दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले निर्मल नगरों को अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के 09 निकायों को अटल निर्मल पुरस्कार एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को स्वच्छ गौरव सम्मान प्रदान किया गया। जिसमें नगर पंचायत अगस्त्यमुनि का नाम न आने के कारण नगर पंचायत अगस्त्यमुनि वासी नगर पंचायत में लगातर फैल रही अव्यवस्थाओं को बता रहे हैं। तो वहीं नगर पंचायत समय से तैयारी पूरा न कर पाने और भारत सरकार द्वारा प्रति 6 माह में भारत सरकार के ओडीफ आडिट हेतु पोर्टल पर समय से आवेदन न कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश स्तर पर कोई भी स्थान न पाने का कारण बता रहे हैं।
पिछले वर्ष से लगातर व्यापारीयों और नगरवासियों द्वारा नगर पंचायत में फैल रही गंदगी से नगर पंचायत को अवगत कराया जा रहा था लेकिन नगर पंचायत द्वारा इस पर कोई घ्यान नही दिया जा रहा था। सोसियल मीडिया पर लगातार लोग नगर क्षेत्र की नालियों और सार्वजनिक शौचालयों की फोटो डालकर नगर पंचायत के उदासीन रवैये पर प्रश्न खडे कर रहे थे। साथ ही नगर पंचायत द्वारा नगर पंचायत के कूडे की छटनी करने के लिये बनाये गये स्टोर से आने वाली गन्द से परेशान जनता भी इसे लगातार यहां से हटाने की मांग कर रही थी।
नगर पंचायत की कार्यशैली के साथ-साथ एनएच द्वारा नालियो न बनाया जाना, सडक पर पडे गड्डों में गन्दगी और गन्दा पाना नगर को स्वच्छता मानकों पर पीछे धकेल रहा है।
नवीन विष्ट- अध्यक्ष व्यापार संघ अगस्त्यमुनि
भारत सरकार द्वारा ओडीएफ आडिट हेतु समय से आवेदन नही किया जा सका, जिस कारण नगर पंचायत को स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश स्तर पर नवॉ स्थान प्राप्त हुआ है।
बीरेन्द्र पंवार, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि
विभागीय स्तर पर हुई लापरवाही के कारण नगर पंचायत स्वच्छा सर्वेक्षण में उचित स्थान प्राप्त नही कर पायी। अन्यथा नगर क्षेत्र को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
अरूणा बेंजवाल, अध्यक्ष, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि
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लापरवाही::: नगर पंचायत अगस्त्यमुनि को नहीं मिल पाया सम्मान, जानिए आखिर क्यों?
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कालिका काण्डपाल। अगस्त्यमुनि
विगत कई वर्षों से स्वच्छता के लिये केन्द्र व राज्य स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त करने वाली नगर पंचायत इस बार कोई स्थान प्राप्त नही कर पायी।
दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले निर्मल
नगरों को अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के 09 निकायों को अटल निर्मल पुरस्कार एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को
स्वच्छ गौरव सम्मान प्रदान किया गया। जिसमें नगर पंचायत अगस्त्यमुनि का नाम न आने के कारण नगर पंचायत अगस्त्यमुनि वासी नगर पंचायत में लगातर फैल रही
अव्यवस्थाओं को बता रहे हैं। तो वहीं नगर पंचायत समय से तैयारी पूरा न कर पाने और भारत सरकार द्वारा प्रति 6 माह में भारत सरकार के ओडीफ आडिट हेतु पोर्टल पर समय
से आवेदन न कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश स्तर पर कोई भी स्थान न पाने का कारण बता रहे हैं।
पिछले वर्ष से लगातर व्यापारीयों और नगरवासियों द्वारा नगर पंचायत में फैल रही गंदगी से नगर पंचायत को अवगत कराया जा रहा था लेकिन नगर पंचायत द्वारा इस पर
कोई घ्यान नही दिया जा रहा था। सोसियल मीडिया पर लगातार लोग नगर क्षेत्र की नालियों और सार्वजनिक शौचालयों की फोटो डालकर नगर पंचायत के उदासीन रवैये पर
प्रश्न खडे कर रहे थे। साथ ही नगर पंचायत द्वारा नगर पंचायत के कूडे की छटनी करने के लिये बनाये गये स्टोर से आने वाली गन्द से परेशान जनता भी इसे लगातार यहां
से हटाने की मांग कर रही थी।
नगर पंचायत की कार्यशैली के साथ-साथ एनएच द्वारा नालियो न बनाया जाना, सडक पर पडे गड्डों में गन्दगी और गन्दा पाना नगर को स्वच्छता मानकों पर पीछे धकेल रहा है।
नवीन विष्ट- अध्यक्ष व्यापार संघ अगस्त्यमुनि
भारत सरकार द्वारा ओडीएफ आडिट हेतु समय से आवेदन नही किया जा सका, जिस कारण नगर पंचायत को स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश स्तर पर नवॉ स्थान प्राप्त हुआ है।
बीरेन्द्र पंवार, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि
विभागीय स्तर पर हुई लापरवाही के कारण नगर पंचायत स्वच्छा सर्वेक्षण में उचित स्थान प्राप्त नही कर पायी। अन्यथा नगर क्षेत्र को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के
लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
अरूणा बेंजवाल, अध्यक्ष, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि