हरीश गुसाईं / अगस्त्यमुनि। दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो। एसएसबी प्रशिक्षित स्वयं सेवक (गुरिल्ला) संगठन की बैठक में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिसमें उन्होंने मणिपुर राज्य की तरह गुरिल्लाओं को उचित नौकरी, पैंशन एवं आश्रित को रोजगार दिए जाने का आदेश दिया है, की स्थिति पर चर्चा करते हुए आगे फिर लम्बी लड़ाई के लिये कमर कसने का निर्णय लिया गया। अगस्त्यमुनि रामलीला मैदान में संगठन की जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अब तक हुई कार्यवाही पर विस्तार से

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चर्चा की। कहा कि एक लम्बे संघर्ष के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से गुरिल्लाओं में खुशी की लहर है। सरकारों की लगातार उपेक्षा के बाबजूद गुरिल्लाओं ने संघर्ष में साथ नहीं छोड़ा और जब यह मामला माननीय न्यायालय में गया तो पहले उच्च न्यायालय ओर फिर सर्वोच्च न्यायालय में जीत मिली। उन्होंने इसके लिए सभी गुरिल्लाओं की ओर से माननीय न्यायालयों का आभार जताया। उन्होंने गुरिल्लाओं को चेताया कि माननीय न्यायालय के फैसले के बाबजूद अभी लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। अब माननीय न्यायालय के फैसले को लागू कराने के लिए सरकारों पर दबाब बनाना होगा। जिससे सभी गुरिल्लाओं को नौकरी, पैंशन अथवा आश्रितों को रोजगार मिल सके। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रान्तीय सलाहकार आनन्द सिंह रावत ने कहा कि विगत कई वर्षों से गुरिल्ला संगठन सरकार से न्याय की मांग करता आ रहा था। इसके लिए गुरिल्लाओं ने लम्बी लड़ाई लड़ी। परन्तु किसी भी सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया। मजबूरन संगठन को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। वहां भी लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी। उच्च न्यायालय के बाद सर्वोच्च न्यायालय तक मामला गया। जहां माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मणिपुर राज्य की तरह गुरिल्लाओं को पैंशन, नौकरी तथा अन्य सम्मान देने का आदेश सरकार को दिया है।  इसके बाद गुरिल्लाओं को उम्मीद है कि केन्द्र व राज्य सरकार कुछ न कुछ फैसला उनके पक्ष में लेगी। हमें अपने देश के कानून एवं न्याय व्यवस्था  पर पूरा भरोसा है। परन्तु अब तक की सरकारों की कार्यप्रणाली से उनको संशय है कि सरकार कोई उचित फैसला ले पायेगी। उन्होंने सभी गुरिल्लाओं से एक बार पुनः लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा कि अब ये लड़ाई अन्तिम दौर में है और हमें इसे अंजाम तक पहुंचाना है। जिससे सभी गुरिल्लाओं को लाभ मिल सके। प्रदेश सचिव हरिकृष्ण गोस्वामी ने जिलाध्यक्ष बसन्ती रावत एवं प्रान्तीय सलाहकार आनन्द सिंह रावत का आभार जताते हुए कहा कि इनके नेतृत्व में जनपद रूद्रप्रयाग ही नहीं अपितु पूरे उत्तराखण्ड में गुरिल्लाओ के आन्दोलन को नई दिशा देकर इसे अंजाम तक पहुंचाने में अपना सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद तत्काल प्रभाव से एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं की मांगों का निस्तारण यथाशीघ्र करें। बैठक में बद्रीदत्त मिश्रा, विजयपाल बिष्ट, गजपाल सिंह, कुलदीप, नेत्रसिंह, रमेश सेमवाल, सुशीला देवी, शकुन्तला देवी, राधा देवी, लक्ष्मी देवी, प्रदीप लाल, प्रमोद, गौर सिंह, दर्शनी देवी, किरण, दयाललाल, हर्षवर्धन, गोबिन्द सिंह, बिन्दी लाल, दाताराम भट्ट, नरेन्द्र सजवाण, उदय सिंह, अरविन्द सिंह सहित बड़ी संख्या में गुरिल्ला मौजूद रहे।