दस्तक न्यूज़ ब्यूरोl अगस्त्यमुनि श्री अगस्त्य रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित रामलीला के चौैथे दिन का शुभारम्भ भगवान राम की बारात की भव्य झांकी से हुआ। जो कि पुराना देवल से प्रारम्भ होकर विजयनगर, अगस्त्यमुनि होते हुए श्री अगस्त्य मन्दिर में पहुंची जहां भगवान राम ने माता सीता सहित सभी भाइयों के साथ मुनि महाराज का आषीर्वाद लिया। उसके बाद बारात मुख्य पांडाल में पुहंचकर सम्पन्न हुई। कीर्तन मण्डली अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष श्रीमती शाकम्बरी देवी खत्री एवं महिला मंगल दल की

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अध्यक्ष सर्वश्वरी देवी गुसाईं ने चौथे दिन की रामलीला का शुभारम्भ रिबन काटकर किया। इस अवसर पर बनियाड़ी की ममंदल एवं कीर्तन मण्डल अध्यक्ष भी उपस्थित रही। कीर्तन मण्डली की अध्यक्ष श्रीमती खत्री ने कहा कि भगवान राम ने समाज में आदर्श पुत्र, आदर्श भाई तथा आदर्श पति का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। तभी उन्हें पुरूषोत्तम कहा गया। उन्होंने सभी से ऐसे भगवान राम के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। चौथे दिन की रामलीला में दिखाया गया कि जब भगवान राम सीता का वरण कर अयोध्या पहुंचे तो सभी अयोध्या वासी हर्षोल्लास से भर उठे। इसके बाद भगवान राम के राजतिलक की तैयारियां होने लगी। परन्तु दशरथ की तीसरी रानी भरत की माता कैकई की दासी मन्थरा ने कैकई को राम के वनवास एवं भरत के राजतिलक के लिए उकसाया। जिसके बाद कैकई ने कोप भवन में जाकर राजा दशरथ से पूर्व में दिए गये वचन के अनुसार राम को 14 वर्ष का वनवास एवं भरत को राजगद्दी की मांग की। भगवान राम को पता चलते ही वे वन को जाने के लिए तैयार हो गये। उनके साथ माता सीता एवं लक्ष्मण भी वनगमन कर गये। राम वनवास के मार्मिक दृश्य को देखकर दर्शक भी भाव विह्वल हो गये। राम की भूमिका में महेन्द्र, लक्ष्मण-कालू, सीता-लल्ला चौहान, दशरथ-जितेन्द्र रावत, कौशल्या-रॉबिन रौतेला, कैकई- सुशील गोस्वामी, मन्थरा-हिमांशु भट्ट, सुमित्रा- सुमित नैथानी, सुमन्त-त्रिभुवननेगी, गुरू वशिष्ठ- अजय पुरोहित ने अपने अभिनय से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। रामलीला सफल मंचन में हारमोनियम पर हेमन्त फरस्वाण, तबले पर गणेश मलासी, मंच संचालन गंगाराम सकलानी, मंच निर्देशक अखिलेश गोस्वामी ने अपना सहयोग दिया। इस मौके पर रामलीला कमेटी के सभी सदस्य एवं बड़ी संख्या में रामभक्त मौजूद रहे। फोटो - भगवान राम की बारात की भव्य झांकी।