यहाँ अब पटवारी नहीं, उत्तराखंड में 1800 राजस्व गांव रेगुलर पुलिस के हवाले
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03/01/202312:38 pm
दस्तक पहाड न्यूज / उत्तराखंड
उत्तराखंड में अभी भी दूरदराज के इलाकों के कई सारे गांव राजस्व पुलिस व्यवस्था के तहत आते हैं, इन गांवों की कानून व्यवस्था पटवारी के द्वारा देखी जाती है। इन गांवों में नियमित पुलिस का दायरा नहीं है, पिछली कई घटनाओं और अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद ज्यादा से ज्यादा राजस्व ग्रामों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अंदर लाने की मांग उठ रही थी। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को नियमित पुलिस व्यवस्था के तहत लाये जाने के उद्देश्य से प्रथम चरण के अन्तर्गत 52 थाने एवं 19 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार करते हुए कुल 1800 राजस्व पुलिस ग्रामों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अन्तर्गत अधिसूचित किया गया है। उक्त 1800 गांवों में पुलिस व्यवस्था स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी।शासन ने राजस्व क्षेत्रों में अपराध पर अंकुश लगाने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए नियमित पुलिस की सीमा का विस्तार किया है।इस क्रम में 52 थाने एवं 19 रिपोर्टिंग चौकियों का विस्तार करते हुए इनके अंतर्गत 1800 राजस्व ग्रामों को लाया गया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पौड़ी जिले के अंतर्गत यमकेश्वर क्षेत्र के वनंतरा रिसार्ट प्रकरण के बाद सरकार ने राजस्व क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से नियमित पुलिस को सौंपने का निर्णय लिया।सुप्रीम कोर्ट ने भी एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को छह माह के भीतर राजस्व क्षेत्रों में थाने व चौकियां खोलने के निर्देश दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार ने यह निर्णय लिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में जहां पहले से ही थाने व चौकियां स्थापित हैं, उनका क्षेत्र विस्तार करते हुए नजदीकी ग्रामों को शामिल कर लिया जाए। जो राजस्व ग्राम इनसे दूर हैं, वहां नए थाने व चौकियां स्थापित कर ली जाएं।इस पर पुलिस मुख्यालय ने 52 थानों व 19 पुलिस चौकियों का विस्तार करते हुए इनमें 1800 राजस्व ग्रामों को शामिल करने का प्रस्ताव शासन को सौंपा। इस प्रस्ताव के आधार पर शासन ने इन गांवों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित कर दिया है। अब यहां नियमित पुलिस ही कानून-व्यवस्था का कार्य देखेगी।अब अगले चरण में राजस्व क्षेत्रों में छह थाने व 20 रिपोर्टिंग चौकियां खोली जाएंगी। इनके दायरे में 1444 गांव शामिल किए जाएंगे।
अपर सचिव गृह विम्मी सचदेवा ने कहा कि जल्द ही इन गांवों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित किए जाने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी। इसके बाद यहां थाने व चौकियां खोलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिलावार शामिल राजस्व गांव की संख्या
नैनीताल – 39
अल्मोड़ा – 231
पिथौरागढ़- 595
बागेश्वर – 106
चंपावत – 13
देहरादून – 04
उत्तरकाशी – 182
चमोली- 262
टिहरी- 157
रुद्रप्रयाग- 63
पौड़ी – 148
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यहाँ अब पटवारी नहीं, उत्तराखंड में 1800 राजस्व गांव रेगुलर पुलिस के हवाले
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दस्तक पहाड न्यूज / उत्तराखंड
उत्तराखंड में अभी भी दूरदराज के इलाकों के कई सारे गांव राजस्व पुलिस व्यवस्था के तहत आते हैं, इन गांवों की कानून व्यवस्था पटवारी के द्वारा देखी जाती है।
इन गांवों में नियमित पुलिस का दायरा नहीं है, पिछली कई घटनाओं और अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद ज्यादा से ज्यादा राजस्व ग्रामों को नियमित पुलिस व्यवस्था
के अंदर लाने की मांग उठ रही थी। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को नियमित पुलिस व्यवस्था के तहत लाये
जाने के उद्देश्य से प्रथम चरण के अन्तर्गत 52 थाने एवं 19 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार करते हुए कुल 1800 राजस्व पुलिस ग्रामों को नियमित पुलिस
व्यवस्था के अन्तर्गत अधिसूचित किया गया है। उक्त 1800 गांवों में पुलिस व्यवस्था स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी।शासन ने
राजस्व क्षेत्रों में अपराध पर अंकुश लगाने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए नियमित पुलिस की सीमा का विस्तार किया है।इस क्रम में 52 थाने एवं 19 रिपोर्टिंग
चौकियों का विस्तार करते हुए इनके अंतर्गत 1800 राजस्व ग्रामों को लाया गया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पौड़ी जिले के अंतर्गत यमकेश्वर क्षेत्र के वनंतरा रिसार्ट प्रकरण के बाद सरकार ने राजस्व क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से नियमित पुलिस को सौंपने का निर्णय
लिया।सुप्रीम कोर्ट ने भी एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को छह माह के भीतर राजस्व क्षेत्रों में थाने व चौकियां खोलने के निर्देश दिए
हैं।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार ने यह निर्णय लिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में जहां पहले से ही थाने व चौकियां स्थापित हैं, उनका क्षेत्र विस्तार
करते हुए नजदीकी ग्रामों को शामिल कर लिया जाए। जो राजस्व ग्राम इनसे दूर हैं, वहां नए थाने व चौकियां स्थापित कर ली जाएं।इस पर पुलिस मुख्यालय ने 52 थानों व 19
पुलिस चौकियों का विस्तार करते हुए इनमें 1800 राजस्व ग्रामों को शामिल करने का प्रस्ताव शासन को सौंपा। इस प्रस्ताव के आधार पर शासन ने इन गांवों को नियमित
पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित कर दिया है। अब यहां नियमित पुलिस ही कानून-व्यवस्था का कार्य देखेगी।अब अगले चरण में राजस्व क्षेत्रों में छह थाने व 20
रिपोर्टिंग चौकियां खोली जाएंगी। इनके दायरे में 1444 गांव शामिल किए जाएंगे।
अपर सचिव गृह विम्मी सचदेवा ने कहा कि जल्द ही इन गांवों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत अधिसूचित किए जाने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी। इसके बाद
यहां थाने व चौकियां खोलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिलावार शामिल राजस्व गांव की संख्या
नैनीताल – 39
अल्मोड़ा – 231
पिथौरागढ़- 595
बागेश्वर – 106
चंपावत – 13
देहरादून – 04
उत्तरकाशी – 182
चमोली- 262
टिहरी- 157
रुद्रप्रयाग- 63
पौड़ी – 148