कोलदेह पर्वत शिखर पर यमदीप पूजन का आयोजन संपन्न, देवी कूर्मासना ने दिए दर्शन
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23/10/20227:02 am
दीपक बेंजवाल / क्वीलाखाल
दस्तक पहाड़ न्यूज पोर्टल ब्यूरो – दीपावली-महादेवी लक्ष्मी की पूजा तथा ज्योति का पांच दिवसीय पावन पर्व शनिवार से शुरू हो गए। शनिवार सांय को क्वीलाखाल से मंत्रोच्चार के साथ ग्रामीणों द्वारा भगवती कूर्मासना की चल विग्रह डोली को कोलदेह पर्वत शिखर स्थित बालस्वरूपा सुन्दनी देवी के मंदिर लाया गया, जहाँ क्वीलाखाल, थैड़ा, जखोली, भणंगा गाँव के ग्रामीणों द्वारा प्राचीन परंपरानुसार भव्य रूप से यमदीप पूजन किया गया। आयोजन समिति के पदाधिकारी भरोत्या ( व्यवस्थापक) पवन मैठाणी, पूजारी विजय भट्ट, अध्यक्ष दीपप्रकाश भट्ट, कोषाध्यक्ष हरीश भट्ट, भगवती पश्वा नीलकंठ भट्ट, श्री अगस्त्य मन्दिर के आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने यमदीप पूजन में भाग लिया।
श्री अगस्त्य मन्दिर के प्रमुख आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने बताया कि प्रदोष व्रत व धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी को प्रदोष व्रत एवं धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी दो दिन प्रदोष व्यापिनी है। इसके संबंध में शास्त्रीय व्यवस्था है कि त्रयोदशी दो दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो द्वितीय दिन में प्रदोष व्रत करना चाहिए । इसी शास्त्रीय आधार पर धनतेरस का पर्व भी दूसरे दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी रविवार को मनाया जाएगा धनतेरस के साथ धन्वंतरि जयंती भी इसी दिन होंगे। परंतु यमदीप पूजन दान शनिवार रात्रि को ही होगा। नरक चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी अरुणोदय व्यापिनी मनाई जाती है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी सोमवार को नरक चतुर्दशी अरूणोदय व्यापिनी हैं अर्थात इसी दिन सूर्योदय के पूर्व अरुणोदय में चतुर्दशी होने से इसे दिन नरक चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस वर्ष प्रदोष व्यापिनी अमावस्या कार्तिक कृष्ण पक्ष सोमवार को होने से इसी दिन दीपावली मनाई जाएगी। दीपावली सोमवार 24 अक्टूबर को सायंकाल वृष लग्न में 6:50 से 8:46 बजे तक रहेगी लेकिन प्रदोष बेला में 5:14 बजे से 8:46 बजे के मध्य गणेश लक्ष्मी एवं कुबेर इंद्र आदि की पूजा का शुभ योग है।
सूर्यग्रहण 25 को, करें दान
वर्ष का पहला सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को होगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन होगा। आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने बताया कि ग्रहण का आरंभ मध्य मोक्ष तथा ग्रहण का सूतक प्रारंभ 24 अक्टूबर को रात 4:27 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण का आरंभ 25 अक्टूबर को शाम 4:27 बजे से प्रारंभ होगा। ग्रहण का मध्य शाम 5:30 बजे ग्रहण का मोक्ष रहेगा। शाम 6:32 बजे ग्रहण समाप्त होगा।
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कोलदेह पर्वत शिखर पर यमदीप पूजन का आयोजन संपन्न, देवी कूर्मासना ने दिए दर्शन
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दीपक बेंजवाल / क्वीलाखाल
दस्तक पहाड़ न्यूज पोर्टल ब्यूरो - दीपावली-महादेवी लक्ष्मी की पूजा तथा ज्योति का पांच दिवसीय पावन पर्व शनिवार से शुरू हो गए। शनिवार सांय को क्वीलाखाल
से मंत्रोच्चार के साथ ग्रामीणों द्वारा भगवती कूर्मासना की चल विग्रह डोली को कोलदेह पर्वत शिखर स्थित बालस्वरूपा सुन्दनी देवी के मंदिर लाया गया, जहाँ
क्वीलाखाल, थैड़ा, जखोली, भणंगा गाँव के ग्रामीणों द्वारा प्राचीन परंपरानुसार भव्य रूप से यमदीप पूजन किया गया। आयोजन समिति के पदाधिकारी भरोत्या (
व्यवस्थापक) पवन मैठाणी, पूजारी विजय भट्ट, अध्यक्ष दीपप्रकाश भट्ट, कोषाध्यक्ष हरीश भट्ट, भगवती पश्वा नीलकंठ भट्ट, श्री अगस्त्य मन्दिर के आचार्य भूपेंद्र
बेंजवाल समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने यमदीप पूजन में भाग लिया।
श्री अगस्त्य मन्दिर के प्रमुख आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने बताया कि प्रदोष व्रत व धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी को प्रदोष व्रत
एवं धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी दो दिन प्रदोष व्यापिनी है। इसके संबंध में शास्त्रीय व्यवस्था है कि त्रयोदशी दो
दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो द्वितीय दिन में प्रदोष व्रत करना चाहिए । इसी शास्त्रीय आधार पर धनतेरस का पर्व भी दूसरे दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
रविवार को मनाया जाएगा धनतेरस के साथ धन्वंतरि जयंती भी इसी दिन होंगे। परंतु यमदीप पूजन दान शनिवार रात्रि को ही होगा। नरक चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी अरुणोदय
व्यापिनी मनाई जाती है।
सोमवार को मनाई जाएगी दीपावली
कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी सोमवार को नरक चतुर्दशी अरूणोदय व्यापिनी हैं अर्थात इसी दिन सूर्योदय के पूर्व अरुणोदय में चतुर्दशी होने से इसे दिन नरक
चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस वर्ष प्रदोष व्यापिनी अमावस्या
कार्तिक कृष्ण पक्ष सोमवार को होने से इसी दिन दीपावली मनाई जाएगी। दीपावली सोमवार 24 अक्टूबर को सायंकाल वृष लग्न में 6:50 से 8:46 बजे तक रहेगी लेकिन प्रदोष बेला
में 5:14 बजे से 8:46 बजे के मध्य गणेश लक्ष्मी एवं कुबेर इंद्र आदि की पूजा का शुभ योग है।
सूर्यग्रहण 25 को, करें दान
वर्ष का पहला सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को होगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन होगा। आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने बताया कि ग्रहण का आरंभ मध्य मोक्ष तथा
ग्रहण का सूतक प्रारंभ 24 अक्टूबर को रात 4:27 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण का आरंभ 25 अक्टूबर को शाम 4:27 बजे से प्रारंभ होगा। ग्रहण का मध्य शाम 5:30 बजे ग्रहण का मोक्ष
रहेगा। शाम 6:32 बजे ग्रहण समाप्त होगा।