दीपक बेंजवाल / कालिका कांडपाल  दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो:- उत्तराखण्ड में नौकरियों में चल रहे फर्जीवाड़े में अब तक अछूते रूद्रप्रयाग जिले में बड़ा घोटला सामने आने से हड़कंप मच गया है। यहाँ बैकडोर से 80 अपात्र व्याक्तियों को पीआरडी के जरिए नियमों को ताक पर रखते हुए विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दी गयी है। मजेदार बात यह कि ये सभी नौकरियां जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर तहसीलों तक में धड़ल्ले से की गई जहाँ हर वक्त आला अधिकारियों की धमक बनी रहती है। सूचना अधिकार से पकड़ में आए इस

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घोटले का राज खुलते ही आनन फानन में 36 अपात्र पीआरडी अप्रशिक्षित कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। शेष बचे अपात्रों पर भी जांच के बाद कड़ी कार्यवाही करने की बात कही जा रही है। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब एक युवा विनोद लाल द्वारा सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी। इस सूचना में 84 अपात्र व्याक्तियों के नाम ऐसे है जिनके नाम से न विज्ञप्ति जारी हुई और न ही उन्होंने पीआरडी के तहत कोई प्रशिक्षण लिया था। शिकायतकर्ता का कहना है कि यह सरासर घोटाला है जिसमें प्रशिक्षितों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से नौकरियाँ दी गई है। वही इस पूरे मामले पर जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी रूद्रप्रयाग विनोद जोशी ने 348 के सापेक्ष 70 से 80 अप्रशिक्षित जो पूर्व में लगाए गए थे कि जांच करने की बात कही है साथ ही उनके द्वारा तथ्यों के संज्ञान में आने पर तत्काल प्रभाव से अप्रशिक्षितों को हटाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। दरअसल सफेदपोश पीआरडी के जरिए भर्ती हुए अपने चहेतों का नौकरी का जुगाड़ करते है। इस प्रकार ये अप्रशिक्षित खास पहचान सिफारिश के जरिए आसानी से नौकरी पा जाते है। सरकारी सेवा में घुसने का यह सबसे आसान व सरल तरीका है। एक बार घुसने के बाद पीआरडी के ये जवान जिले के बड़े कार्यालयों से लेकर महाविद्यालयों तक के स्टाफ में नौकरी पर रख दिए जाते है। रूद्रप्रयाग में भी चहतों को पीआरडी के नाम पर नौकरियों की रेवड़ी बांटने में कई सफेदपोशों के नाम सामने आने से हड़कंप मचा है। चेहतों को नौकरी देने का यह गोरखधंधा सिर्फ रूद्रप्रयाग जिले में नही वरन पूरे उत्तराखण्ड में बैकडोर से धड़ल्ले से चला आ रहा है। देखिए लिस्ट