न ठंड की परवाह, न बैठने की फिक्र, नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत सुनने उमड़ी भारी भीड़
1 min read
09/11/20222:50 pm
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज-पहाड़ के चहेते लोकगायक सुर सम्राट उत्तराखंड गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी को सुनने मन्दाकिनी शरदोत्सव में उमड़ी भीड़ ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। प्रशंसकों को न ठंड की परवाह थी और न बैठने की फिक्र। अगस्त्यमुनि नगर समेत बड़ी संख्या में दूर दूर के गाँवों से लोग पहुँचे। रूद्रप्रयाग जिले के सबसे बड़े मेले में शुमार मंदाकिनी शरदोत्सव में मंगलवार रात सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी की सांस्कृतिक संध्या का आयोजन बेहद सफल रहा। मेला समिति के इस ऐलान के बाद से ही नेगी दा के प्रशंसकों में भारी उत्साह था। नेगी दा को सुनने उनके प्रशंसक शाम से ही पाडांल में बैठ गए और पूरी प्रस्तुति तक मन्त्रमुग्ध होकर बैठे रहे। नेगीजी के गीत जैसे जैसे आगे बढ़ते रहे वैसे वैसे दर्शकों का उत्साह दुगना होता रहा।सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत जै बदरी केदारनाथ के वंदना जागरों से हुई। जिसके बाद हिमवंत देश त्रियुगीनारायण गीत गाकर केदारघाटी की महिमा को गया। युवाओं की पंसद पर नरेन्द्र सिंह नेगी के सुपरहिट गीत सुदित क्वी नी देखदु कै कणी सुरक खिड़की खोली ने युवाओं को दिलों को मखमली अहसास से भर दिया। इसके बाद तीलै धारू बोला, माछी पाणी सी जू, फूली जाली जइ को दर्शको ने खूब सराहा। वही उनके हालिया रीलीज क्या जी बोलू , सुपरहिट गीत सुरमा सरेला, स्याली रामदेई गीत पर दर्शक एकटक सुनते दिखे।
संध्या की दूसरी उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध गायिका मीना राणा ने बांद छौं पहाड़ की और कोटा का बटन हे जीया बोल बलमा गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वही सुप्रसिद्ध लोकगायक अनिल बिष्ट ने ऐजा भानुमति पाबौ बजार और चैत की चैत्वाली की शानदार प्रस्तुति दी।
सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय दरमोड़ा ने नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों संस्कृति की धड़कन बताते हुए कहा कि आज इन गीतों ने समाज में हमेशा क्रांति पैदा तो की ही है साथ ही हमारी लोकभाषाओं को भी मजबूत किया है।
मंच संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार और कवि गणेश खुगशाल गणी और नृत्य निर्देशन अनिल बिष्ट ने किया। नरेन्द्र सिंह नेगी जी के साथ उनकी पत्नी ऊषा नेगी, अंजली खरे, राजलक्ष्मी, रोशनी नेगी, प्रेम बल्लभ पंत, शैलेन्द्र पटवाल, राकेश मंद्रवाल ने कोर्स पर संगीत दिया। ढोलक पर सुमित गुसाई, बांसुरी पर महेश चन्द्र, आर्गन पर विनोद चौहान, पैड पर विकास चमोली और तबले पर सुभाष पांडे ने संगीत दिया
देश और दुनिया सहित स्थानीय खबरों के लिए जुड़े रहे दस्तक पहाड़ से।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
न ठंड की परवाह, न बैठने की फिक्र, नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत सुनने उमड़ी भारी भीड़
दस्तक पहाड़ की से ब्रेकिंग न्यूज़:
भारत में सशक्त मीडिया सेंटर व निष्पक्ष पत्रकारिता को समाज में स्थापित करना हमारे वेब मीडिया न्यूज़ चैनल का विशेष लक्ष्य है। खबरों के क्षेत्र में नई क्रांति लाने के साथ-साथ असहायों व जरूरतमंदों का भी सभी स्तरों पर मदद करना, उनको सामाजिक सुरक्षा देना भी हमारे उद्देश्यों की प्रमुख प्राथमिकताओं में मुख्य रूप से शामिल है। ताकि सर्व जन हिताय और सर्व जन सुखाय की संकल्पना को साकार किया जा सके।
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज-पहाड़ के चहेते लोकगायक सुर सम्राट उत्तराखंड गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी को सुनने मन्दाकिनी शरदोत्सव में उमड़ी भीड़ ने अब तक के सारे
रिकार्ड तोड़ दिए। प्रशंसकों को न ठंड की परवाह थी और न बैठने की फिक्र। अगस्त्यमुनि नगर समेत बड़ी संख्या में दूर दूर के गाँवों से लोग पहुँचे। रूद्रप्रयाग
जिले के सबसे बड़े मेले में शुमार मंदाकिनी शरदोत्सव में मंगलवार रात सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी की सांस्कृतिक संध्या का आयोजन बेहद सफल रहा।
मेला समिति के इस ऐलान के बाद से ही नेगी दा के प्रशंसकों में भारी उत्साह था। नेगी दा को सुनने उनके प्रशंसक शाम से ही पाडांल में बैठ गए और पूरी प्रस्तुति तक
मन्त्रमुग्ध होकर बैठे रहे। नेगीजी के गीत जैसे जैसे आगे बढ़ते रहे वैसे वैसे दर्शकों का उत्साह दुगना होता रहा।सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत जै बदरी
केदारनाथ के वंदना जागरों से हुई। जिसके बाद हिमवंत देश त्रियुगीनारायण गीत गाकर केदारघाटी की महिमा को गया। युवाओं की पंसद पर नरेन्द्र सिंह नेगी के
सुपरहिट गीत सुदित क्वी नी देखदु कै कणी सुरक खिड़की खोली ने युवाओं को दिलों को मखमली अहसास से भर दिया। इसके बाद तीलै धारू बोला, माछी पाणी सी जू, फूली जाली जइ
को दर्शको ने खूब सराहा। वही उनके हालिया रीलीज क्या जी बोलू , सुपरहिट गीत सुरमा सरेला, स्याली रामदेई गीत पर दर्शक एकटक सुनते दिखे।
संध्या की दूसरी उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध गायिका मीना राणा ने बांद छौं पहाड़ की और कोटा का बटन हे जीया बोल बलमा गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वही
सुप्रसिद्ध लोकगायक अनिल बिष्ट ने ऐजा भानुमति पाबौ बजार और चैत की चैत्वाली की शानदार प्रस्तुति दी।
सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय दरमोड़ा ने नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों संस्कृति की धड़कन
बताते हुए कहा कि आज इन गीतों ने समाज में हमेशा क्रांति पैदा तो की ही है साथ ही हमारी लोकभाषाओं को भी मजबूत किया है।
मंच संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार और कवि गणेश खुगशाल गणी और नृत्य निर्देशन अनिल बिष्ट ने किया। नरेन्द्र सिंह नेगी जी के साथ उनकी पत्नी ऊषा नेगी, अंजली
खरे, राजलक्ष्मी, रोशनी नेगी, प्रेम बल्लभ पंत, शैलेन्द्र पटवाल, राकेश मंद्रवाल ने कोर्स पर संगीत दिया। ढोलक पर सुमित गुसाई, बांसुरी पर महेश चन्द्र, आर्गन
पर विनोद चौहान, पैड पर विकास चमोली और तबले पर सुभाष पांडे ने संगीत दिया