बंसत पंचमी पर आज अगस्त्यमुनि मंदिर में छठ पूजन, माँ पद्मावती का भी हो रहा हो आगमन
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26/01/20236:58 am
दीपक बेंजवाल । अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज- मंदाकिनी घाटी में स्थित श्री अगस्त्य ऋषि मंदिर में बसंत पंचमी की दो दिवसीय छठ पूजा का आयोजन आज किया जा रहा है। मंदिर के आचार्य भूपेंद्र बेंजवाल ने बताया कि इस छठ पूजन में मंदिर के गर्भगृह में स्थापित मूर्तियों के समस्त विग्रह को सूर्योदय में स्नान कराया जाता है। रात्रि के चार प्रहर विशेष पूजा होती हैं। अगले दिन षष्ठी की सुबह छठ पूजा का समापन होता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में भगवान सूर्य को समर्पित विशेष छठ पूजा का आयोजन केवल अगस्त्य मंदिर में किया जाता है। नारदीय पुराण के अनुसार महर्षि अगस्त्य साक्षात विष्णु रूप हैं। मान्यता है कि विध्यांचल पर्वत के आकार में वृद्धि के कारण सूर्य का मार्ग रुक जाता है। तब महर्षि अगस्त्य ही सूर्य का मार्ग प्रशस्त करते हैं। तभी से सूर्य भगवान शुक्ल पक्ष की पंचमी-षष्ठी तिथियों में साक्षात रूप से अगस्त्य मंदिर में विराजमान होते हैं। इसी कारण महर्षि अस्त्य आश्रम में सूर्य पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।
बंसत पंचमी पर आज अगस्त्यमुनि मंदिर में छठ पूजन, माँ पद्मावती का भी हो रहा हो आगमन
दस्तक पहाड़ की से ब्रेकिंग न्यूज़:
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दीपक बेंजवाल । अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज- मंदाकिनी घाटी में स्थित श्री अगस्त्य ऋषि मंदिर में बसंत पंचमी की दो दिवसीय छठ पूजा का आयोजन आज किया जा रहा है। मंदिर के आचार्य भूपेंद्र
बेंजवाल ने बताया कि इस छठ पूजन में मंदिर के गर्भगृह में स्थापित मूर्तियों के समस्त विग्रह को सूर्योदय में स्नान कराया जाता है। रात्रि के चार प्रहर विशेष
पूजा होती हैं। अगले दिन षष्ठी की सुबह छठ पूजा का समापन होता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में भगवान सूर्य को समर्पित विशेष छठ पूजा का आयोजन केवल अगस्त्य मंदिर में किया जाता है। नारदीय पुराण के अनुसार महर्षि अगस्त्य साक्षात
विष्णु रूप हैं। मान्यता है कि विध्यांचल पर्वत के आकार में वृद्धि के कारण सूर्य का मार्ग रुक जाता है। तब महर्षि अगस्त्य ही सूर्य का मार्ग प्रशस्त करते
हैं। तभी से सूर्य भगवान शुक्ल पक्ष की पंचमी-षष्ठी तिथियों में साक्षात रूप से अगस्त्य मंदिर में विराजमान होते हैं। इसी कारण महर्षि अस्त्य आश्रम में
सूर्य पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।
आज धार तोन्दला गाँव की माँ पद्मावती ( पद्मासैंण) भी कोटेश्वर स्नान करने के पश्चात आराध्य मुनि महाराज से मिलने अगस्त्यमुनि पहुंच रही है।