अंकिता हत्याकांड: सीएम विधायक साथ तो कथित वीआईपी का नाम उजागर क्यों नहीं
1 min read30/09/2022 9:51 pm
दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो )- दिवंगत अंकिता भंडारी हत्याकांड में सोशल मीडिया और जगह जगह लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन से धामी सरकार निशाने पर हैं। जनता के बीच इमेज डैमेज कंट्रोल के लिए धामी सरकार और उनके कई विधायक डोभ श्रीकोट पहुंच कर अंकिता के परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं बावजूद हत्याकांड में लीपापोती, बुलडोजर से हुई तोड़ फोड़, और बैराज के तेज बहाव के बावजूद नियत स्थान पर आरोपियों की निशानदेही से शव की बरामदगी, शव का न फूलना, और तथाकथित वीआईपी का नाम उजागर होना बड़े सवाल खड़े करता है। सूत्रों कि माने तो इस प्रकरण में जिस वीआईपी का जिक्र आया है वह सत्ता धारी बीजेपी सरकार का ही है, जिसका नाम उजागर होने पर बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में जनता को किस विश्वास में लेने के लिए विधायक और मंत्री डोभ श्रीकोट पहुंच रहे है। पुलिस की जांच में भी अभी तक कथित हत्याकांड के दोषी वीआईपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है
हालांकि इन सबके बावजूद पुलिस और सरकार न्याय के लिए प्रतिबद्धता जाहिर कर रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज स्वयं पौड़ी के डोभ श्रीकोट गाँव पहुंचकर दिवंगत बेटी अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात करते हुए शोक संवेदनाएं व्यक्त की। उन्हें आश्वस्त किया कि इस जघन्य अपराध के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर हम इस मामले की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में कराएंगे। उन्होंने कहा सरकार दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजनों को न्याय दिलाने हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।मामले की जांच को डीआईजी पी.रेणुका देवी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई है जिसने अपनी जांच प्रारंभ कर दी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड के तीनों आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और जांच में जिन भी लोगों की भूमिका संदेह के दायरे में है उन पर भी कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी मौजूद थे।
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