लोकसंस्कृति दिवस पर राउप्रवि उषाड़ा, राबाइका अगस्त्यमुनि के बच्चों ने लगाई लोक जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी
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24/12/20221:48 pm
दस्तक पहाड न्यूज / ऊखीमठ
उत्तराखण्ड पृथक राज्य आंदोलन के ध्वजवाहक, पहाड़ पुत्र, उत्तराखंड के गाँधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी का जन्म दिवस पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ उत्तखण्ड राज्य लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया गया।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय उषाड़ा क्षेत्र ऊखीमठ में नन्हे मुन्ने बच्चों ने पहाड़ के लोक जीवन से जुड़ी सुदंर प्रदर्शनी लगाई। कार्यक्रम का शुभारंभ करते ग्राम प्रधान कुंवर सिंह बजवाल और विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह बजवाल ने उत्तराखंड के गाँधी स्व इन्द्रमणि बडोनी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर अभिभावकों और शिक्षिका कविता मैठाणी भट्ट समेत छात्र छात्राओं ने भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। बच्चों को संबोधित करते हुए शिक्षिका कविता मैठाणी भट्ट ने बताया कि यह दिवस हमारे राज्य में उत्तराखंड के गाँधी कहलाये जाने वाले स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिन्होंने उत्तराखण्ड पृथक राज्य आंदोलन का अहिंसात्मक नेतृत्व किया और अलग राज्य के लिए आन्दोलित उत्तराखंडियों को आज दो अभी दो के नारे के साथ अपने करिश्माई व्यक्तित्व से एक सूत्र में बांध कर रखा। इन्द्रमणि बड़ोनी सामाजिक और राजनैतिक जीवन में पदार्पण से पहले गाँवों में आयोजित रामलीलाओं और नाटकों में खूब सक्रिय रहे। अपनी सामाजिक और राजनैतिक प्रतिबद्धताओं के बाद भी उन्होंने रंगमंच से स्वयं को जोड़े रखा। लोक वाद्य, लोक साहित्य, लोक भाषा, लोक शिल्प और लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन और हस्तान्तरण के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे।
लोक संस्कृति के प्रति इन्द्रमणि बड़ोनी जी के प्रेम और इस दिशा में उनके द्वारा किए गए बुनियादी और सार्थक प्रयासों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उनके जन्म दिवस 24 दिसम्बर को सम्पूर्ण राज्य में उत्तराखण्ड राज्य लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाये जाने की राजाज्ञा जारी की।
इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे मुन्ने छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और पहाड़ के लोक जीवन से जुड़ी सुंदर प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में छात्रा जहाँ पारंपरिक परिधानों में थी वही उन्होने लोक पकवानों अर्सा, रोटना समेत कोदो, गेंहू की भरवा रोटी ( मिस्यणा ), मीठे करेले और स्थानीय सब्जियों को रखा गया।
इस अवसर पर अभिभावक प्रदीप बजवाल, यशवीर सिंह बजवाल, भ्यूंराज सिंह, रणवीर सिंह बजवाल, योगेन्द्र सिंह,सतवीर सिंह,यशवीर नेगी,इन्द्रा देवी, सरिता देवी,राजेश्वरी देवी,शकुंतला देवी, सोबती देवी, बचनदेई आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षका कविता मैठाणी द्वारा किया गया।
इधर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच राबाइका अगस्त्यमुनि में उत्तराखण्ड के गांधी इन्द्रमणि बडोनी के 97 वें जन्म दिवस पर लोक संस्कृति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में न केवल पारम्परिक गीतों की धूम रही बल्कि छात्राओं ने गढ़वाली व्यंजन रोटना एवं स्वांली पकोड़ी से अतिथियों का सत्कार भी किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष श्रीमती अरूणा बेंजवाल ने कहा कि लोक संस्कृति हमारे खान पान, भाषा, रीति रिवाज एवं पहनावे से जीवन्त होती है। इन्द्रमणि बडोनी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन पर्यन्त लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का काम किया। उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन में उनकी भूमिका को कौन भूल सकता है। सीआरसी त्रिलोक रावत ने छात्राओं को स्व0 इन्द्रमणि बडोनी के पद्चिह्नों पर चलने का आह्वान किया। कहा कि ऐसे महापुरूषों की बदौलत ही हमें आज राज्य की प्राप्ति हुई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती रागनी नेगी ने कहा कि इन्द्रमणि बडोनी ने उत्तराखण्ड आन्दोलन को जिस ऊर्जा और संकल्प के साथ अहिंसक आन्दोलन से नेतृत्व किया वह अविस्मरणीय है। इसीलिए उन्हें उत्तराखण्ड का गांधी भी कहा जाता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अनीता जगवाण ने इन्द्रमणि बडोनी के जीवन यात्रा पर विस्तार से बताया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप जलाकर तथा स्व0 इन्द्रमणि बडोनी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के गीत तथा नृत्य एवं कविताओं की शानदार प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष धमेन्द्र बर्त्वाल, एसएमसी अध्यक्ष गीता देवी, शिक्षक वेणी प्रसाद भट्ट, शिक्षिकाऐं रामेश्वरी रावत, प्रीति, कुसुम, ममता, डॉ वन्दना, प्रशासनिक अधिकारी त्रिलोचनी सेमवाल सहित बड़ी संख्या में अभिाभावक एवं छात्राऐं मोजूद रहीं।
