प्रधानाचार्य सीधी भर्ती में एलटी शिक्षकों की अनदेखी पर राजकीय शिक्षक संघ ने सौंपा सासंद को ज्ञापन
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12/01/20238:09 pm
दस्तक पहाड न्यूज / रुद्रप्रयाग
प्रधानाचार्य पदों पर 50% सीधी भर्ती में एलटी शिक्षकों की अनदेखी पर नाराज शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजकीय शिक्षक संघ रुद्रप्रयाग के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार भट्ट के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सरकार द्वारा प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली का विरोध करते हुए समान योग्यता व अनुभव होने के बावजूद शासन स्तर पर बनाये गये मानकों को अव्यवाहारिक बताया। ज्ञापन में कहा गया कि इससे अधिसंख्य एलटी शिक्षकों को अवसर प्राप्त नहीं होंगे।
जिलाध्यक्ष नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि प्रधानाचार्य पद पदोन्नति का पद है जो पदोन्नति से शत प्रतिशत भरा जाना चाहिए। इस प्रकार की नियमावली बनाकर सरकार की मंशा विद्यालयों में प्रधानाचार्य नियुक्त करने की मंशा पर सवाल खड़े होते है। यदि सरकार की प्रदेश के विद्यालयों में प्रधानाचार्य नियुक्त करने की मंशा साफ है तो तत्काल नियमावली में संशोधन कर एलटी शिक्षकों को भी शामिल करे। सरकार इस प्रकार के नियम लागू कर रही है जिससे एलटी शिक्षकों के हित प्रभावित हो रहे हैं। ज्ञापन में एलटी से प्रवक्ता पदों पर तत्काल पदोन्नति करने के फलस्वरूप ही अतिथि शिक्षकों के प्रवक्ता पदों पर नियुक्ति की जाए। अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। जनपद में तीनों विकास खंडों में केवल एक ही पूर्णकालिक खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यरत है तथा जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है। जनपद में अधिकारी न होने के कारण शिक्षकों के प्रकरण लंबित पड़े है। संघ ने सवाल उठाते हुए कहा कि विगत माह 16 अधिकारियों की पदोन्नति हुई है जिनकी तैनाती जनपदों में होनी है उन्हें विगत एक माह से शासन में रोका गया है। उन अधिकारियों की जनपद में नियुक्ति की जाए। बेसिक से समायोजित शिक्षकों की पूर्व की सेवाओं को जोड़ते हुए चयन व प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाए। एलटी का स्टेट कैडर घोषित करते हुए मंडल परिवर्तन वाले शिक्षकों की वरिष्ठाता नियुक्ति तिथि से यथावत रखी जाए। समग्र शिक्षा के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन नियमित आहरित किया जाए। प्रशासनिक व शैक्षणिक नियमावली 2013 वापस लेकर प्रशासनिक पदों जैसे उप शिक्षा अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी पदों पर प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाए तथा 50% प्रशासनिक पदों पर शैक्षणिक संवर्ग की पदोन्नति की जाए। वेतन विसंगति कनिष्ठ वरिष्ठ। एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप चयन वेतनमान में वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। पूर्व की भांति प्रभारी प्रधानाचार्य को आहरण वितरण का अधिकार दिया जाए। कला विषय के अंको को परिषदीय परीक्षा में जोड़ा जाए। इंटरमीडिएट स्तर शारीरिक शिक्षा का पद सृजित किया जाय। प्रतिनिधि मंडल में जनपदीय उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार, जिला प्रवक्ता गंगाराम सकलानी, विनोद नौटियाल, पूर्व ब्लाक उपाध्यक्ष दिनेश बिष्ट उपस्थित थे।ञ
प्रधानाचार्य सीधी भर्ती में एलटी शिक्षकों की अनदेखी पर राजकीय शिक्षक संघ ने सौंपा सासंद को ज्ञापन
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प्रधानाचार्य पदों पर 50% सीधी भर्ती में एलटी शिक्षकों की अनदेखी पर नाराज शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजकीय शिक्षक संघ रुद्रप्रयाग के जिलाध्यक्ष
नरेश कुमार भट्ट के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सरकार द्वारा प्रधानाचार्य सीधी भर्ती
नियमावली का विरोध करते हुए समान योग्यता व अनुभव होने के बावजूद शासन स्तर पर बनाये गये मानकों को अव्यवाहारिक बताया। ज्ञापन में कहा गया कि इससे अधिसंख्य
एलटी शिक्षकों को अवसर प्राप्त नहीं होंगे।
जिलाध्यक्ष नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि प्रधानाचार्य पद पदोन्नति का पद है जो पदोन्नति से शत प्रतिशत भरा जाना चाहिए। इस प्रकार की नियमावली बनाकर सरकार की
मंशा विद्यालयों में प्रधानाचार्य नियुक्त करने की मंशा पर सवाल खड़े होते है। यदि सरकार की प्रदेश के विद्यालयों में प्रधानाचार्य नियुक्त करने की मंशा
साफ है तो तत्काल नियमावली में संशोधन कर एलटी शिक्षकों को भी शामिल करे। सरकार इस प्रकार के नियम लागू कर रही है जिससे एलटी शिक्षकों के हित प्रभावित हो रहे
हैं। ज्ञापन में एलटी से प्रवक्ता पदों पर तत्काल पदोन्नति करने के फलस्वरूप ही अतिथि शिक्षकों के प्रवक्ता पदों पर नियुक्ति की जाए। अक्टूबर 2005 के बाद
नियुक्त शिक्षक एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। जनपद में तीनों विकास खंडों में केवल एक ही पूर्णकालिक खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यरत
है तथा जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है। जनपद में अधिकारी न होने
के कारण शिक्षकों के प्रकरण लंबित पड़े है। संघ ने सवाल उठाते हुए कहा कि विगत माह 16 अधिकारियों की पदोन्नति हुई है जिनकी तैनाती जनपदों में होनी है उन्हें
विगत एक माह से शासन में रोका गया है। उन अधिकारियों की जनपद में नियुक्ति की जाए। बेसिक से समायोजित शिक्षकों की पूर्व की सेवाओं को जोड़ते हुए चयन व
प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जाए। एलटी का स्टेट कैडर घोषित करते हुए मंडल परिवर्तन वाले शिक्षकों की वरिष्ठाता नियुक्ति तिथि से यथावत रखी जाए। समग्र
शिक्षा के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन नियमित आहरित किया जाए। प्रशासनिक व शैक्षणिक नियमावली 2013 वापस लेकर प्रशासनिक पदों जैसे उप शिक्षा
अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी पदों पर प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाए तथा 50% प्रशासनिक पदों पर शैक्षणिक संवर्ग की पदोन्नति की जाए। वेतन विसंगति कनिष्ठ
वरिष्ठ। एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप चयन वेतनमान में वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। पूर्व की भांति प्रभारी प्रधानाचार्य को आहरण वितरण का अधिकार दिया
जाए। कला विषय के अंको को परिषदीय परीक्षा में जोड़ा जाए। इंटरमीडिएट स्तर शारीरिक शिक्षा का पद सृजित किया जाय। प्रतिनिधि मंडल में जनपदीय उपाध्यक्ष
शीशपाल पंवार, जिला प्रवक्ता गंगाराम सकलानी, विनोद नौटियाल, पूर्व ब्लाक उपाध्यक्ष दिनेश बिष्ट उपस्थित थे।ञ