पहाड़ की बेटी ने बढ़ाया भारत का मान, साइकिल से फतह की अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी
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20/12/20221:25 am
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज पोर्टल- कहते हैं कि इंसान के अंदर जज्बा और कुछ कर गुजरने की सोच हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा जज्बा दिखाकर पहाड़ की बेटी युवा साइकिलिस्ट और पर्वतारोही (Mountaineer) प्रीति नेगी ने रूद्रप्रयाग और उत्तराखंड ही नहीं देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है। 18 दिसम्बर को अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) को साइकिल से फतह कर तिरंगा फहराया और असंभव काम को संभव बना दिया।
इस सफलता के पीछे बाबा केदारनाथ जी की कृपा मानने वाली प्रीति ने 18 दिसम्बर को सुबह 6 बजे साउथ अफ्रीका तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत देश का तिंरगा लहराते हुए और एक नया वर्ड रिकॉड कायम किया है। इससे पूर्व पाकिस्तानी की समर खान (samr Khan) जिसने 4 दिन में summit पूरा किया था का रिकॉर्ड ब्रेक करके 3 दिन में ही समिट पूरा करके भारत के नाम रिकॉड कर दिया है। इस रिकॉर्ड को उन्होंने शहीद माउंटेनियर एवरेस्टर सविता कंसवा और नोमी रावत और भारतीय सेना के अपने जबाँज शहीद पिता को श्रद्धाजंली स्वरूप समर्पत किया है।
बता दे किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,895 मीटर या 19,341 फीट है। किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त-खड़ा पर्वत है और साथ ही साथ विश्व का चौथा सबसे उभरा पर्वत है जो आधार से 5,882 मीटर या 19,298 फीट ऊंचा है।
प्रीति जनपद रूद्रप्रयाग में ग्राम तेवड़ी सेम, पोस्ट चंद्रनगर की निवासी है। प्रीति के पिता शहीद स्व0 श्री राजपाल सिंह वर्ष 2002 में आतंकवादियों से लड़ते हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे। इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से झकझोर दिया फिर भी प्रीति ने कभी खुद को कमजोर होने नहीं दिया। माँ भागीरथी देवी भी लगातार बेटी की हौसलाफजाई करती रही। प्रीति कुछ बेहतर कर नाम रोशन करना चाहती थी इसलिए बचपन से ही खेलकूद के साथ, बाइकिंग, माउंटेन और साइकिलिंग में खुद को निखारने लगी। अगस्त्यमुनि से शिक्षा प्राप्ति के दौरान 2015 में बॉक्सिंग स्टेट खेल चुकी प्रीति ने 2016 में पर्वतारोहण में बेसिक कोर्स किया। जिसके बाद से वो कई चोटियों पर पर्वतारोहण कर चुकी है। वर्ष 2017 ने यूथ फाउंडेशन में बतौर इंस्ट्रक्टर बनकर लड़कियों को प्रशिक्षित किया। पुनः 2018 में पर्वतारोहण (ए ग्रेड) का एक उन्नत कोर्स कर डीकेडी से 5670 मीटर तक की चढ़ाई भी की। 2019 में एक स्की कोर्स किया जिसमें दूसरा स्थान मिला और A Grade प्राप्त किया। 2022 में पर्वतारोहण में बचाव पाठ्यक्रम करने के बाद से लगातार विभिन्न इंवेटों के जरिए अपने को स्थापित करने में जुटी है
साइकिल से केदारनाथ पहुंचकर रचा इतिहास
रिस्पेक्ट टू गॉड इवेंट के जरिए पहाड़ की एक होनहार और जोशीली बेटी प्रीति ने 4 दिन में हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा साइकिल से कर रिकॉर्ड बना दिया है। इस तरह हरिद्वार से केदारनाथ पहुँचने वाली प्रीति पहाड़ की पहली बेटी है। जिस पर आज रूद्रप्रयाग जनपद समेत पूरे उत्तराखंड को गर्व हो रहा है।
