दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज- उत्तराखंड में मकरैणी यानि मकर संक्रांति का पावन पर्व इस बार 15 जनवरी 2023, दिन रविवार को मनाया जाएगा। पहाड़ में इसे मकर संक्रमित से देव पूजन शुरू हो जाते है, विशेष लोकदेवताओं के तीर्थ स्नानों के लिए गंगातट पर भीड़ उमड़ती है। यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस दिन मकर राशि में सूर्य प्रवेश कर जाते हैं और इसलिए ही इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। बहुत सी जगहों पर

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इसे खिचड़ी और उत्तरायण भी कहते हैं। मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का मेला विभिन्न नदियों के घाटों पर लगता है। इस शुभ दिन तिल खिचड़ी का दान करते हैं। पौड़ी जनपद में इसे गिंदी कौथीग के रूप में तो रूद्रप्रयाग जनपद में उत्तरैणी के रूप जाना जाता है। रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार और सूरजप्रयाग में गंगा तट पर मेला लगता है। इस दिन मंदाकिनी नदी के अगस्त्य तट पर स्नान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त  उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी. मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा. वहीं, महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. मकर संक्रांति के दिन पुण्य और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए।