अगस्त्यमुनि में टीबी उन्मूलन के लिए जन भागेदारी अभियान में नि-क्षय मित्र हेतु कार्यशाला
1 min read30/09/2022 4:57 pm
हरीश गुसाईं / अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टीबी उन्मूलन के लिए जन भागेदारी अभियान को सफल बनाने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नि-क्षय मित्र बनाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ब्लॉक सभागार में कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक के प्रतिनिधि श्रीनन्द जमलोकी ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया है कि वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग पूर्णतः समाप्त हो जायेगा। यह तभी सम्भव है जब इसमें हम सामूहिक भागेदारी निभाते हुए रोगियों की पहचान करने के साथ ही उन्हें समय पर दवा एवं पोषण आहार दिलाने में अहम भूमिका निभायेंगे। तभी टीबी हारेगा और देश जीतेगा। देश स्वस्थ होगा तभी आत्मनिर्भर भी बनेगा। इसके लिए अपने आवास के साथ ही कार्यस्थल के पर्यावरण को हमेशा स्वच्छ रखना होगा। एसीएमओ/जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विमल गुसाईं ने बताया कि नियमित और पूर्ण अवधि तक उपचार लेने पर टी.बी. से मुक्ति मिलती है। रोगी की पहचान होने पर प्रथम दो से तीन माह स्वास्थ्य केन्द्र पर स्वास्थ्य कर्मी की सीधी देख-रेख में सप्ताह में तीन बार औषधियों का सेवन कराया जाता है। बाकी के चार -पॉंच माह में रोगी को एक सप्ताह के लिये औषधियॉं दी जाती है जिसमें से प्रथम खुराक चिकित्साकर्मी के सम्मुख तथा शेष खुराक घर पर निर्देशानुसार सेवन करने के लिये दी जाती है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी उन्मूलन में सहयोग करने की अपील की। कहा कि मनुष्य का यह शरीर परोपकार के लिए बना है। और किसी दूसरे का जीवन बचाने से अधिक परोपकार दूसरा नहीं हो सकता। प्रधान संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष विजयपाल राणा ने कहा कि उपचार में ही बचाव है। सही समय पर रोगी की पहचान एवं दवाइयों के सेवन से रोग ठीक किया जा सकता है। आवश्यकता है तो इस सम्बन्ध में जागरूक होने की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक मुकेश बगवाड़ी ने बताया कि क्षय रोग की पहचान है कि अगर तीन सप्ताह से ज्यादा खांसी हो तो नजदीक के सरकारी अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जहॉं बलगम की जॉंच होती है, वहॉं बलगम के तीन नमूनों की निःशुल्क जॉंच करवाकर उन्हें समय पर दवाई एवं पोषण लेने के लिए प्रेरित करें। टी.बी. की जॉंच और इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता के जन सहभागिता पर जोर दिया जा रहा है। कहा कि प्रारम्भ से ही क्षय रोग एक गहन सामाजिक आर्थिक चुनौती बना हुआ है। इस रोग पर नियन्त्रण के लिये भारत सरकार ने 1962 से राष्ट्रीय क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम लागू किया। इसके अर्न्तगत जिला स्तर पर एक सुपरविजन एवं मोनिटरिंग इकाई के रूप में जिला क्षय निवारण केन्द्र की स्था्पना की गई है जो जनपद में क्षय रोग निवारण हेतु कार्य कर रही है। इसी का प्रतिफल है कि जनपद रूद्रप्रयाग को टीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। तम्बाकू नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी दीपक नौटियाल ने कहा कि तम्बाकू कई बीमारियों को जन्म देता है। इसके सेवन से टीबी, दमा, कैंसर जैसी बीमारियां होती है। तम्बाकू निषेध के लिए विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विशेषकर स्कूली बच्चों के बीच काउन्सलिंग भी कराई जा रही है। इस अवसर पर नि-क्षय मित्र के लिए सर्वप्रथम बीडीओ प्रवीण भट्ट ने अपना पंजीकरण कराया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से दिग्पाल कण्डारी, नरेश राणा, सुनील राणा, हरीश चौधरी, आशीष उनियाल, सीमा, सुषमा, अनिल सिंह, ग्रापंविअ पूर्ति, रजनी गुसाईं, आरती, महेन्द्र नौटियाल, नरेश कुमार, प्रिन्स पटवाल, राजेश, अनिल पन्त, वीरेन्द्र घिल्डियाल आदि सहित कई जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी मौजूद थे।
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