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उत्तराखण्ड पृथक राज्य आंदोलन के ध्वजवाहक, पहाड़ पुत्र, उत्तराखंड के गाँधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी का जन्म दिवस पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ
उत्तखण्ड राज्य लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया गया।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय उषाड़ा क्षेत्र ऊखीमठ में नन्हे मुन्ने बच्चों ने पहाड़ के लोक जीवन से जुड़ी सुदंर प्रदर्शनी लगाई। कार्यक्रम का शुभारंभ करते
ग्राम प्रधान कुंवर सिंह बजवाल और विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह बजवाल ने उत्तराखंड के गाँधी स्व इन्द्रमणि बडोनी के चित्र पर माल्यार्पण
कर किया। इस अवसर पर अभिभावकों और शिक्षिका कविता मैठाणी भट्ट समेत छात्र छात्राओं ने भी उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। बच्चों को संबोधित करते हुए शिक्षिका
कविता मैठाणी भट्ट ने बताया कि यह दिवस हमारे राज्य में उत्तराखंड के गाँधी कहलाये जाने वाले स्वर्गीय इन्द्रमणि बड़ोनी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता
है। जिन्होंने उत्तराखण्ड पृथक राज्य आंदोलन का अहिंसात्मक नेतृत्व किया और अलग राज्य के लिए आन्दोलित उत्तराखंडियों को आज दो अभी दो के नारे के साथ अपने
करिश्माई व्यक्तित्व से एक सूत्र में बांध कर रखा। इन्द्रमणि बड़ोनी सामाजिक और राजनैतिक जीवन में पदार्पण से पहले गाँवों में आयोजित रामलीलाओं और नाटकों
में खूब सक्रिय रहे। अपनी सामाजिक और राजनैतिक प्रतिबद्धताओं के बाद भी उन्होंने रंगमंच से स्वयं को जोड़े रखा। लोक वाद्य, लोक साहित्य, लोक भाषा, लोक शिल्प और
लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन और हस्तान्तरण के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे।
लोक संस्कृति के प्रति इन्द्रमणि बड़ोनी जी के प्रेम और इस दिशा में उनके द्वारा किए गए बुनियादी और सार्थक प्रयासों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उनके
जन्म दिवस 24 दिसम्बर को सम्पूर्ण राज्य में उत्तराखण्ड राज्य लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाये जाने की राजाज्ञा जारी की।
इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे मुन्ने छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और पहाड़ के लोक जीवन से जुड़ी सुंदर प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में
छात्रा जहाँ पारंपरिक परिधानों में थी वही उन्होने लोक पकवानों अर्सा, रोटना समेत कोदो, गेंहू की भरवा रोटी ( मिस्यणा ), मीठे करेले और स्थानीय सब्जियों को रखा
गया।
इस अवसर पर अभिभावक प्रदीप बजवाल, यशवीर सिंह बजवाल, भ्यूंराज सिंह, रणवीर सिंह बजवाल, योगेन्द्र सिंह,सतवीर सिंह,यशवीर नेगी,इन्द्रा देवी, सरिता
देवी,राजेश्वरी देवी,शकुंतला देवी, सोबती देवी, बचनदेई आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षका कविता मैठाणी द्वारा किया गया।
इधर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच राबाइका अगस्त्यमुनि में उत्तराखण्ड के गांधी इन्द्रमणि बडोनी के 97 वें जन्म दिवस पर लोक संस्कृति दिवस मनाया
गया। इस अवसर पर विद्यालय में न केवल पारम्परिक गीतों की धूम रही बल्कि छात्राओं ने गढ़वाली व्यंजन रोटना एवं स्वांली पकोड़ी से अतिथियों का सत्कार भी किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष श्रीमती अरूणा बेंजवाल ने कहा कि लोक संस्कृति हमारे खान पान, भाषा,
रीति रिवाज एवं पहनावे से जीवन्त होती है। इन्द्रमणि बडोनी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन पर्यन्त लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का काम किया।
उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन में उनकी भूमिका को कौन भूल सकता है। सीआरसी त्रिलोक रावत ने छात्राओं को स्व0 इन्द्रमणि बडोनी के पद्चिह्नों पर चलने का
आह्वान किया। कहा कि ऐसे महापुरूषों की बदौलत ही हमें आज राज्य की प्राप्ति हुई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती
रागनी नेगी ने कहा कि इन्द्रमणि बडोनी ने उत्तराखण्ड आन्दोलन को जिस ऊर्जा और संकल्प के साथ अहिंसक आन्दोलन से नेतृत्व किया वह अविस्मरणीय है। इसीलिए
उन्हें उत्तराखण्ड का गांधी भी कहा जाता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अनीता जगवाण ने इन्द्रमणि बडोनी के जीवन यात्रा पर
विस्तार से बताया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप जलाकर तथा स्व0 इन्द्रमणि बडोनी के चित्र पर माल्यार्पण कर
कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के गीत तथा नृत्य एवं कविताओं की शानदार
प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष धमेन्द्र बर्त्वाल, एसएमसी अध्यक्ष गीता देवी, शिक्षक वेणी प्रसाद भट्ट, शिक्षिकाऐं रामेश्वरी रावत,
प्रीति, कुसुम, ममता, डॉ वन्दना, प्रशासनिक अधिकारी त्रिलोचनी सेमवाल सहित बड़ी संख्या में अभिाभावक एवं छात्राऐं मोजूद रहीं।