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पहाड़ की बेटी ने बढ़ाया भारत का मान, साइकिल से फतह की अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी
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दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
दस्तक पहाड न्यूज पोर्टल- कहते हैं कि इंसान के अंदर जज्बा और कुछ कर गुजरने की सोच हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा जज्बा दिखाकर पहाड़ की बेटी युवा
साइकिलिस्ट और पर्वतारोही (Mountaineer) प्रीति नेगी ने रूद्रप्रयाग और उत्तराखंड ही नहीं देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है। 18 दिसम्बर को अफ्रीकी
महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) को साइकिल से फतह कर तिरंगा फहराया और असंभव काम को संभव बना दिया।
इस सफलता के पीछे बाबा केदारनाथ जी की कृपा मानने वाली प्रीति ने 18 दिसम्बर को सुबह 6 बजे साउथ अफ्रीका तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत
देश का तिंरगा लहराते हुए और एक नया वर्ड रिकॉड कायम किया है। इससे पूर्व पाकिस्तानी की समर खान (samr Khan) जिसने 4 दिन में summit पूरा किया था का रिकॉर्ड ब्रेक करके 3 दिन
में ही समिट पूरा करके भारत के नाम रिकॉड कर दिया है। इस रिकॉर्ड को उन्होंने शहीद माउंटेनियर एवरेस्टर सविता कंसवा और नोमी रावत और भारतीय सेना के अपने
जबाँज शहीद पिता को श्रद्धाजंली स्वरूप समर्पत किया है।
बता दे किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का
उच्चतम पर्वत है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,895 मीटर या 19,341 फीट है। किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त-खड़ा पर्वत है और साथ ही साथ विश्व का चौथा सबसे
उभरा पर्वत है जो आधार से 5,882 मीटर या 19,298 फीट ऊंचा है।
प्रीति जनपद रूद्रप्रयाग में ग्राम तेवड़ी सेम, पोस्ट चंद्रनगर की निवासी है। प्रीति के पिता शहीद स्व0 श्री राजपाल सिंह वर्ष 2002 में आतंकवादियों से लड़ते
हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे। इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से झकझोर दिया फिर भी प्रीति ने कभी खुद को कमजोर होने नहीं दिया। माँ भागीरथी देवी भी
लगातार बेटी की हौसलाफजाई करती रही। प्रीति कुछ बेहतर कर नाम रोशन करना चाहती थी इसलिए बचपन से ही खेलकूद के साथ, बाइकिंग, माउंटेन और साइकिलिंग में खुद को
निखारने लगी। अगस्त्यमुनि से शिक्षा प्राप्ति के दौरान 2015 में बॉक्सिंग स्टेट खेल चुकी प्रीति ने 2016 में पर्वतारोहण में बेसिक कोर्स किया। जिसके बाद से वो कई
चोटियों पर पर्वतारोहण कर चुकी है। वर्ष 2017 ने यूथ फाउंडेशन में बतौर इंस्ट्रक्टर बनकर लड़कियों को प्रशिक्षित किया। पुनः 2018 में पर्वतारोहण (ए ग्रेड) का एक
उन्नत कोर्स कर डीकेडी से 5670 मीटर तक की चढ़ाई भी की। 2019 में एक स्की कोर्स किया जिसमें दूसरा स्थान मिला और A Grade प्राप्त किया। 2022 में पर्वतारोहण में बचाव
पाठ्यक्रम करने के बाद से लगातार विभिन्न इंवेटों के जरिए अपने को स्थापित करने में जुटी है
साइकिल से केदारनाथ पहुंचकर रचा इतिहास
रिस्पेक्ट टू गॉड इवेंट के जरिए पहाड़ की एक होनहार और जोशीली बेटी प्रीति ने 4 दिन में हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा साइकिल से कर रिकॉर्ड बना दिया है।
इस तरह हरिद्वार से केदारनाथ पहुँचने वाली प्रीति पहाड़ की पहली बेटी है। जिस पर आज रूद्रप्रयाग जनपद समेत पूरे उत्तराखंड को गर्व हो रहा है।