया जिसे रूद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल (अब पी एम ओ में
संयुक्त सचिव) द्वारा बहुत सराहा गया था। 2018-19 में उनकी छात्रा कु० आस्था भट्ट ने सड़क सुरक्षा में चुम्बकों का अनुप्रयोग का भी एक कार्यकारी मॉडल पेश करते
हुए राज्य इन्सपायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। छात्रा शालिनी ने प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग में ध्यान में रखी जाने वाली
नौ सावधानियां प्रस्तुत कर रेलवे मार्ग निर्माण में लगे इंजीनियरों को भी प्रभावित किया। उनकी छात्रा कु० आँचल ने गर्ल/ओमन चाइल्ड फैन्ड्रली ट्वाइलेट का
कार्यकारी मॉडल प्रस्तुत किया। इस मॉडल में आँचल ने महिलाओं और बालिकाओं की सैनेटरी प्राब्लम और सैनेटरी अपशिष्ट के निस्तारण की विधि प्रस्तुत की है जिसे
47वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में वर्चुअली प्रदर्शित किया गया। श्री चौकियाल के कई छात्रों के प्रोजेक्ट को राज्य और राष्ट्रीय स्तर
की पत्र/पत्रिकाओं में स्थान मिल चुका है। स्वयं श्री चौकियाल भी साहित्यकार, कवि के साथ विज्ञान लेखक भी हैं। वे कई साहित्यिक व विज्ञान की पत्रिकाओं के
सम्पादन मण्डल के सदस्य भी रह चुके हैं। वर्ष 2021 के प्रतिष्ठित साराभाई राष्ट्रीय वैज्ञानिक शिक्षक पुरस्कार(STSNA-2021) में देश में तीसरा स्थान हासिल कर,रमन
साइंस एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन ने भी विज्ञान के प्रचार - प्रसार में उनके योगदान को सराहा है। देश के विज्ञान शिक्षकों को दिए जाने वाले इस प्रतिष्ठित
पुरस्कार में हेमंत चौकियाल ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल करते हुए जनपद और राज्य को गौरवान्वित किया है। इस पुरस्कार में उन्हें गोल्ड मेडल के
साथ प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार के साथ नेशनल काउन्सिंलिग ऑफ टीचर साइन्टिस्ट की फैलोशिप भी प्रदान की गई है। इस सम्मान से नवाजे जाने वाले वे
उत्तर भारत के अकेले शिक्षक हैं।
जिले के तीनों विकास खण्डों में कार्य कर चुके हेमंत चौकियाल वर्तमान में अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के रा०उ०प्रा०वि० डाँगी गुनाऊँ में कार्यरत हैं।श्री
चौकियाल मूल रूप से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ग्राम पंचायत धारकोट के मूल निवासी हैं। वर्ष 2021 के प्रतिष्ठित शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक सम्मान से उन्हें
राजभवन देहरादून में इस शिक्षक दिवस पर महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जा रहा है।