जानिए क्यों, चन्द्रकुंवर बर्त्वाल पहाड़ के ही कवि नहीं हैं बल्कि देश दुनिया के कवि है
1 min read14/09/2022 1:23 pm
हरीश गुसाईं / अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो। हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की 75वीं पुण्य तिथि एवं हिन्दी दिवस पर चन्द्रकुंवर बर्त्वात स्मृति शोध संस्थान अगस्त्यमुनि द्वारा अउराइका अगस्त्यमुनि में कार्यक्रम आयोजित कर कवि के कृतत्व एवं व्यक्तित्व को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में छात्रों को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य हरेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि आज से 75 वर्ष पूर्व जब भारत आजाद ही हुआ था ऐसे समय में मन्दाकिनी घाटी का यह हिमवंत कवि मात्र 28 वर्ष की अल्पायु में हिन्दी साहित्य को अनमोल खजाना सौंप कर महाप्रयाण कर चुका था। उन्होंने हिन्दी दिवस की बधाई देते हुए सभी छात्रों से हिन्दी दिवस पर निबन्ध लिखकर लाने को कहा। शोध संस्थान के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने कहा कि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल पहाड़ के ही कवि नहीं हैं बल्कि देश दुनिया के कवि हैं। अपने अल्प जीवन काल में उन्होंने कहानियां, एकांकी, बाल साहित्य सहित प्रकृति के कई रंगों को संजोकर ऐसे अमर गीतों की रचना की जिनकी वजह से उन्हें संस्कृत के कालीदास एवं अंग्रेजी के कवि कीट्स की श्रेणी में रखा जाता है। आज हिन्दी दिवस भी है और इससे अच्छा अवसर शायद ही मिले जब हम चन्द्रकुंवर बर्त्वाल के साहित्य को याद करें। वरिष्ठ प्रवक्ता सच्चिदानन्द सेमवाल ने उनकी जीवनी पर विस्तार चर्चा करते हुए कहा कि अपनी उम्र के आधे वष्र उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने में व्यतीत की तो आधी उम्र उनकी बीमारी में कट गई, फिर भी उन्होंने हिन्दी साहित्य में अपना नराम सुनहरे अक्षरों में अंकित कर दिया। संचालन शिक्षक धीरसिंह नेगी ने किया। इस अवसर पर कवि की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर संस्थान के सदस्यों, शिक्षकों एवं छात्रों ने कवि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक बीएस पंवार, रवीन्द्र पंवार, माला राणा दिनेश मलासी, कालिका काण्डपाल, दीपक बेजवाल सहित विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकायें तथा बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र छात्रायें मौजूद रही।
Advertisement

Advertisement

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।
यह है वह वस्तु जो लोकतंत्र को जीवन देती नवीन
जानिए क्यों, चन्द्रकुंवर बर्त्वाल पहाड़ के ही कवि नहीं हैं बल्कि देश दुनिया के कवि है
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129