हरकत में आई सरकार, अलर्ट मोड पर प्रशासन, जोशीमठ भू-धसाव को लेकर सीएम धामी की उच्च स्तरीय बैठक
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05/01/20239:08 pm
दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड न्यूज
देहरादून – आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित करोड़ो हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक ज्योतिर्मठ “जोशीमठ” पर मंडराते भू धंसाव के भयंकर खतरे को लेकर आखिरकार उत्तराखंड सरकार जाग गई है। तकरीबन तीन हजार से अधिक परिवार कड़के की ठंड में बेघर हो चुके है। डर और खौफ के साये में जीने के मजबूर जोशीमठ की जनता की लगातार गुहार के बाद लोकप्रियता की आवरण ओढ़े सीएम पुष्कर सिंह धामी को आखिरकार जोशीमठ को लेकर अपने कर्तव्यों का स्मरण हो ही गया।
आपको बता दे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के सन्दर्भ में शुक्रवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढ़वाल मण्डल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ. बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है।
गढ़वाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।जोशीमठ में भू-धसाव के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यों एवं जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है। प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को अग्रिम रूप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए हैं। प्रभावितों के नगरपालिका, ब्लॉक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कॉलेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। भू-धसाव बढ़ने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
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दीपक बेंजवाल / दस्तक पहाड न्यूज
देहरादून - आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित करोड़ो हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक ज्योतिर्मठ "जोशीमठ" पर मंडराते भू धंसाव के भयंकर खतरे को लेकर आखिरकार
उत्तराखंड सरकार जाग गई है। तकरीबन तीन हजार से अधिक परिवार कड़के की ठंड में बेघर हो चुके है। डर और खौफ के साये में जीने के मजबूर जोशीमठ की जनता की लगातार
गुहार के बाद लोकप्रियता की आवरण ओढ़े सीएम पुष्कर सिंह धामी को आखिरकार जोशीमठ को लेकर अपने कर्तव्यों का स्मरण हो ही गया।
आपको बता दे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के सन्दर्भ में शुक्रवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढ़वाल मण्डल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी क्रम में आज
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार,
आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉ. बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है।
गढ़वाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित
क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।जोशीमठ में भू-धसाव के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य,
एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यों एवं जोशीमठ-औली रोपवे का
संचालन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है। प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को अग्रिम रूप से 2-2 हजार
प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए हैं। प्रभावितों के नगरपालिका, ब्लॉक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कॉलेज, आईटीआई
तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया
है। भू-धसाव बढ़ने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल
अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी
एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।