हरीश गुसाईं / अगस्त्यमुनि।  दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो।  अउराइका अगस्त्यमुनि के परिसर में बने सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक भवन पर पिछले दो वर्ष से पुलिस का कब्जा है। जहां शिक्षक संगठनों की गतिविधियां होनी चाहिए थी वहां पर पुलिस कर्मियों के बिस्तर सजे हैं। यहां तक कि शिक्षक भवन का नाम भी मिटा दिया गया है। उस भवन में लगे विद्युत उपकरणों का बिल भी शिक्षा विभाग वहन कर रहा है। कई बार पुलिस विभाग से भवन को खाली करने का अनुरोध किया जा चुका है। परन्तु अभी तक भवन पुलिस के कब्जे में ही है।

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शिक्षक नेताओं ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को पत्र लिखकर भवन को शीघ्र खाली करवाने की मांग की है। शिक्षक नेताओं ने बताया कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण 2020 एवं 2021 में शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से ठप थी। शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण विद्यालय बन्द ही रहे। कोरोना काल में शिक्षक संगठनों के कार्य भी लगभग स्थगित ही रहे। इससे शिक्षक भवन जहां शिक्षक संगठनों की गतिविधियां चलनी थी वहां पर अस्थाई व्यवस्था के तहत पुलिस विभाग के फायर एवं पीएसी के जवान रहने लगे। परन्तु इस वर्ष न केवल विद्यालय पूर्ण रूप से खुल चुके हैं बल्कि शिक्षक संगठनों के कार्य भी गतिमान होने लगे हैं। ऐसी परिस्थितियों में अब शिक्षक भवन की आवश्यकता शिक्षक संगठन को अधिक महसूस की जा रही है। राजकीय शिक्षक संघ के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के अध्यक्ष शंकर भट्ट एवं महामंत्री अंकित रौथाण ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, पुलिस अधीक्षक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रप्रयाग को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान में शिक्षक संगठनों के ब्लॉक एवं जिला स्तरीय चुनाव गतिमान हैं। इसके साथ ही विद्यालयी खेलकूद के अन्तर्गत राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता भी अक्टूबर माह में अगस्त्यमुनि में होनी सुनिश्चित हुई हे। ऐसे में शिक्षकों के रहने तथा अन्य गतिविधियों के संचालन हेतु शिक्षक भवन की आवश्यकता होगी। शिक्षक नेताओं ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिपं अध्यक्ष से शिक्षक भवन को खाली करवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।