दस्तक पहाड न्यूज  / रतूड़ा । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा द्वारा जिला अकादमिक सन्दर्भ समूह विज्ञान की दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य डायट विनोद प्रसाद सेमल्टी ने कहा कि आज पठन पाठन में ई लर्निंग और ई कन्टेंट की परम आवश्यकता हो गई है। उन्होंने विज्ञान अकादमिक समूह का आवाह्न किया कि वे पूरे जनपद के लिए गुणवत्ता पूर्ण विज्ञान शिक्षण का माहौल बनाने के लिए भी कार्य करें। उन्होंने शिक्षकों का आवाह्न करते हुए कहा कि अपने पेशे के लिए वे पेशेवर अंदाज का कौशल प्राप्त करने का पूर्ण प्रयास करें।

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कार्यक्रम के संयोजक डायट रतूड़ा के प्रवक्ता डॉ० विनोद कुमार यादव ने जिला अकादमिक सन्दर्भ समूह के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समूह का प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में टी०एल०एम०एवं पर्यावरण में उपस्थित वस्तुओं के माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण पठन-पाठन का वातावरण बनाना है। कार्यशाला में बतौर मुख्य सन्दर्भ दाता जनपद टिहरी के विज्ञान समन्वयक शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार 2015से सम्मानित शिक्षक रामाश्रय सिंह ने अपने प्रयोगिक प्रदर्शन से पूर्व शिक्षकों से संवाद में कहा कि प्रकरण पढ़ाने से पूर्व कक्षा में बच्चों को सीखने के लिए उत्सुक करने के लिए कुछ छोटे छोटे प्रयोगिक प्रदर्शन की आवश्यकता महसूस होती है, जिसके माध्यम से बच्चों को उत्सुक करते हुए सिखाना आसान होता है और यही सीखना उन्हे स्थाई ज्ञान देता है। कार्यशाला में डायट की प्रवक्ता डॉ० राखी बिष्ट, रूचिना पुरी, विजय चौधरी, डॉ० इन्दु कान्ता भण्डारी के अलावा जनपद के तीनों विकास खण्डों के 28शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन भुवनेश्वरी चन्दानी ने किया। कार्यशाला के मुख्य सन्दर्भ दाता रामाश्रय सिंह ने अध्यापकों के अनुभवों पर बातचीत करते हुए कहा कि प्रयोगात्मक प्रदर्शन को वादन से पूर्व तैयार करने के लिए समय देना पड़ता है तथा इसका उपयोग कक्षा में विषयगत प्रकरण को समय ही करना उपयुक्त रहता है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को प्रकरण हिन्दी, अंग्रेजी भाषा के अलावा स्थानीय व मातृभाषा में भी समझाया /पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने 30 प्रयोगिक प्रदर्शन कर अध्यापकों को आनंदित किया। कार्यशाला में बालिका जूनियर हाई स्कूल रतूड़ा की बालिकाओं ने भी अपने मॉडल प्रदर्शित किये।